India | Eng | July, 2025
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गुरु पूर्णिमा विशेष: शिर्डी में श्रद्धा और भक्ति से गूंजा हर कोना
महाराष्ट्र
शिर्डी, महाराष्ट्र –
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर शिर्डी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। देशभर से हजारों की संख्या में साईं भक्तों ने शिर्डी पहुंचकर बाबा को नमन किया और अपने जीवन को धन्य किया।
इस वर्ष शिर्डी साईं संस्थान द्वारा भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भजन संध्या, पालकी यात्रा, आरती, और विशाल अन्नदान प्रमुख आकर्षण है। सुबह 4 बजे काकड़ आरती से दिन की शुरुआत हुई, और पूरे दिन साईं बाबा मंदिर में हर घंटे भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं।
साईं बाबा – श्रद्धा और सबुरी के प्रतीक
साईं बाबा को गुरु मानने वाले लाखों भक्तों के लिए यह दिन आत्मिक ऊर्जा और मार्गदर्शन पाने का अवसर है। शिर्डी की पावन भूमि आज श्रद्धा और सबुरी की भावनाओं से सराबोर हो गई।
"हर साल श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा पर शिर्डी आते हैं। बाबा उनकें जीवन के सच्चे गुरु हैं। शिर्डी आकर श्रद्धालु के मन को असीम शांति मिलती है।"
📸 वातावरण में गूंजते मंत्र, फूलों से सजे मंदिर प्रांगण, और भक्तों की आँखे – जिनमें आस्था और प्रेम की चमक थी – यह दृश्य हर किसी को भावविभोर कर रहा है।
सुरक्षा और व्यवस्था:
शिर्डी साईं संस्थान और स्थानीय प्रशासन ने इस अवसर पर विशेष सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था की है। सीसीटीवी, मेडिकल टीम और स्वयंसेवकों की सहायता से पूरे आयोजन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा रहा है।।
गुरु पूर्णिमा का संदेश:
इस पर्व का मूल संदेश है – "गुरु वह दीप है, जो अंधकार में भी राह दिखाता है।"
साईं बाबा का जीवन स्वयं एक उदाहरण है कि कैसे एक सच्चा गुरु बिना किसी भेदभाव के सभी को प्रेम, सेवा और सत्य की राह पर ले जाता है।
news4p.in की ओर से आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
"आपके जीवन में सद्गुरु का प्रकाश सदा बना रहे।"
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शिर्डी : १०८ फूट उंच राष्ट्रध्वजाचे लोकार्पण सोहळा संपन्न..
महाराष्ट्र
श्री साईबाबा मंदिर परिसरातील गेट क्रमांक ०१ जवळ "फ्लॅग फाउंडेशन ऑफ इंडिया" यांच्या देणगीतून उभारण्यात आलेल्या १०८ फूट उंच भव्य राष्ट्रध्वजाचा लोकार्पण सोहळा आज सकाळी मोठ्या उत्साहात पार पडला. या कार्यक्रमाचे उद्घाटन फ्लॅग फाउंडेशन ऑफ इंडिया चे अध्यक्ष व लोकसभा खासदार नवीन जिंदाल, शिर्डी लोकसभा खासदार भाऊसाहेब वाकचौरे व श्री साईबाबा संस्थानचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर (भा.प्र.से.)यांच्या हस्ते संपन्न झाले.
या प्रसंगी संस्थानचे उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी भिमराज दराडे, प्रशासकीय अधिकारी संदीपकुमार भोसले, प्रज्ञा महांडुळे-सिनारे, विश्वनाथ बजाज, मुख्य लेखाधिकारी मंगला वराडे,कार्यकारी अभियंता भिकन दाभाडे , संरक्षण अधिकारी रोहिदास माळी, शिर्डी ग्रामस्थ, संस्थानचे विविध विभागाचे विभाग प्रमुख, कर्मचारी व साईभक्त मोठ्या संख्येने उपस्थित होते.
कार्यक्रमाच्या प्रारंभी गोरक्ष गाडीलकर यांनी प्रास्ताविकातून ध्वजारोहणाचे महत्त्व सांगितले. त्यानंतर खासदार भाऊसाहेब वाकचौरे आणि खासदार नवीन जिंदाल यांनी आपले मनोगत व्यक्त करत, राष्ट्रप्रेम जागृत करणाऱ्या या उपक्रमाबद्दल समाधान व्यक्त केले. फ्लॅग फाउंडेशनच्या वतीने लेफ्ट. कर्नल सुनील नरोला यांनी उपस्थितांचे आभार मानले. कार्यक्रमाचे सुत्रसंचालन श्री साईबाबा महाविद्यालयाचे कांडेकर सर यांनी केले.
हा भव्य राष्ट्रध्वज मंदिर परिसरातील एक नवीन ऐतिहासिक पर्व सुरू करणारा प्रेरणास्रोत ठरणार असून, देशाभिमान आणि भक्तिभाव यांचा संगम साधणारा एक मानबिंदू म्हणून श्री साईभक्तांना प्रेरणा देत राहील.
विशेष रिपोर्ट, News4P India
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“धूप में भी ठंडक: गुजरात का ‘सांस लेता हुआ घर’”
गुजरात
गर्मी का नाम सुनते ही जहां लोग एसी और कूलर की तरफ दौड़ पड़ते हैं, वहीं गुजरात के एक छोटे से कस्बे में बना यह घर सबको चौंका रहा है। इसे ना तो एसी की जरूरत होती है, ना ही बिजली के बड़े बिल की चिंता — फिर भी यह घर अंदर से रहता है शांत, ठंडा और सुकूनदायक।
कैसे? क्योंकि ये घर “सांस लेता है”।
मिट्टी, हवा और इंसानी बुद्धि का जादू
इस घर को बनाने में स्थानीय मिट्टी, प्राकृतिक वेंटिलेशन सिस्टम और ऐसे डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है जो गर्मी को अंदर आने से रोकता है और ठंडी हवा को भीतर बनाए रखता है।
दीवारें मोटी हैं और मिट्टी व चूने से बनी हैं, जो सूरज की गर्मी को घर में नहीं आने देतीं।
छत इस तरह बनाई गई है कि दिन में गर्मी ऊपर फंस जाती है, और रात की ठंडी हवा नीचे बहती है।
पवनद्वार (Ventilation Shafts) की मदद से हर कोना खुला और ताजगी से भरा रहता है।
टिकाऊ नहीं, “जीवंत” जीवनशैली
इस घर में रह रहे परिवार का मानना है कि,
"यह सिर्फ ईंट-पत्थर का घर नहीं, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ चलना सिखाता है।"
बिजली का बिल पहले जहां 2500-3000 रुपये आता था, अब मुश्किल से 500 रुपये पार करता है — वो भी पंखों के उपयोग के साथ।
देश को दिशा दिखा रहा है गुजरात
जहां शहरीकरण के नाम पर कंक्रीट के जंगल उगते जा रहे हैं, वहीं यह “सांस लेने वाला घर” एक नई दिशा दिखा रहा है —
कि विकास और प्रकृति साथ चल सकते हैं।
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घाटी में गूंजा एकता का संदेश: अंधेरे के बीच उम्मीद की रौशनी
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के सुंदर पर्वतीय स्थल पहलगाम में हाल ही में घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिकर दिया।
जहाँ कुछ अंधेरे ताकतों ने पर्यटकों पर हमला करने की कोशिश की, वहीं पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया — एक आवाज़, एक दिल, एक भावना के साथ।
🇮🇳 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत सुरक्षा समीक्षा करन इसी पल ने भारत की एकता, साहस और मानवता की ताकत को भी उजागर , राहत कार्यों को प्राथमिकता दी और लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च दर्जा दिया।
🕯️ समाज के हर वर्ग से लोगों ने पीड़ितों के लिए प्रार्थनाएं कीं — मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों में एक साथ शांति की कामनाएँ गूंज उठीं।
🚁 सुरक्षाबलों और बचाव दलों ने अदम्य साहस दिखाया, सैकड़ों पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया, घायल लोगों का तुरंत इलाज कराया और हमलावरों की खोज में तेजी लाई।
✈️ एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइनों ने तुरंत विशेष उड़ानों का संचालन शुरू किया ताकि लोग सुरक्षित अपने घर पहुँच सकें।
कई स्थानीय लोगों ने भी अपने घरों के दरवाज़े खोले, भोजन और गर्म चाय के साथ पर्यटकों का स्वागत किया।
🌍 दुनिया भर से समर्थन आया, अमेरिका, इज़राइल, UAE जैसे देशों ने भारत के साथ एकता प्रकट की और आतंक के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने की सराहना की।
📿 यह घटना एक याद दिलाती है कि भारत की आत्मा अटूट है — हर अंधेरे के बाद सूरज फिर निकलता है।
और इस बार भी, हमारी मानवता, हमारी एकता और हमारा विश्वास इस अंधकार पर विजय पाकर फिर से उजाले की ओर बढ़ रहा है।
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महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव की महिमा का पावन पर्व
महाराष्ट्र
महाशिवरात्रि, जिसका अर्थ है "भगवान शिव की महान रात्रि," हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और इसे पूरे भारत और दुनिया भर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। साल 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की रात मानी जाती है। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इसके अलावा, यह दिन भगवान शिव के तांडव नृत्य से भी जुड़ा हुआ है, जो सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार का प्रतीक है।
पूजा विधि और अनुष्ठान
महाशिवरात्रि पर भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और चारों प्रहर की पूजा करते हैं। इस दिन किए जाने वाले प्रमुख अनुष्ठान इस प्रकार हैं:
🔹 व्रत (उपवास) – भक्त इस दिन निर्जला या फलाहारी व्रत रखते हैं। कुछ भक्त केवल दूध, फल और गंगाजल ग्रहण करते हैं।
🔹 रात्रि जागरण (जागरण) – भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त पूरी रात जागकर भजन-कीर्तन और शिव मंत्रों का जाप करते हैं।
🔹 शिवलिंग अभिषेक – शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, घी और बेलपत्र चढ़ाकर अभिषेक किया जाता है।
🔹 शिव मंत्रों का जाप – भक्त "ॐ नमः शिवाय" और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं।
🔹 कथा एवं भजन-कीर्तन – मंदिरों में शिव पुराण की कथा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा स्थलों की मान्यता
भारत में कई प्रमुख स्थानों पर महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है:
🌿 काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) – यहां लाखों भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं।
🌿 महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (उज्जैन) – महाकाल मंदिर में भस्म आरती और विशेष पूजा का आयोजन होता है।
🌿 बाबा बासुकीनाथ धाम (झारखंड) – यह स्थान शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
🌿 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात) – भगवान शिव का यह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाशिवरात्रि पर भव्य अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध है।
महाशिवरात्रि व्रत के नियम
✅ उपवास के दौरान केवल फल, दूध, और गंगाजल ग्रहण करें।
✅ भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक, और शुद्ध जल चढ़ाएं।
✅ रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करें।
✅ ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
❌ इस दिन तामसिक भोजन, शराब, और नकारात्मक विचारों से बचें।
महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक संदेश
महाशिवरात्रि केवल पूजा-पाठ का ही दिन नहीं है, बल्कि यह आत्मचिंतन और ईश्वर की भक्ति में लीन होने का अवसर भी है। यह पर्व हमें भगवान शिव की तरह त्याग, धैर्य और सादगी अपनाने की प्रेरणा देता है।
इस शुभ अवसर पर भगवान शिव से प्रार्थना करें कि वे हमें सच्चाई और धार्मिकता के मार्ग पर चलने की शक्ति दें।
🔱 "ॐ नमः शिवाय!"
हर हर महादेव! 🚩
विशेष रिपोर्ट, News4P India
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शिर्डी परिक्रमा 2025: News4P India परिवार ने बढ़ाया आस्था का कदम
महाराष्ट्र
शिर्डी, 2025 – श्रद्धा और सबूरी की भूमि शिर्डी में इस वर्ष की शिर्डी परिक्रमा 2025 में News4P India परिवार ने भी हिस्सा लिया। साईं बाबा की कृपा से इस आध्यात्मिक यात्रा में शामिल होकर सभी सदस्यों ने श्रद्धा और भक्ति का अनूठा अनुभव किया।
परिक्रमा के दौरान साईं समाधि मंदिर, द्वारकामाई, चावड़ी और लेंडी बाग जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन किए गए। पूरे उत्साह और आस्था के साथ इस परिक्रमा को पूरा कर, News4P India परिवार ने शांति, सकारात्मकता और दिव्यता का अनुभव किया।
इस यात्रा का उद्देश्य केवल भक्ति नहीं, बल्कि समाज में एकता, प्रेम और सेवा की भावना को बढ़ावा देना भी रहा। सभी सदस्यों ने एक-दूसरे की मदद करते हुए इस परिक्रमा को सफल बनाया।
News4P India परिवार ने साईं बाबा से प्रार्थना की कि उनका आशीर्वाद सभी भक्तों पर बना रहे और हर कोई जीवन में श्रद्धा एवं सबूरी के मार्ग पर आगे बढ़े। 🙏✨
(शिर्डी से विशेष रिपोर्ट, News4P India
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उत्तराखंड में UCC लागू, महाकुंभ में अमित शाह ने की गंगा स्नान
उत्तराखंड
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करके राज्य ने देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह कदम न केवल एकता और समानता को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में भेदभाव और असमानता को खत्म करने की दिशा में भी एक मजबूत पहल है।
समान नागरिक संहिता लागू होने के प्रमुख बिंदु:
UCC के तहत सभी नागरिकों के लिए समान कानून होंगे, चाहे उनका धर्म, जाति, या लिंग कुछ भी हो।
इससे महिलाओं और वंचित वर्गों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है।
उत्तराखंड सरकार ने इसे समाज में निष्पक्षता और समानता लाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।
महाकुंभ में अमित शाह ने लगाई डुबकी:
महाकुंभ, जो कि भारत की संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, इस बार एक और खास पल का गवाह बना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ में पवित्र गंगा में डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की।
अमित शाह ने इस अवसर पर देश की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर की सराहना की।
डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कहा कि "गंगा में डुबकी लगाकर उन्हें अद्भुत शांति और ऊर्जा का अनुभव हुआ।"
इस अवसर पर भारी संख्या में भक्त मौजूद थे और महाकुंभ का माहौल श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी इस अवसर पर अपनी खुशी जाहिर की और राज्य में UCC लागू करने को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
यह कदम न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा है, जो समानता, एकता और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देगा।
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स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास
नई दिल्ली,
भारत आज 26 जनवरी 2025 को अपने 76वें गणतंत्र दिवस के रूप में मना रहा है, जिसकी थीम 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है। यह थीम देश की संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहर के साथ विकास की यात्रा को पेश करती है।
गणतंत्र दिवस 2025 की परेड का केंद्रीय आयोजन 'कर्तव्य पथ' पर हो रहा है, जहाँ स्वतंत्रता के सूर्य पर्व और प्रगतिशीलता की झलक देखी जाती है। इस साल की झांकियों में भी कई खास चीजें देखने को मिलीं।
सेना और ज्ञानिया का गौरव
गणतंत्र दिवस 2025 की परेड में भारतीय सेना की शौर्यगाथा को विशेष रूप से दर्शाया गया। गौरव की बात है कि देश की झांकियों में आधुनिक विकास, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखा गया। सेना की झांकियों ने देश की सुरक्षा और बलिदान की गौरवशाली परंपरा को जीवंत किया। टैंक, मिसाइल और आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित झांकियों ने देश की सैन्य ताकत को दिखाया।
झांकियों में उत्तर प्रदेश की 'काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर', महाराष्ट्र की 'सह्याद्री के शूरवीर', और तमिलनाडु की 'संगम संस्कृति' जैसी सांस्कृतिक विरासतों को प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, आत्मनिर्भर भारत और 'मेक इन इंडिया' पहल को भी प्रमुखता दी गई।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। परेड में शामिल स्कूलों के बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधान और लोकनृत्यों के माध्यम से भारत की विविधता को दर्शाया। उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि देश का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है।
इस बार की परेड ने भारत की ताकत, संस्कृति और विकास को एक साथ प्रस्तुत किया, जो हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' की इस थीम ने देशवासियों को अपनी जड़ों से जुड़ने और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने का संदेश दिया है। यह गणतंत्र दिवस भारत की एकता, विविधता और प्रगति का प्रतीक बनकर हमारे दिलों में बस गया।
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ममता कुलकर्णी का नया अध्याय – आध्यात्मिकता की ओर सफर
महाकुंभ
एक समय था जब ममता कुलकर्णी का नाम बॉलीवुड के चमकते सितारों में गिना जाता था। उनका ग्लैमर, उनकी फिल्में और उनका अंदाज हर जगह चर्चा में रहता था। लेकिन किसे पता था कि उनकी यह चमकती दुनिया एक दिन किसी और दिशा में रौशनी फैलाएगी।
प्रयागराज के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में, ममता कुलकर्णी ने अपनी पुरानी पहचान को त्यागकर आध्यात्मिक जीवन को अपनाया। किन्नर अखाड़े ने उन्हें ‘महामंडलेश्वर’ की पदवी से नवाजा। अब वह ममता नंद गिरि कहलाएंगी। यह कदम केवल एक पदवी या मान्यता नहीं था, बल्कि उनके जीवन का एक ऐसा मोड़ था, जिसने उनकी आत्मा को शांति और नई दिशा दी।
ग्लैमर से ध्यान तक का सफर
ममता ने ग्लैमर की दुनिया को 23 साल पहले ही अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपने गुरुओं के सान्निध्य में तप और ध्यान को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। कई सालों की साधना और समर्पण के बाद, उन्होंने महसूस किया कि असली शांति ग्लैमर और प्रसिद्धि में नहीं, बल्कि आत्म-खोज और अध्यात्म में है।
किन्नर अखाड़ा और समाज के लिए संदेश
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनना न केवल ममता के लिए एक व्यक्तिगत सम्मान था, बल्कि यह समाज को एक बड़ा संदेश देता है। यह बताता है कि जीवन में किसी भी मुकाम पर, आप अपनी राह बदल सकते हैं और एक नई शुरुआत कर सकते हैं।
संगम तट पर पिंडदान और नई शुरुआत
महाकुंभ में संगम तट पर उन्होंने पिंडदान किया, जो उनकी पुरानी पहचान का प्रतीकात्मक अंत था। इसके साथ ही उन्होंने खुद को एक नई पहचान, नए उद्देश्य और नए सपनों के साथ समाज को समर्पित कर दिया।
प्रेरणा का स्रोत
ममता कुलकर्णी का यह कदम उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने जीवन में बदलाव की तलाश में हैं। यह दिखाता है कि आपकी उम्र, अतीत, या सामाजिक पहचान आपको एक नई शुरुआत करने से नहीं रोक सकती।
यह कहानी न केवल ममता कुलकर्णी की है, बल्कि उन लाखों लोगों की है, जो अपने जीवन में आध्यात्मिकता, शांति और संतोष की तलाश में हैं।
"जीवन का असली मकसद तभी पूरा होता है, जब आप अपनी आत्मा को समझें और उसे सच्ची शांति दें।
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बालको के मोर जल मोर माटी परियोजना ने कृषि नवाचार को दिया बढ़ावा
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने मोर जल मोर माटी परियोजना के अंतर्गत दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया। वेदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर तथा भटगांव गांव में आयोजित कार्यक्रम में 40 गांव के 600 से अधिक किसानों ने भाग लिया। आयोजन कृषि पद्धतियों को आगे बढ़ाने और ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने में बालको की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
किसान दिवस के तहत आयोजित मेले में विभिन्न स्टॉल लगाए गए। बालको की मोर जल मोर माटी परियोजना के दो स्टॉल, एकीकृत कीट एवं पोषक तत्व प्रबंधन, फसल चक्र, रोग संक्रमण के साथ पशुधन विकास पद्धति जैसे नस्ल की विविधता तथा चारा प्रबंधन आदि पर ध्यान केंद्रित था। जिला कृषि, बागवानी, पशु चिकित्सा विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र, कटघोरा ने भागीदारी कर, पोल्ट्री हैचरी सहित कृषि नवाचार और नवीन मशीनरी का प्रदर्शन किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय जैसे राज्य कृषि और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने भी भाग लिया। इन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों के साथ किसान को परामर्श भी दिया। मेले में बाड़ी प्रबंधन, ग्राफ्टिंग, बीज ड्रेसिंग और मिट्टी की जुताई का व्यावहारिक प्रदर्शन भी किया गया। इसका उद्देश्य किसानों को उत्पादकता में सुधार हेतु कृषि तकनीक और सस्टेनेबल खेती के तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील किसान को उनके समर्पण और दूरगामी दृष्टिकोण के लिए सराहा गया। वितरित किए गए पुरस्कारों में गैर-लकड़ी वन उत्पाद (एनटीएफपी) लाख खेती स्प्रे किट जैसे उन्नत उपकरण शामिल थे, जिन्हें कृषि उन्नति को प्रेरित करने और समुदाय में युवा किसानों को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कृषि जागरूकता के साथ कार्यक्रम में रस्साकशी और तीरंदाजी जैसे पारंपरिक खेलों के माध्यम से ग्रामीण सौहार्द देखने को मिला। इन गतिविधियों ने मनोरंजन को सार्थक सीखने के अनुभवों के साथ मिलाते हुए आनंद और एकता का माहौल बनाया।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हमारे किसान देश के आर्थिक विकास के प्रमुख अंग हैं। उन्होंने बताया किसान मेला नवीन कृषि प्रथाओं के माध्यम से गांव को समृद्ध बनाना जो बालको के दृष्टिकोण का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य किसानों को बेहतर संसाधन और कृषि प्रशिक्षण प्रदान कर, सस्टेनेबल कृषि तंत्र बनाना जो आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
कृषिका श्रीमती लक्ष्मीन बाई ने कहा कि किसान मेला एक ऐसा अनुभव रहा है जिसका हम बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह एक अंतर्दृष्टि प्रदान कर, हमें खेत की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है। बालको का समर्थन हमें आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित करने के साथ एक समृद्ध भविष्य की ओर लेकर जाता है।
कृषि में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ बालको की मोर जल मोर माटी परियोजना 40 गांवों में लगभग 2200 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 5000 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। परियोजना का कार्यान्वयन बायफ इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल लाइवलीहुड के सहयोग किया जा रहा है। इस पहल के तहत किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है जिसमें सिस्टमेटिक राइस इंटेंसीफिकेशन (एसआरआई), ट्रेलिस, जैविक खेती, जलवायु अनुकूल फसल, सब्जी और गेहूं की खेती आदि जैसी आजीविका बढ़ाने वाली गतिविधियों शामिल हैं। लगभग 15% किसान पशुपालन, बागवानी और गैर-लकड़ी वन उपज जैसी आजीविका जुड़े हुए हैं। परियोजना ने बाड़ी प्रबंधन को बढ़ाते हुए पशुधन विकास के तहत नई पहल भी शुरू की है। सतत विकास और सामुदायिक विकास पर को केंद्र में रखकर बालको भारत के कृषि क्षेत्र में प्रगति का एक प्रतीक बना हुआ है।
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Balco/Raipur
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बालको की उन्नति परियोजना से जुड़ी महिलाएं, क्रिसमस एवं नव वर्ष को बनाया खास
बालकोनगर
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने 'आरोग्य' परियोजना के अंतर्गत विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाया। कंपनी ने इस साल के थीम ‘सही रास्ते अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!’ के तहत महीने भर चले अभियान में जिले के 31,000 से अधिक व्यक्तियों तक पहुंच बनाई। बालको ने सोशल रिवाईवल ग्रुप ऑफ अरबन रूरल एण्ड ट्राईबल, स्रोत, कोरबा के साथ साझेदारी कर जिला स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति (सीजीएसएसीएस) के सहयोग से इस अभियान को संचालित किया।
इस साल के थीम का उद्देश्य एचआईवी/एड्स प्रति जागरूकता बढ़ाना, तथ्यात्मक जानकारी का प्रसार करना, कलंक को कम करना और उच्च जोखिम वाले व्यवहार समूह, युवाओं और समुदाय के बीच निवारक उपायों को बढ़ावा देना है। कंपनी द्वारा संचालित मासिक ऑडियो-विजुअल 'जागरूकता रथ' अभियान का शुभारंभ जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। जिसमें कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केशरी, डॉ. के. के. सहारे, डीन मेडिकल कॉलेज, कोरबा तथा डॉ. बी. आर. रात्रे (नोडल अधिकारी, एचआईवी/एड्स और टीबी) डॉ. गोपाल कंवर, संयुक्त निदेशक सह जिला अस्पताल अधीक्षक शामिल हुए।
कंपनी के सामुदायिक विकास पहल द्वारा विभिन्न महाविद्यालयों तथा स्कूल में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में होप्स इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, ओरिएंटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, सरकारी मेडिकल कॉलेज, तथा अस्पताल ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में ओरिएंटल मेडिकल कॉलेज ने प्रथम पुरस्कार जीता। उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जागरूकता सत्र तथा महाविद्यालयों में एचआईवी/एड्स जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए गए।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां जागरूकता एचआईवी के खिलाफ एक शक्तिशाली ढाल के रूप में कार्य करेगा। जागरूकता सत्रों के साथ हमारा लक्ष्य एक अधिक सूचित और प्रगतिशील समाज को बढ़ावा देना है, जो ऐसी बीमारी के ट्रांसमिशन में कमी लाएगा और जीवन को सुरक्षित कर सकता है। समुदायों के भीतर हमारा लक्ष्य सभी के लिए एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य बनाने की दिशा में हमारी कटिबद्धता को दर्शाता है।
नागरिकों से इस बीमारी को बेहतर ढंग से समझने का अनुरोध करते हुए, जिला अस्पताल कोरबा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. एस.एन. केशरी ने कहा कि मैं प्रत्येक नागरिक से आगे आने, ज्ञान प्राप्त करने और एचआईवी/एड्स स्थिति के बारे में जागरूक होने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खंड और जिले में एकीकृत परीक्षण और परामर्श केंद्र (आईसीटीसी) तैयार हैं जो व्यक्तियों को उनकी भलाई की यात्रा में सशक्त बनाने के लिए मुफ्त परीक्षण और परामर्श प्रदान करते हैं।
13 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से 50 से अधिक युवाओं को जागरूकता लीडर (स्वयंसेवक) के रूप में सशक्त बनाने के लिए '2 दिवसीय युवा नेतृत्व प्रशिक्षण' का आयोजन किया। इन्हीं युवा लीडर ने 22 ‘युवा चौपाल’ के माध्यम से एचआईवी के रोकथाम पर बात कर 700 से अधिक युवाओं को एचआईवी पर संवेदनशील बनाया। इसके साथ ही 3 प्राथमिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में एचआईवी/एड्स परामर्श और प्रथम स्तर की परीक्षण सेवाओं की सुविधा प्रदान की गई। इससे लोगों को उनके घर के दरवाजे पर परामर्श और परीक्षण की सुविधा मिल सकी। एड्स पर जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। ट्रक ड्राइवर और प्रवासी श्रमिक समूह के 200 सदस्यों को व्यवहार परिवर्तन प्रथाओं और विषय वस्तु पर उनकी जानकारी के लिए सुलभ सहायता सेवाओं के प्रति जागरूक किया गया।
आरोग्य परियोजना एक व्यापक स्वास्थ्य पहल है जो कंपनी ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट के माध्यम एचआईवी, टीबी, नशामुक्ति पर जागरूकता अभियानों के माध्यम से निवारक और उपचारात्मक दोनों तरह की गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान करती है। इसके साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषण और एनीमिया पर जागरूकता अभियान संचालित करती है। वित्तीय वर्ष विभिन्न उपचारात्मक और निवारक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से 40,000 से अधिक लोगों तक पहुँच बनाई। बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए 2000 से अधिक माताओं को उनकी देखभाल और पोषण संबंधी प्रथाओं में सुधार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। यह परियोजना स्थानीय स्वास्थ्य निकायों और समितियों को मजबूत भागीदारी के साथ सशक्त बनाती है।
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बालको की उन्नति परियोजना से जुड़ी महिलाएं, क्रिसमस एवं नव वर्ष को बनाया खास
बालकोनगर
उन्नति की महिलाओं ने स्वादिष्ट केक के साथ मनाया जश्न
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने इस त्योहार के सीजन में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाले अपने ‘उन्नति’ परियोजना के तहत घर पर बने केक की विशेष रेंज लॉन्च की है। इस पहल के तहत 300 से अधिक केक की बिक्री की। इसमें विभिन्न प्रकार के केक शामिल हैं, जो ग्राहकों की मांग को पूरा करते हुए त्योहारी आवश्यकताओं को पूरा किया। इस क्रिसमस के त्योहार पर कोरबा में बेहतरीन स्वाद का केक पेश किया।
उन्नति परियोजना से जुड़ी महिलाओं द्वारा बनाएं गए केक में प्लम, फ्रूट, चॉकलेट कप केक तथा स्लाइस केक सहित कई तरह के फ्लेवर मौजूद हैं। सभी के लिए विभिन्न स्वाद एवं कई आकार में ऑर्डर पर उपलब्ध है। प्रोजेक्ट उन्नति का उद्देश्य महिलाओं को स्व सहायता समूह में शामिल करने और उन्हें सशक्त बनाने तथा उद्यमिता और स्थायी आजीविका के निर्माण के लिए उनकी क्षमताओं और कौशल को निखारने पर केंद्रित है।
500 से अधिक एसएचजी, जिनमें 5,800 से अधिक महिलाएं शामिल हैं, जो परियोजना के विभिन्न प्रशिक्षण मॉड्यूल से लाभान्वित हो रही हैं। वर्तमान में प्रोजेक्ट उन्नति के तहत छत्तीसा माइक्रो एंटरप्राइज छत्तीसगढ़ के पारंपरिक स्नैक्स, हस्तनिर्मित चॉकलेट, आउटडोर कैटरिंग सेवा, कुकीज, अचार, पापड़, बड़ी, पपची, खाजा, ठेठरी और केक के साथ टिफिन सेवाएं प्रदान कर रहा है। परियोजना को वर्तमान में जीपीआर स्ट्रैटेजीज एंड सॉल्यूशंस के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है, जो सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर-सरकारी संगठन है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने उद्यमिता के महत्व पर बोलते हुए कहा कि यह एक ऐसी परियोजना है जो नवाचार के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने क के लिए आवश्यक है। प्रोजेक्ट उन्नति इस भावना को दर्शाता है, जो हमारे समुदायों में स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए आवश्यक कौशल, उपकरण और संसाधन प्रदान कर स्थायी आजीविका के लिए तैयार करने में बालको की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केक खरीदने वाली देबाशीष जेना ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्नति परियोजना से जुड़ी महिलाएँ द्वारा तैयार किए गए केक अपनी गुणवत्ता और स्वाद में बेहतरीन थे। विभिन्न प्रकार के केक और डिलीवरी सुविधा ने इसकी पहुंच को आसान बना दिया है। एक नेक उद्देश्य का समर्थन करने वाले केक का आनंद लेना दिल को छू लेने वाला अनुभव था।
विभिन्न प्रकार के केक ने अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख महिला एवं बाल विकास परियोजना के तहत संचालित आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र, नंद घर में क्रिसमस के जश्न के दौरान 800 बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। यह परियोजना महिलाओं के लिए प्रारंभिक बचपन शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करती है। क्रिसमस कार्निवल के अंतर्गत बालको टाउनशिप में समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 400 से ज़्यादा बच्चे शामिल हुए। कार्निवल में कई तरह के सरप्राइज़, एक्टिविटी और गेम के साथ-साथ एक जादूगर के आकर्षक अनुभव भी शामिल थे। साथ ही प्लांट में भी क्रिसमस के मौके पर कंपनी के कर्मचारी एवं व्यावसायिक साझेदार सिक्रेट सेंटा बनकर सभी ने एक दूसरे को गिफ्ट प्रदान किया जो बालको की समावेशिता की कटिबद्धता के अनुरूप हैं
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देश और राज्य के विकास में बालको का महत्वपूर्ण योगदा
बालकोनगर
भारत सरकार ने 27 नवंबर 1965 को भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में की और छत्तीसगढ़ के कोरबा में एल्यूमिनियम कारखाना स्थापित करने का निर्णय लिया। उस समय आज का विशाल औद्योगिक नगर कोरबा, मध्य प्रदेश के बिलासपुर जिले का हिस्सा था। बालको के एल्यूमिनियम कारखाना की योजना पर कार्य आरंभ हुआ, साथ ही व्यापार का नया क्षेत्र और विविध अवसर अपने साथ लेकर आया। वर्ष 1970 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र का निर्माण प्रारम्भ हुआ। यह वह समय था, जब बड़ा आर्थिक निवेश के साथ हजारों हाथों को रोजगार के जरिये अतिरिक्त आर्थिक संबल और समृद्धि हासिल हुई। वर्ष 1975 में बालको के एल्यूमिनियम संयंत्र ने पूर्ण आकार ले लिया। फिर वह खुशनुमा सुबह आई, जब मई 1975 में बालको ने धातु का उत्पादन प्रारम्भ किया। सन् 2001 तक उत्पादन क्षमता 01 लाख टन प्रति वर्ष थी।
कंपनी सही मायने में रोजगार और व्यापार का पर्याय बन गया है। बालको में कार्यरत कुल 1986 कर्मचारियों में से छत्तीसगढ़ राज्य के 1379 कर्मचारी शामिल हैं। क्षेत्र की हजारों प्रतिभाओं का संयंत्र में नियोजन होने के साथ हजारों मेहनतकशों को नियमित रोजगार मिलने लगा। व्यापार तथा सहायक उद्योगों की नई राह खुल गई। कोरबा में सिल्वर (एल्यूमिनियम) अपनी चमक बिखरने लगा। वर्ष 2001 में हुए निजीकरण के बाद से बालको में सतत, सम्यक और तीव्रगति से प्रगति की एक नयी संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। निजीकरण के बाद 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार तथा 51 प्रतिशत वेदांता समूह के पास है।
वर्तमान में, देश में एल्यूमिनियम की कुल मांग 4.1 मिलियन टन है, जिसमें बालको 14 प्रतिशत एल्यूमिनियम की पूर्ति कर रहा है। अभी भारत की एल्यूमिनियम खपत प्रति व्यक्ति लगभग 3 किलोग्राम है। दूसरी ओर, विश्व की प्रति व्यक्ति औसत एल्यूमिनियम खपत लगभग 12 किलोग्राम है। अनुमान है कि यह मांग 2030 तक बढ़कर लगभग 15 से 20 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो जाएगा। विकाशील देश की श्रेणी में होने की वजह से भारत में इस धातु की खपत विश्व के औसत खपत से ज्यादा होने की प्रबल संभावना है।
देश में बढ़ते एल्यूमिनियम की मांग को देखते हुए बालको की विस्तार परियोजना इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्ष 2026 तक 01 मिलियन टन के विस्तार परियोजना के बाद बालको, देश की कुल 20 प्रतिशत एल्यूमिनियम की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा। बालको, अपने उत्पादन का 90 प्रतिशत एल्यूमिनियम घरेलू बाजार में ही विक्रय करता है। बालको सहित वेदांता समूह की एल्यूमिनियम बिजिनेस कुल 2.37 मिलियन टन एल्यूमिनियम उत्पादित कर रहा है। रिसाईकल और सस्टेनेबल गुणों की वजह से एल्यूमिनियम ‘भविष्य का धातु’ के रूप में देखा जा रहा है।
बालको के निजीकरण और विस्तार परियोजनाओं की शुरूआत से लेकर इसके प्रचालन में आने तक हजारों हाथों को रोजगार मिला है। कोरबा और बालको के व्यवसाय ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। बालको, अभी और प्रगति के नए सोपानों को तय करने के लिए प्रतिबद्ध है। बालको के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार के कुशल नेतृत्व में कंपनी की विस्तार परियोजना को साकार रूप देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कंपनी के प्रगति के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर का निर्माण होगा। शीघ्र ही 01 मिलियन क्लब की ऊंचाई को छू लेगा और देश और राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।
बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है। कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर, और इसकी सीएसआर नीतियों और प्रणालियों को जमीन पर स्थायी प्रभाव देने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे इन समुदायों को राष्ट्र की प्रगति में एक समान भागीदार बनाया जाता है।
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बालको सस्टेनेबिलिटी से उर्जा संरक्षण को दे रहा है बढ़ावा
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियमम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने वित्तीय वर्ष में उर्जा संरक्षण के विभिन्न पहल के माध्यम से अपनी निरंतर प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। सस्टेनेबिलिटी के प्रति अपने प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए कंपनी ने अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। कंपनी हरित ईंधन के विभिन्न स्रोतों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, बायोमास, बायोडीजल आदि के माध्यम से अपने ऊर्जा मिश्रण में हरित ऊर्जा की मात्रा को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
कंपनी संयंत्र में छह इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट का उपयोग कर रहा है जो 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। दैनिक प्रचालन कार्यों में इसका महत्वपूर्ण योगदान है जो तैयार माल की आवाजाही, ब्रेकडाउन, रखरखाव प्रबंधन, कच्चे माल की आवाजाही, स्टोर प्रबंधन और गोदाम संचालन जैसे कार्यों को सुविधाजनक बनाया है। अनुमानित रूप से प्रति वर्ष लगभग 93,000 लीटर डीजल की खपत में कमी आई है। कंपनी ने डीकार्बोनाइजिंग को बढ़ावा देते हुए पूरे संयंत्र में उपयोग किए जाने वाले तकनीकी वाहनों के लिए ईंधन के रूप में बायो-डीजल तथा आवाजाही के लिए इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर रहा है।
कंपनी अपने स्मेल्टर संचालन में बायोडीजल उपयोग कर रहा है। पिघले हुए गर्म धातु (एल्यूमिनियम) को लेकर जाने वाले लैडल्स को गर्म करने के लिए बायोडीजल का इस्तेमाल करता है। बायोडीजल कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त ईंधन का रूप है जिसके उपयोग से जीवाश्म ईंधन की तुलना में काफी कम ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन होता है जो वेदांता कंपनी के विजन नेट जीरो कार्बन के अनुरूप है। 2022 में बालको ने विभिन्न उर्जा संरक्षण पहल से लगभग 22000 गीगा जूल ऊर्जा की बचत की थी जो 2024 में बढ़कर लगभग 24,587 गीगा जूल पहुंच गई है। कंपनी अपने विश्व स्तरीय स्मेल्टर में एनर्जी इफीसिएंसी ग्रेफाइटाइज्ड पॉट का उपयोग कर उर्जा खपत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्मेल्टर में पॉट कंट्रोलर अपग्रेडेशन के साथ कंपनी लगभग प्रति मीट्रिक टन पर 150 किलोवॉट बिजली खपत को कम किया है। अनुमानित रूप से 246 टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है। कंपनी के विभिन्न पहल के साथ महत्वाकांक्षी लक्ष्य वर्ष 2030 तक नेट वाटर पॉजिटिविटी और 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन की स्थिति हासिल करना है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम बालको में पर्यावरणीय भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने मिशन की आधारशिला के रूप में ऊर्जा-कुशल संस्कृति को लागू करने के लिए समर्पित हैं। हमारे विभिन्न पहल के माध्यम से संयंत्र के साथ समुदाय में जिम्मेदार ऊर्जा खपत को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिज्ञा का प्रतीक है। नवाचार, जागरूकता और सहयोग के माध्यम से हम स्थायी और एनर्जी इफीसिएंसी व्यवसाय प्रथाओं को अपना रहे हैं जो हरित, पर्यावरण अनुकूल दुनिया की ओर सांस्कृतिक बदलाव को भी प्रेरित कर रहे हैं।
ऊर्जा संरक्षण में बालको के उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार की परफॉर्म, अचीव एंड ट्रेड (पीएटी) योजना के तहत ‘पीएटी टॉप परफॉर्मर’ अवार्ड 2023 जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले हैं। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत में भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (पीएक्सआईएल) से नवीकरणीय बिजली की खरीद शामिल है। इन इस प्रथाओं के साथ बालको भारत की सबसे अधिक ऊर्जा कुशल कंपनियों में से एक है।
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बालको कर्मचारियों ने दिव्य ज्योति स्कूल में मनाया अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने दिव्य ज्योति स्कूल में बच्चों के साथ अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस मनाया। स्कूल में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन जागरूकता को बढ़ावा देने और किशोरों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न पहल का आयोजन किया गया। कंपनी के समावेशिता और सशक्तिकरण दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के अनुरूप कार्यक्रम में 100 से अधिक दिव्यांग बच्चे और बालको कर्मचारी शामिल हुए।
बालको ने 'स्टिच माई ओन पैड' नामक एक विशेष कार्यक्रम भी संचालित किया। आर्थिक रूप से कमजोर और माहवारी से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करते हुए कंपनी द्वारा संचालित प्रशिक्षण ने अलग-अलग दिव्यांग किशोरियों को अपने स्वयं के पुन: प्रयोज्य कपड़े के पैड सिलने के लिए सशक्त बनाया। इस सत्र में माहवारी से जुड़ी चुनौतियों और भ्रांतियों के बारे में भी चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य एक ऐसा सहायक वातावरण बनाना था जो किशोरियों के आत्मविश्वास और स्वस्थ प्रथाओं को अपनाने के लिए सशक्त बनाए।
दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए बालको ने माहवारी के बारे में शिक्षा को सशक्त बनाने और सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष ब्रेल-आधारित शिक्षण मॉड्यूल भी पेश किए हैं। कंपनी के मॉड्यूल से मूक, श्रवण और दृष्टि बाधित बच्चों और संवेदी चुनौतियों का सामना करने वाले इन सभी को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन तथा कर्मचारी ने बच्चों के साथ कहानियाँ साझा कर उन्हें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने समावेशिता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम अपने कार्यस्थल और साथ ही अपने आस-पास के समुदाय में समावेशिता की संस्कृति बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम व्यक्तियों की अद्वितीय क्षमताओं का जश्न मनाकर और सार्थक बदलाव लाने वाले समान अवसर पैदा करके उन्हें सशक्त बनाने में विश्वास करते हैं। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से हम बाधाओं को तोड़ने और सभी के लिए अधिक न्यायसंगत भविष्य बनाने की उम्मीद करते हैं।
दिव्यांग बच्चों के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए बालको के सहायक प्रबंधक श्री दीपम नाथ ने कहा कि बालको में स्वयंसेवा करना हमेशा एक प्रेरणादायी अनुभव रहा है। समुदाय के साथ जुड़ना मुझे याद दिलाता है कि योगदान करने का विकल्प कितना बेहतर है। दिव्य ज्योति स्कूल की मेरी यात्रा ने मुझे एक ऐसी दुनिया की झलक दिखाई, जहाँ शारीरिक चुनौतियाँ सीमाएं नहीं हैं बल्कि उनका आत्मविश्वास ही उनकी शक्ति है। संगीत की धुनें न सुन पाने के बावजूद छात्रों द्वारा किया गया नृत्य प्रदर्शन उनके दृढ़ संकल्प और प्रतिभा को दर्शाता है जो वाकई में उन्हें विशेष बनाता है। यह एक प्रेरक अनुभव है जो हमेशा मेरे साथ रहेगा।
एक समान कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता के रूप में बालको विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए कई पहल करता है। संवेदीकरण कार्यशालाओं और प्रशिक्षण का आयोजन कर बेहतर कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देता है जो समझ और सम्मान पर पनपती है। कंपनी एक समावेशी नियुक्ति दृष्टिकोण अपनाते हुए योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है। कंपनी सक्रिय रूप से विविध पृष्ठभूमि, अनुभव और क्षमता युक्त प्रतिभा की तलाश करती है, जिससे विविधता और समावेशन की प्रतिबद्धता मजबूत होती है। कंपनी ने अब तक अपने यहां 18 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों और 3 दिव्यांग कर्मचारियों को नियोजित किया है।
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बालको ने माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन अनुकूल स्कूल बनाने के लिए चलाया अभियान
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वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने सामुदायिक विकास परियोजना ‘नयी किरण’ के अंतर्गत मितान भवन में दो दिवसीय जिला स्तरीय माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन (एमएचएम) प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की। कोरबा जिले के 113 माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के अध्यापक प्रतिनिधियों को माहवारी स्वच्छता के अनेक आयामों से परिचित कराया गया। साथ ही कार्यक्रम में एमएचएम पर एक माड्यूल-1 भी लांच किया गया। ‘नयी किरण’ परियोजना का उद्देश्य महिलाओं और किशोरी बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता के जैव वैज्ञानिक पहलुओं, स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों और उनके समाधान, पोषण आहार आदि से परिचित कराना है।
बालको की नई किरण परियोजना के अंतर्गत एमएचएम फ्रेंडली स्कूलों के निर्माण के लिए विशेष रूप से मॉड्यूल डिजाइन की गई है। इसका उद्देश्य शुरूआत से ही विद्यार्थियों को किशोर स्वास्थ्य, माहवारी संबंधी मिथकों और भ्रांतियों के प्रति जागरूकता तथा प्रबंधन एवं स्वच्छ प्रथाओं का विकास करना है। स्कूल के बच्चों को जागरूक करने के लिए ‘एमएचएम किट’- पैड, पैड सिलाई सामग्री, कैसे प्रयोग करें, साबुन और डिस्पोजल एवं डस्टबिन की व्यवस्था है। इसके साथ ही प्रशिक्षण सत्रों में सभी प्रतिनिधियों को शारीरिक समझ, किशोरवस्था में आने वाले बदलाव, माहवारी स्वास्थ्य एवं प्रबंधन तथा स्वच्छता के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
इस पहल के तहत वर्ष 2023 से सरकारी एवं प्राइवेट प्रशिक्षित स्कूलो की संख्या 71 से बढ़कर 113 हो गई है। प्रत्येक स्कूलों से एक टीचर को ‘एमएचएम साथी’ बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। कैंपेन का उद्देश्य एक न्यायसंगत और समावेशी स्कूल बनाना है जहां बच्चे माहवारी के बारे में सामान्य तरीके से बातचीत कर सके। बीते वर्ष इस कैंपने के अंतर्गत लक्षित क्षेत्रों में माहवारी संबंधी उत्पाद, अस्पतालों और क्लीनिक के सेवा प्रदाताओं से माहवारी पर बातचीत और पारदर्शी पैकेजिंग को खुले तौर पर अपनाने की शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको की नयी किरण परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र की किशोरियों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य स्तर में उत्तरोत्तर सुधार तथा माहवारी संबंधी भ्रांतियों और शंकाओं का समाधान करना है। इसके अंतर्गत लक्षित वर्ग को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए उन्हें अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है। स्कूलों में माहवारी के प्रति जागरूकता अभियान से बेहतर भविष्य का निर्माण होगा। समाज में माहवारी के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने के प्रति बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।
बालको ने वर्ष 2019 से सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कोरबा जिले के 45 गांवों एवं नगर पालिक निगम क्षेत्रों में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता परियोजना लागू की। परियोजना के अंतर्गत 600 से अधिक एमएचएम लीडर बनाएं गए जिसमें किशोर बालक, बालिकाएं, स्वं सहायता समूह, आंगनवाड़ी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता और अध्यापकगण शामिल हैं। सभी लीडर समुदाय में जाकर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति बालिकाओं और महिलाओं को जागरूक करनें में सक्षम हुई हैं। परियोजना के दायरे में समुदाय के लगभग 50000 से अधिक लोग शामिल हैं।
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बालको 'सुरक्षा संकल्प' के 3 वर्ष पूरे, सुरक्षा संस्कृति को मिली मजबूती
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वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपनी मासिक सुरक्षा पहल 'सुरक्षा संकल्प' के तीन साल पूरा कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस कार्यक्रम में कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों दोनों की भागीदारी शामिल है, जिसने संयंत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परिणामस्वरूप संयंत्र परिसर के भीतर सुरक्षा मानकों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
दिसंबर 2021 से आरंभ सुरक्षा संकल्प कार्यक्रम का उद्देश्य कोचिंग, कॉउंसिलिंग, मॉनिटिरिंग और त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने में निहित सुरक्षा संस्कृति का पोषण करना है। प्रत्येक महीने के पहले दिन आयोजित होने वाले व्यापक प्रशिक्षण सत्रों ने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करते हुए सुरक्षा-प्रथम व्यवहार को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लगातार तीसरने वर्ष में आयोजित 36वें प्रशिक्षण में 1500 से अधिक कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों ने हिस्सा लिया। सभी इस पहल के माध्यम से सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में तीन वर्षों के समर्पित प्रयासों का जश्न मना रहे थे।
सुरक्षा संकल्प कार्यक्रम अपने संचालन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई विभिन्न प्रकार की थीम को शामिल करता है। कंपनी सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में शिक्षित करने के साथ विभिन्न टीमों के भीतर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रोत्साहित किया है। पुरस्कृत व्यक्ति अपने विभागों के भीतर सुरक्षा जागरूकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है और दूसरों को कार्यस्थल में सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि कंपनी में हम जीरो हार्म के अपने दृष्टिकोण का पालन पूरी प्रतिबद्धता के साथ करते हैं। सुरक्षा संकल्प’ एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक रहा है जो हमारे कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों की भलाई को प्राथमिकता देने के साथ एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करता है। हम अपने सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपना रहे हैं। इस पहल की निरंतरता और लगातार सुदृढ़ीकरण से सुरक्षा मानसिकता को विकसित करने तथा सुरक्षा व्यवहार में परिवर्तन लाने में सहायक साबित हुआ।
मजबूत सुरक्षा संस्कृति का निर्माण करने के लिए कंपनी कई अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया है। जैसे- ऑगमेंटेड एंड वर्चुअल रिएलिटी आधारित प्रशिक्षण केंद्र, वीडियो एनालिटिक्स, सस्टेनेबेलिटी मोबाइल ऐप और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम जैसे डिजिटलीकरण के माध्यम से कर्मचारियों को सुरक्षा संस्कृति से जोड़ा गया है। सुरक्षा क्षेत्र में बालको अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर की मदद से यातायात एवं सड़क सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला सहित विभिन्न सुरक्षा कार्यों में बेहतर निर्णय लेने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस और डेटा अंतर्दृष्टि का लाभ उठा रहा है। रियल टाइम डेटा की निगरानी, कोयला यार्ड में हॉट स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम जैसी परियोजनाओं सहित एंड-टू-एंड डिजिटल डैशबोर्ड की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थर्मल निरीक्षण का उपयोग करना शामिल है। शॉप फ्लोर में भारी वाहनों के सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए एलईडी लोगो प्रोजेक्टर का प्रयोग हो रहा है। टी-पल्स निगरानी प्रणाली जो एआई मॉडल का उपयोग करके कैमरा नेटवर्क के माध्यम से रियल टाईम में संयंत्र के अंदर चल रहे कार्यों की निगरानी करता है। सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आंतरिक वाहन संचालन में अत्याधुनिक एआई तकनीक एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) और ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम (डीएमएस) को लागू किया गया है।
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बालको अस्पताल ने बीएमसी के सहयोग से लगाया निःशुल्क कैंसर जांच शिविर
बालकोनगर
बालको अस्पताल ने बीएमसी के सहयोग से लगाया निःशुल्क कैंसर जांच शिविर बालकोनगर, 29 नंवबर 2024।* बालको अस्पताल ने बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) के सहयोग से समुदाय के लिए निःशुल्क कैंसर जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया। कैंसर विशेषज्ञ के नेतृत्व में विभिन्न सत्रों का आयोजन तथा ओपीडी एवं मोबाइल कैंसर जांच वैन के माध्यम से स्क्रीनिंग की गई। इस अभियान के माध्यम से समुदाय में कैंसर संबंध�
बालको अस्पताल ने बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) के सहयोग से समुदाय के लिए निःशुल्क कैंसर जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया। कैंसर विशेषज्ञ के नेतृत्व में विभिन्न सत्रों का आयोजन तथा ओपीडी एवं मोबाइल कैंसर जांच वैन के माध्यम से स्क्रीनिंग की गई। इस अभियान के माध्यम से समुदाय में कैंसर संबंधित बीमारी के शीघ्र पहचान के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई। कैंसर शिविर में 140 से अधिक समुदाय के सदस्यों एवं बालको कर्मचारियों ने परामर्श लिया। इन्हीं में से 33 लोगों की वैन की मदद से स्क्रीनिंग की गई।
तीन दिवसीय कैंसर जांच एवं परामर्श शिविर में विभिन्न प्रकार के कैंसर स्तन, गर्भाशय सर्वाइकल, सिर एवं गर्दन के कैंसर की जांच तथा विशेषज्ञ परामर्श दी गई। मोबाइल कैंसर वैन में मैमोग्राफी, पैप स्मीयर टेस्ट, ब्रश साइटोलॉजी, एफएनएसी, वीआईए परीक्षण की सेवाएँ प्रदान करती है। जरूरत पड़ने मरीज को बालको मेडिकल सेंटर में रेफर करने की सुविधा। इसके साथ ही बीएमसी ने पिछले महीने स्तन कैंसर जागरुकता माह के दौरान “शर्म छोड़ो, गाँठों पर बोलो” थीम पर व्यापक अभियान चलाया। जिसका लक्ष्य स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाना तथा इस बीमारी से जुड़े कलंक को हटाना। बीएमसी का उदेश्य लोगों को कैंसर रोग के प्रति जागरूक तथा इसकी रोकथाम व जांच हेतु विभिन्न उपायों को प्रोत्साहन दिया जाए।
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बालको ने विश्व गुणवत्ता सप्ताह पर चलाया जागरूकता अभियान
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व गुणवत्ता पर साप्ताहिक उत्सव मनाया। इस वर्ष की थीम ‘फ्रॉम कंप्लायंस टू परफॉर्मेंस’ पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जिसका उद्देश्य गुणवत्ता सिद्धांतों की समझ बढ़ाना था। 500 से अधिक कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों को शामिल कर गुणवत्ता उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा दिया गया जो सिर्फ अनुपालन तक सीमित नहीं है।
सप्ताह भर चलने वाले इस जागरूकता उत्सव में सभी लीडर ने बातचीत कर गुणवत्ता के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान गुणवत्ता-थीम क्विज़, डिजिटल पोस्टर, स्लोगन लेखन, प्रतियोगिताएं शामिल थे। बालको ने कर्मचारियों को प्रचालन में गुणवत्ता के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ‘आइडिया जेनरेशन’ तथा 'चाय पर चर्चा' के रोचक संस्करण के माध्यम से कंपनी अपने कर्मचारियों को गुणवत्ता प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस जागरूकता अभियान में सभी विचारों और नवाचारों को आमंत्रित किया गया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
गुणवत्ता के महत्व पर बात करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि गुणवत्ता हमारी सफलता की आधारशिला है। इस वर्ष की थीम के अनुरूप संयंत्र में गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना, हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गुणवत्ता जागरूकता को बढ़ावा देने और सक्रिय भागीदारी को निभाति हुए, हमारा लक्ष्य गुणवत्ता को एक मानक से आगे बढ़ाकर उसे कार्य संस्कृति हिस्सा बनाना है।
कार्यक्रम के महत्व पर अपनी बात रखते हुए स्मेल्टर में प्रोसेस टेक्निशियन के तौर पर कार्यरत श्री नारायण गुप्ता ने कहा कि गुणवत्ता हमारे प्रचालन के प्रत्येक प्रक्रिया की कुंजी है जो सुनिश्चित करती है हमारा उत्पाद की सबसे बेहतर हो। विश्व गुणवत्ता सप्ताह में आइडिया जनरेशन प्रतियोगिता में भाग लेने से मुझे अपने दैनिक अनुभवों से व्यावहारिक समाधान साझा करने में मदद मिली। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो महत्वपूर्ण संयंत्र प्रक्रियाओं के रखरखाव से संबंधित है। हम जो भी छोटे-छोटे कदम उठाते हैं वह गुणवत्ता की संस्कृति को सुदृढ़ बनाने में योगदान देता है।
बालको अपने उत्पाद के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता मूल्यांकन और बेंचमार्किंग का उपयोग करता है। साथ की कंपनी को रोल्ड उत्पाद, वायर रॉड और प्राइमरी इनगॉट सहित सात प्रमुख उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से सर्टिफिकेट भी प्राप्त है। बीआईएस सर्टिफिकेट के अलावा बालको प्राथमिक एल्यूमिनियम और मिश्र धातुओं के उत्पादन और आपूर्ति के लिए आईएसओ 9001:2015 (गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली) सहित वैश्विक मानकों का पालन करता है। इसके साथ ही इन-हाउस पोरस डिस्क फ़िल्ट्रेशन उपकरण सुविधा, उत्पाद की शुद्धता और विश्वसनीयता को बढ़ाती है जो कंपनी की उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करने का उदाहरण है।
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छत्तीसगढ़ के विकास में वेदांता के प्रमुख सीएसआर योगदानों को उजागर करते हुए, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने वित्त वर्ष 2024 की सोशल इम्पैक्ट रिपोर्ट जारी की
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अंतरविभागीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन धूमधाम से संपन्न किया। प्रतियोगिता के महिला वर्ग में प्रोजेक्ट फिमेल्स टीम ने सिक्योरिटी स्पाइकर्स टीम को हराकर फाइनल विजेता टीम का खिताब अपने नाम किया। पुरुष वर्ग में सिक्योरिटी ए ने रोचक मुकाबले में पॉटरूम स्टार्स को मात देकर फाइनल विजेता ट्रॉफी अपने नाम किया। पॉवर राकर्स ने कास्ट बस्टर्स टीम को मात देकर प्रतियोगिता में अपना तीसरा स्थान सुनिश्चित किया। इस प्रतियोगिता में कुल 36 पुरुष और 6 महिला टीमों ने हिस्सा लिया। लगभग 15 दिनों तक चले वॉलीबॉल प्रतियोगिता में कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों, ठेका कामगारों, विभिन्न इकाइयों में कार्यरत महिलाएं तथा बालको अस्पताल की महिला एवं पुरुष टीमों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से खेल प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन किया।
सभी विजेता टीम को कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ट्रॉफी एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। पुरुष वर्ग में बेस्ट स्पाइकर्स सूरज, बेस्ट स्मैशर बिबेकानंद मोहराना (बापूनी) तथा बेस्ट डिफेंडर विजय मिश्रा को चुना गया। वहीं महिला वर्ग में बेस्ट स्पाइकर्स रुपांजली, बेस्ट स्मैशर सुमन चंद्रवंशी तथा बेस्ट डिफेंडर की खिताब पुष्पांजली चौहान को मिला।
प्रतियोगिता में सभी टीमों को खेल की सराहना करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने विजेता टीमों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि टीम भावना, एकजुटता और पारस्परिक सौहार्द्र बढ़ाने के उद्देश्य से खेल स्पर्धाओं का आयोजन महत्वपूर्ण है। कंपनी अपने कर्मचारियों एवं व्यावसायिक भागीदारों के स्वास्थ्य के लिए नियमित विभिन्न खेलों का आयोजन किया है।
वॉलीबॉल प्रतियोगिता में बालको के अधिकारी, कर्मचारी, व्यावसायिक भागीदारों और टाउनशिप सहित कुल महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों को मिलाकर 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। टीम भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रतिस्पर्धा मैच के अलावा सद्भावना मैच जिसमें कमेटी बनाम रेफरी टीम तथा मैनेजमेंट बनाम ट्रेड यूनियन के बीच खेला गया। टीमों ने खेल भावना परिचय देते हुए प्रतिस्पर्धा की जिससे संगठन के भीतर सौहार्द और मजबूत हुआ।
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छत्तीसगढ़ के विकास में वेदांता के प्रमुख सीएसआर योगदानों को उजागर करते हुए, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने वित्त वर्ष 2024 की सोशल इम्पैक्ट रिपोर्ट जारी की
बालकोनगर
बालको के कैंसर देखभाल केंद्र, स्थायी आजीविका सृजन और महिला सशक्तिकरण की सफलता पर प्रकाश डाला गया_
रायपुर, छत्तीसगढ़, 22 नवंबर, 2024: भारत के विकास में योगदान के लिए वेदांता लिमिटेड की सामाजिक पहल शाखा,अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में 437 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जिससे 1.73 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया। इसमें भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) और बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में महत्वपूर्ण योगदान शामिल है। फाउंडेशन की वार्षिक सोशल इम्पैक्ट रिपोर्ट, "नर्चरिंग, ट्रांसफॉर्मिंग, लीडिंग: इंडिया'स ग्रोथ स्टोरी", में 153 उच्च प्रभावशाली परियोजनाओं का उल्लेख किया गया है, जो 1,200 से अधिक गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, महिला एवं बाल विकास, कौशल व आजीविका, पशु कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं।
बालको, वेदांता की सहायक कंपनी है, जो छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक प्रतिष्ठित एल्युमीनियम निर्माता है। यह अपने परिचालन क्षेत्रों और आसपास के समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। बालको अपनी सीएसआर पहलों के माध्यम से इन समुदायों को सशक्त और सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके तहत इन्होंने छत्तीसगढ़ के कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर जिलों के 123 गाँवों में लगभग 1.7 लाख लोगों को लाभ पहुँचाने का लक्ष्य बनाया है। वर्षभर में, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य देखभाल और सामुदायिक बुनियादी ढाँचे जैसी विभिन्न सामाजिक प्रभाव पहलों के माध्यम से कुल 1,69,056 ज़िंदगियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया गया है।
वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन, प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा, "वेदांता में, हमारी मूल विचारधारा 'अर्थ' (जो मूल्य हम उत्पन्न करते हैं) और 'धर्म' (जो मूल्य हम वापस देते हैं) हमें समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को मार्गदर्शन प्रदान करती है। हमारी हर पहल — चाहे वह बच्चों का पोषण और स्वास्थ्य देखभाल हो, कौशल विकास और आजीविका, खेलों का प्रचार, सांस्कृतिक संरक्षण या अन्य कोई पहल — ये सभी हमारे समावेशी और सशक्त भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।"
नया रायपुर में स्थित बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की प्रमुख पहल है और यह कैंसर देखभाल की पहुँच को सुगम और सुलभ बनाने में अग्रणी के रूप में स्थापित हो चुका है। इसकी स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी, और तब से अब तक इसने 170-बेड वाली तृतीयक देखभाल ऑन्कोलॉजी सुविधा के माध्यम से 38,500 से अधिक मरीजों का इलाज किया है। बीएमसी अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक और थेराप्यूटिक सेवाएँ प्रदान कर रहा है। वर्ष 2023 में, बीएमसी को अर्ली-ऑनसेट कोलोरेक्टल कैंसर पर शोध के लिए 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रतिष्ठित "कैंसर ग्रैंड चैलेंजेस" अनुदान प्राप्त हुआ। यह अनुदान कैंसर रिसर्च यूके और यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के सहयोग से प्रदान किया गया।
मुंगेली, छत्तीसगढ़ की 7 वर्ष की एक लड़की की कहानी काफी प्रेरणादायक है, जो बालको मेडिकल सेंटर से जुड़ी है। उसे पैर और जांघ की हड्डी में गंभीर हड्डी का कैंसर था, जिसे इविंग्स सारकोमा कहते हैं। बीएमसी में उसे जीवनरक्षक इलाज मिला। सामान्य तौर पर अगर धातु प्रत्यारोपण का इस्तेमाल करके पारंपरिक पुनर्निर्माण किया जाता, तो पैर की लंबाई में अंतर आ सकता था, जिससे पैर लगभग अनुपयोगी हो जाता। पैर को अलग करने पर भी विचार किया गया, लेकिन वह भी उपयुक्त नहीं था। इसके बजाए, बीएमसी की मेडिकल टीम ने रोटेशनप्लास्टी नामक एक अनोखी और दुर्लभ सर्जरी करने का निर्णय लिया। इस लड़की की कीमोथेरेपी और सर्जरी का पूरा खर्चा आयुष्मान भारत योजना के तहत उठाया गया, जिससे उसके परिवार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ा। इलाज के 6 महीने बाद, अब यह बच्ची आराम से चलने लगी है और अब अपने दैनिक जीवन को सहजता से जीने लगी है।
बालको का ‘मोर जल मोर माटी’ प्रोजेक्ट अपने समुदाय कल्याण और सतत आजीविका के प्रति प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस परियोजना ने जल प्रबंधन में सुधार और नवाचारी खेती के तरीकों को अपनाकर किसानों को पूरे वर्ष भर आय अर्जित करने में सक्षम बनाया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बालको ने 107 जल संरचनाओं का निर्माण किया, जिससे 1,06,061 क्यूबिक मीटर की कुल जल भंडारण क्षमता उत्पन्न हुई। जिन किसानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाया है, उनकी उत्पादकता में 1.4 गुना और आय में 50% की वृद्धि हुई है। अब तक, इस परियोजना से 4,749 किसानों को लाभ पहुँचा है, जो 32 गाँवों में 1,800 एकड़ भूमि को सिंचाई के लिए सुरक्षित करके 85% खेती करने वाले परिवारों की जरूरतों को पूरा करती है।
एक अन्य प्रेरणादायक सफलता की कहानी बुंदेली गांव के एक किसान तुलसी मांझवार की है। वे आय की सीमितता के चलते काफी परेशान थे। बालको के मार्गदर्शन में उन्होंने लाख की खेती की ओर रुख किया। परिणामस्वरूप, उनके खेत में 130 किलो लाख का उत्पादन हुआ और उन्होंने 65,000 रुपए की अतिरिक्त आय अर्जित की। यह मार्गदर्शन उनके परिवार की आजीविका में उल्लेखनीय सुधार करने में अहम कारक साबित हुआ। यह पहल ग्रामीण समुदायों में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने में बालको की भूमिका को दर्शाती है।
प्रोजेक्ट उन्नति महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसके माध्यम से उन्हें एसएचजी में शामिल किया जाता है, और उनकी क्षमताओं और कौशल को निखारा जाता है, ताकि वे उद्यमिता एवं स्थायी आजीविका के लिए तैयार हो सकें। इस परियोजना के तहत 531 स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में 5,741 महिलाओं को सशक्त किया गया और 2,087 महिलाओं को आर्थिक रूप से शामिल किया गया, जिन्होंने मिलकर 12 लाख रुपए की बचत करने में योगदान दिया। परियोजना ने 7 माइक्रो एंटरप्राइजेस के तहत 1,400 महिलाओं को प्रशिक्षित किया और 44 उत्पादों को प्रस्तुत करते हुए 10 लाख रुपए का राजस्व उत्पन्न किया।
अपनी सामाजिक प्रभाव शाखा के माध्यम से, वेदांता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है और स्वदेशी कारीगरों को सशक्त बना रहा है। दिल्ली हाट में वेदांता संस्कृति महोत्सव में बालको के प्रोजेक्ट उन्नति की महिलाओं को उनके उत्पादों को प्रदर्शित और बिक्री का अवसर मिला, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पहुँच छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर भी विस्तारित हुई।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख महिला और बाल परियोजना 'नंद घर' के तहत 14 राज्यों में आरंभ से अब तक 6,044 आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ में बालको द्वारा संचालित 262 केंद्र शामिल हैं। ये नंद घर भारत भर में 2,38,161 बच्चों और 1,78,620 महिलाओं को प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएँ और महिलाओं के लिए कौशल विकास जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
वेदांता लिमिटेड खनिज, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक है। यह अपनी 19 सहायक सब्सिडियरी के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों में अपना सामाजिक प्रभाव स्थापित कर रही है। कंपनी ने 5 वर्षों में अपने सीएसआर पहलों को और बेहतर करने के लिए 5,000 करोड़ रुपए का निवेश करने का संकल्प लिया है, ताकि एक सतत और समावेशी भविष्य का निर्माण किया जा सके।
आफ की सामाजिक पहलों से जुड़े प्रमुख आँकड़े (वित्त वर्ष 2023-24):
• 437 करोड़ रुपए का निवेश भारत में 153 सामाजिक परियोजनाओं में किया गया
• 1,200 से अधिक गाँवों में 1.73 करोड़ लोगों को लाभ पहुँचाया
• 6,044 नंद घरों के माध्यम से 238,161 बच्चों और 178,620 महिलाओं का सहयोग किया गया
• पशु कल्याण परियोजनाओं से 1.48 लाख पशुओं को लाभ मिला
• 140 से अधिक महिला फुटबॉलर्स की सफलता में योगदान दिया; 13वीं ऑल इंडिया कराटे चैंपियनशिप 2024 में 11 राष्ट्रीय स्तर के पदक जीते
• स्वास्थ्य पहलों के जरिए 17 लाख लोगों को सहायता प्रदान की गई
• सामुदायिक बुनियादी संरचना को सुधारकर 5.22 लाख लोगों के जीवन को बेहतर बनाया
छत्तीसगढ़ राज्य में वेदांता के बालको और बालको मेडिकल सेंटर के प्रमुख योगदान:
• बालको ने विभिन्न सामाजिक प्रभाव पहलों के माध्यम से 1,69,056 लोगों को लाभ पहुँचाया
• बीएमसी ने अर्ली-ऑनसेट कोलोरेक्टल कैंसर पर शोध के लिए 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रतिष्ठित कैंसर ग्रांड चैलेंजेस अनुदान प्राप्त किया
• बालको मेडिकल सेंटर के 77,025 प्रत्यक्ष लाभार्थी
• प्रोजेक्ट उन्नति के तहत 531 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में 5,741 महिलाओं को सशक्त किया गया और 2,087 महिलाओं को 1.2 करोड़ रुपए की संयुक्त बचत के साथ आर्थिक रूप से सशक्त किया गया
• 'मोर जल मोर माटी' परियोजना के तहत, जिन किसानों ने आधुनिक तकनीकों को अपनाया, उनकी उत्पादकता 1.4 गुना और आय में 50% का वृद्धि हुई
• वेदांता स्किल स्कूल के तहत 6 व्यवसायों में 1,241 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से 81% ने रोजगार प्राप्त किया या फिर खुद का व्यवसाय शुरू किया
• बालको के प्रोजेक्ट आरोग्य के तहत 49,000 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला और 8,500 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से सहायता मिली
आफ की पहल के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां जाएं: www.vedantalimited.com
किताब पढ़ने के लिए: https://heyzine.com/flip-book/3190307616.html
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन वेदांता की सामुदायिक और सामाजिक पहलों के लिए एक मुख्य संगठन है। यह संस्था स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पशु कल्याण प्रोजेक्ट्स तथा खेलों से जुड़ी पहलों पर काम करती है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का लक्ष्य स्थायी और समावेशी विकास के जरिये समुदायों को सशक्त बनाना, लोगों के जीवन को बेहतर बनाना और राष्ट्र निर्माण में मदद करना है।
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बालको में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस धूमधाम से मनाया गया
बालकोनगर
पुरुष को अकसर ताकत एवं हर परिस्थितियों में डटे रहने का प्रतीक माना जाता हैं हालांकि उनकी कहानियाँ इन पारंपरिक धारणाओं से कहीं ज़्यादा व्यापक हैं। घर के भरण-पोषण के साथ-साथ वे देखभाल, मार्गदर्शक, कला से जुड़ाव और खुद को बेहतर करने वाले भी हैं। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर बालको अपने संयंत्र से जुड़े सभी पुरुषों की विविध पहचान का सम्मान करता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी करुणा, रचनात्मकता और समर्पण न केवल रूढ़ियों को तोड़ते हैं बल्कि एक संतुलित और न्यायसंगत दुनिया बनाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
बालको अस्पताल के मरीज अटेंडर विकास महंत देखभाल को अपने उद्देश्य की तरह देखते हैं। उन्होंने कहा कि मरीज की सेवा करने में मुझे खुशी मिलती है। हर दिन लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहता हूँ। मरीजों की मदद करना, ख्याल रखना और उनकी मुस्कान देखना मुझे याद दिलाता है कि देखभाल मरीज के उपचार को आसान बना देता है। उन्होंने कहा कि मेरा काम, मुझे जीवन में आगे बढ़ने में मदद तथा परोपकारी बनाता है। इसी तरह प्लांट कैंटीन के सुपरवाईजर आर. प्रदीप पांडिकर ने कहा कि आतिथ्य सिर्फ खाना परोसना या रहने की व्यवस्था करना नहीं वरन आपसी जुड़ाव एवं मानव सेवा के बारे में है। मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि बालको में आने वाले आगंतुकों को एक सहज अनुभव मिले। उनके चेहरों पर मुस्कान देखना मेरे लिए सबसे बड़ी संतुष्टि है।
बालको में ऑपरेशन एडं मेंटेनेंस असिस्टेंट मैनेजर अंकुर सरकार अपने पालतू जानवरों के साथ बेहद जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मुझे सभी जीवों का सम्मान करना सिखाया। मेरी मछलियाँ, पक्षी और कुत्ता काम के लंबे दिन के बाद मुझे बिना शर्त प्यार देते हैं। वे मुझे मधुर संबंधों की याद दिलाते हैं। बालको में सीनियर प्रोसेस टेक्नीशियन हरीश देवांगन के लिए कला सच्चे साथी जैसा है। वह याद करते हैं कि बचपन से ही उन्हें पेंटिंग में सुकून मिला है। मेरी रचनाएँ मुझसे बात करती हैं जो मुझे जीवन में आगे बढ़ने एवं धैर्य रखना सिखाती हैं। इस शौक ने मुझे पहचान भी दिलाई है जिसके लिए मैं बालको का बहुत आभारी हूँ।
बालको जीईटी हॉस्टल की रसोई में चीफ शेफ जीत सिंह नेगी अपने हुनर पर गर्व करते हुए बताते हैं कि जैसे-जैसे मेरे मसालों की खुशबू फैलती है, वैसे-वैसे मेरी खुशी भी फैलती है। रोजाना 200 से अधिक लोगों को घर जैसा खाना परोसना, भागदौड़ के बावजूद भी खुशी मिलती है। बालको पॉटलाइन में कार्यरत हीरामणि वैष्णव ने अपनी कविता के बारे में बताते हुए कहते है कि मेरी कुछ कविताएं मेरे काम से प्रेरित हैं। शुरू में कविता सिर्फ मेरे लिए थी लेकिन मेरे साथियों से मिले प्रोत्साहन ने इसे कुछ ऐसा बना दिया जिसे मैं अब दुनिया के साथ साझा करता हूं।
अपने कार्यबल में बहुमुखी पुरुषों का जश्न मनाते हुए बालको ने अपने संयंत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया। सभी कार्य क्षेत्रो के पुरुषों को मान्यता दी गई और उनकी सराहना की गई। इस उत्सव ने पुरुषों द्वारा निभाई जाने वाली विविध भूमिकाओं को उजागर किया, चाहे वे काम पर हों या उसके अलावा रूढ़ियों को तोड़ने तथा खुद को परिभाषित करते हुए।
बालको एक समावेशी कार्यस्थल बनाने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि करता है, जहां हर इंसान बिना किसी लैंगिग भेदभाव के समग्र रूप से विकसित हो सकता है। पुरुषों की बहुमुखी पहचान को स्वीकार और सम्मान देकर बालको आपसी सम्मान, संतुलन और समानता पर आधारित संस्कृति को बढ़ावा देता है।
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बालको खेलों को बढ़ावा देने के लिए सदैव रहा अग्रणी
बालकोनगर
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको)
धातु उत्पादन के साथ, शुरूआत से ही जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करता रहा है। औद्योगिक विकास के साथ ही खेल क्षेत्र में भी कंपनी का समृद्ध इतिहास रहा है। युवाओं को खेल से जोड़ने में कंपनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के अंबेडकर स्टेडियम में स्थानीय समुदाय के युवा शुरू से विभिन्न खेल का अभ्यास करते रहे हैं। कर्मचारियों, स्कूल के बच्चों तथा समुदाय के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी समयांतराल पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करता है।
1974 में बालको लेडिज क्लब ने बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया। बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी क्लब ने 1976 में आउटडोर तथा इनडोर खेल का आयोजन शुरू किया। इसी साल अग्रदूत कमेटी द्वारा चाचा नेहरू के जन्मदिन पर त्रिटंगी (दो लोगों के पैरों को मिलाकर) खेल का आरंभ किया। लेडिज क्लब 1976 में ईधन बचत के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए साईकिल रिक्शा रेस को आयोजन किया।
कंपनी ने 1976 में मिनी ओलंपिक का आयोजन शुरू हुआ जिसमें स्मेल्टर, एल्यूमिना, एडमिस्ट्रेशन, कंस्ट्रक्शन और सीआईएसएफ के टीम शामिल हुए। प्रत्येक वर्ष इन्हीं टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा आयोजित होती थी। मिनी ओलंपिक में लांग जंप, हाई जंप, जेविलियन थ्रो, डिस्कस थ्रो, वेट लिफ्टिंग, स्लो साईकिल, शॉट पुट, रिले तथा 100 एवं 800 मीटर रेस को आयोजित किया। 26 जनवरी 1977 में बालको ने वार्षिक खेलकूद का आयोजन शुरू किया जिसमें फुटबॉल, बॉलीवॉल, कबड्डी एवं क्रिकेट शामिल थे। सभी विजेता टीमों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। 1979 के वार्षिक खेल में बच्चों के लिए अर्थमेटिक रेस तथा 1982 में शीतकालीन स्पोर्ट्स इंवेट की शुरूआत की गई। 1986 में बालको क्लब ने राज्य स्तरीय टेबल टेनिस के साथ ही बालको ने वार्षिक खेल में महिलाओं एवं पुरुषों के लिए कैरम एवं चेस की शुरूआत भी की।
1979 में सीमेंट कॉपोरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से अकलतरा में आयोजित वालीबॉल प्रतियोगिता में बालको की टीम रनरअप विजेता बनी। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) कोरबा द्वारा 1982 में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में फाइनल जीतकर बालको टीम ने शील्ड अपने नाम किया। 1986 में छत्तीगढ़ राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं नवागढ़, सलखन, जांजगीर एवं सक्ती में बालको विजयी सफलता हासिल की। 1982-83 में मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल (एमपीईबी), कोरबा एवं वेस्टन कोल फिल्ड द्वारा आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में शामिल 23 टीमों के प्रतिस्पर्धा में बालको ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए उपविजेता के साथ मैन ऑफ द मैच, सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज एवं सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के पुरस्कारों को अपने नाम किया।
1984 से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की 22 यूनिट (महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा एवं मध्य प्रदेश इत्यादि) के लिए बालकोनगर में कुश्ती प्रतियोगिता तथा सभी यूनिट के लिए बालको द्वारा सामूहिक रूप से बड़ा खाना का आयोजन किया जाता था। कंपनी ने 1985 में गांधी जयंती के अवसर पर क्षेत्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जिसमें हसदेव थर्मल पावर प्लांट, एनटीपीसी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) सहित आठ टीमों ने भाग लिया था। इसी वर्ष हॉकी तथा क्रिकेट प्रतियोगिता में इंडो-बर्मा पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने भी हिस्सा लिया।
कंपनी द्वारा 1989 में ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया जिसमें वालीबॉल, कबड्डी, निशानेबाजी, उंची कूद, गोला फेंक, भाला फेंक, 200 मीटर सहित स्थानीय खेल त्रिटंगी, बोरा और मटका दौड़ सहित मेढ़क एवं फुगड़ी दौड़ शामिल थे। इसमें दोंदरो, भदरापारा और लालघाट सहित अन्य गॉंवों ने हिस्सा लिया।
विनिवेशीकरण के बाद कई वर्षों तक बालको के अंबेडकर स्टेडियम में अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता तथा 2013 में राज्य स्तरीय गर्ल्स जूनियर कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया। खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन तथा स्थानीय स्तर पर आयोजित केएल मेहता एवं उर्जा कप क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा भी लेता रहा है। कंपनी ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभागीय, बालको प्रीमियर लीग (क्रिकेट), फुटबॉल एवं वॉलीबॉल टूर्नामेंट तथा बैडमिंटन का आयोजन करता है जिसमें कर्मचारी बढ़चढ़ के हिस्सा लेते हैं। स्थानीय समुदाय में बच्चो के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने स्पोर्ट्स किट वितरण किया है।
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बालको खेलों को बढ़ावा देने के लिए सदैव रहा अग्रणी
बालकोनगर
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको)
धातु उत्पादन के साथ, शुरूआत से ही जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करता रहा है। औद्योगिक विकास के साथ ही खेल क्षेत्र में भी कंपनी का समृद्ध इतिहास रहा है। युवाओं को खेल से जोड़ने में कंपनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी के अंबेडकर स्टेडियम में स्थानीय समुदाय के युवा शुरू से विभिन्न खेल का अभ्यास करते रहे हैं। कर्मचारियों, स्कूल के बच्चों तथा समुदाय के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी समयांतराल पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करता है।
1974 में बालको लेडिज क्लब ने बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया। बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी क्लब ने 1976 में आउटडोर तथा इनडोर खेल का आयोजन शुरू किया। इसी साल अग्रदूत कमेटी द्वारा चाचा नेहरू के जन्मदिन पर त्रिटंगी (दो लोगों के पैरों को मिलाकर) खेल का आरंभ किया। लेडिज क्लब 1976 में ईधन बचत के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए साईकिल रिक्शा रेस को आयोजन किया।
कंपनी ने 1976 में मिनी ओलंपिक का आयोजन शुरू हुआ जिसमें स्मेल्टर, एल्यूमिना, एडमिस्ट्रेशन, कंस्ट्रक्शन और सीआईएसएफ के टीम शामिल हुए। प्रत्येक वर्ष इन्हीं टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा आयोजित होती थी। मिनी ओलंपिक में लांग जंप, हाई जंप, जेविलियन थ्रो, डिस्कस थ्रो, वेट लिफ्टिंग, स्लो साईकिल, शॉट पुट, रिले तथा 100 एवं 800 मीटर रेस को आयोजित किया। 26 जनवरी 1977 में बालको ने वार्षिक खेलकूद का आयोजन शुरू किया जिसमें फुटबॉल, बॉलीवॉल, कबड्डी एवं क्रिकेट शामिल थे। सभी विजेता टीमों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। 1979 के वार्षिक खेल में बच्चों के लिए अर्थमेटिक रेस तथा 1982 में शीतकालीन स्पोर्ट्स इंवेट की शुरूआत की गई। 1986 में बालको क्लब ने राज्य स्तरीय टेबल टेनिस के साथ ही बालको ने वार्षिक खेल में महिलाओं एवं पुरुषों के लिए कैरम एवं चेस की शुरूआत भी की।
1979 में सीमेंट कॉपोरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से अकलतरा में आयोजित वालीबॉल प्रतियोगिता में बालको की टीम रनरअप विजेता बनी। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) कोरबा द्वारा 1982 में आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता में फाइनल जीतकर बालको टीम ने शील्ड अपने नाम किया। 1986 में छत्तीगढ़ राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं नवागढ़, सलखन, जांजगीर एवं सक्ती में बालको विजयी सफलता हासिल की। 1982-83 में मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल (एमपीईबी), कोरबा एवं वेस्टन कोल फिल्ड द्वारा आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में शामिल 23 टीमों के प्रतिस्पर्धा में बालको ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए उपविजेता के साथ मैन ऑफ द मैच, सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज एवं सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के पुरस्कारों को अपने नाम किया।
1984 से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की 22 यूनिट (महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा एवं मध्य प्रदेश इत्यादि) के लिए बालकोनगर में कुश्ती प्रतियोगिता तथा सभी यूनिट के लिए बालको द्वारा सामूहिक रूप से बड़ा खाना का आयोजन किया जाता था। कंपनी ने 1985 में गांधी जयंती के अवसर पर क्षेत्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जिसमें हसदेव थर्मल पावर प्लांट, एनटीपीसी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) सहित आठ टीमों ने भाग लिया था। इसी वर्ष हॉकी तथा क्रिकेट प्रतियोगिता में इंडो-बर्मा पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने भी हिस्सा लिया।
कंपनी द्वारा 1989 में ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया जिसमें वालीबॉल, कबड्डी, निशानेबाजी, उंची कूद, गोला फेंक, भाला फेंक, 200 मीटर सहित स्थानीय खेल त्रिटंगी, बोरा और मटका दौड़ सहित मेढ़क एवं फुगड़ी दौड़ शामिल थे। इसमें दोंदरो, भदरापारा और लालघाट सहित अन्य गॉंवों ने हिस्सा लिया।
विनिवेशीकरण के बाद कई वर्षों तक बालको के अंबेडकर स्टेडियम में अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता तथा 2013 में राज्य स्तरीय गर्ल्स जूनियर कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया। खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन तथा स्थानीय स्तर पर आयोजित केएल मेहता एवं उर्जा कप क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा भी लेता रहा है। कंपनी ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभागीय, बालको प्रीमियर लीग (क्रिकेट), फुटबॉल एवं वॉलीबॉल टूर्नामेंट तथा बैडमिंटन का आयोजन करता है जिसमें कर्मचारी बढ़चढ़ के हिस्सा लेते हैं। स्थानीय समुदाय में बच्चो के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने स्पोर्ट्स किट वितरण किया है।
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स्तन कैंसर जागरुकता माह: कैंसर का शीघ्र पता लगाने और पूर्वाग्रह मुक्त सम्वाद का चैम्पियन बना वेदांता का बालको मेडिकल सेंटर
बालकोनगर
इस साल का अभियान ’शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो’ स्तन की सेहत हेतु सक्रिय कदम उठाने को प्रेरित कर रहा है तथा जांच, पहुंच एवं विशेषज्ञों के ज्ञान द्वारा समुदायों के बीच बातचीत के द्वार खोल रहा है
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर 2024: भारत के अग्रणी कैंसर अस्पतालों में से एक वेदांता के बालको मेडिकल सेंटर ने स्तन कैंसर जागरुकता माह के दौरान व्यापक जागरुकता अभियान “शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो” चलाया। जिसका लक्ष्य था स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाना तथा इस मर्ज से जुड़े कलंक को हटाना। इस पहल के तहत बीएमसी ने कई कार्यक्रम आयोजित किए जैसे स्वास्थ्य जांच, बाईक रैली, निशुल्क मैमोग्राफी स्क्रीनिंग व शैक्षिक पॉडकास्ट ताकी इस रोग का समय रहते पता लगाया जा सके और समुदाय के लोगों में इस विषय पर जागरुकता बढ़े। स्तन कैंसर जागरुकता माह के दौरान बीएमसी ने इस पर ध्यान केन्द्रित किया की जनता को इस बारे में शिक्षित किया जाए और इसकी रोकथाम व जांच हेतु सक्रिय उपायों को प्रोत्साहन दिया जाए।
इस पूरे महीने बीएमसी ने निशुल्क मैमोग्राफी जांच की सुविधा प्रदान की ताकी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में सचेत किया जाए और समय रहते पता लगाने की निवारक जांच को बढ़ावा दिया जाए। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बीएमसी की मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन ने आसपास के गांवों में 45 वर्ष से अधिक की महिलाओं के लिए जांच शिविर आयोजित किए। इन शिविरों ने नियमित जांच की अहमियत को समझाया और स्वयं स्तन परीक्षण सिखाया जिससे महिलाओं ने सक्रिय स्तन स्वास्थ्य के महत्व को जाना।
समुदाय को और अधिक इस अभियान से जोड़ने के लिए ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस बाइक रैली निकाली गई जिसमें 10 बाइकिंग समूहों ने हिस्सा लिया, जिनमें 270 के लगभग राइडर थे, तत्पश्चात् वृक्षारोपण किया गया जो आशा एवं वृद्धि का प्रतीक बना; इस प्रकार समुदाय ने स्तन कैंसर जागरुकता को सहयोग देने तथा सभी के लिए एक स्वास्थ्यकर भविष्य पोषित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बीएमसी ने इन गतिविधियों को सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित किया, जहां इस अभियान की मुख्य झलकियां, एक जागरुकता हिंडोला और विशेषज्ञों के वीडियो साझा किए गए।
बालको मेडिकल सेंटर के प्रयासों को रेखांकित करते हुए बीएमसी की मेडिकल डायरेक्टर डॉ भावना सिरोही ने कहा, ’’स्तन कैंसर जागरुकता माह स्तन स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा निगरानी, वक्त पर हस्तक्षेप और खुली बातचीत को बढ़ाने का बेहद अहम समय है। ’शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो’ के साथ हमारा लक्ष्य है स्तन स्वास्थ्य के आसपास चुप्पी को तोड़ना, महिलाओं को शुरुआती लक्षणों को पहचानने के काबिल बनाना और बिना संकोच के कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना। खुली चर्चा को बढ़ावा देकर और जांच उन तक पहुंचा कर हमारा इरादा है समुदायों को यह समझने में मदद करना कि वक्त पर स्तन कैंसर का पता लगाकर जीवन बचाया जा सकता है और स्तन कैंसर से प्रभावित महिलाओं के उपचार परिणाम बेहतर होते हैं।’’
इस शिक्षा को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए डॉ भावना सिरोही ने स्तन कैंसर जागरुकता के महत्व पर पॉडकास्ट चर्चा में भी हिस्सा लिया। उन्होंने बीएमसी कर्मचारियों को टाउनहॉल चर्चा में शामिल किया, जहां उन्होंने मरीजों व परिवारों को सपोर्टिव केयर देने में उनकी भूमिका के बारे में बात की। गुलाबी कपड़े पहने कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन प्रदर्शित किया तथा अर्थपूर्ण चर्चाओं में शिरकत की जो इस पर केन्द्रित थी कि उनके मुख्य कार्य के अलावा वे जागरुकता एवं रोगी सहयोग में किस प्रकार योगदान कर सकते हैं।
2018 में अपनी स्थापना के बाद से वेदांता एल्यूमिनियम का अत्याधुनिक कैंसर उपचार केन्द्र भारती ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय लीडर की पहचान बना चुका है। दुनिया में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है, हर साल इसके 23 लाख नए मामले सामने आते हैं, ऐसे में बीएमसी की पहलकदमियां जागरुकता बढ़ाने और समुदाय को साथ जोड़ने में बेहद अहम हैं। हैल्थ स्क्रीनिंग कैम्पों ने महिला कर्मचारियों एवं ग्रामीण महिलाओं को बड़े महत्व की सेवाएं दी हैं जबकि बाइक रैली कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में एकता का प्रतीक बनी। ज्ञानवर्धक शैक्षिक सामग्री के माध्यम से बीएमसी ने लोगों को रोकथाम व उपचार के विकल्पों की जानकारी देकर उन्हें सशक्त किया और सम्पूर्ण कैंसर केयर हेतु अपनी प्रतिबद्धता को पुनः पुख्ता किया।
इन सब पहलकदमियों ने न केवल बीमारी के बारे में सामुदायिक बातचीत को सुदृढ़ किया बल्कि लोगों को अपनी सेहत को प्राथमिकता देने हेतु सशक्त भी किया। ज्ञान एवं सहयोग के माहौल को बढ़ावा देकर बीएमसी स्तन कैंसर के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, प्रत्येक को उनकी खुद की स्वास्थ्य यात्रा में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
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स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बालको में लगाया दिवाली बाजार
बालकोनगर
बालको, उन्नति परियोजना के अंतर्गत 27 से 29 अक्टूबर 2024 तक बालको टाउनशिप के कोऑपरेटिव परिसर में दिवाली बाजार लगाया गया है। बाजार में दिवाली से जुड़ी सभी सामाग्री विक्रय के लिए उपलब्ध है जो दिवाली की खरीदारी के लिए एक आदर्श स्थान है। हर खरीदारी एसएचजी महिलाओं की 'आँगन से आसमान' तक की प्रेरणादायक यात्रा को प्रोत्साहित करती है। कंपनी की ‘उन्नति’ परियोजना जो महिला स्व-सहायता समूह (एसएचजी) को सशक्त बनाने और संगठित करने का कार्य कर रही है।
एसएचजी महिलाओं ने अनेक स्टॉल लगाया है। डेकोराती स्टॉल पर छत्तीसगढ़ से जुड़ी कला संस्कृति को दर्शाते हुए म्यूरल, गोंकरा, लिप्पन एवं वारली कला के साथ गणपति और सुसज्जित मग इत्यादि उपलब्ध है। दिवाली के रोशनी भरें त्यौहार को देखते हुए नैनो एंटरप्राइज के स्टॉल पर झालर लाइट, दीया, बाती और रंगोली भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इसके साथ ही एसएचजी महिलाओं द्वारा बनाएं झाडू, कपड़े के बैग भी देखने को मिलेगे। दिवाली बाजार में उनाटी स्टॉल पर चाय, कॉफी, फ्रेंच फ्राइज, शेक और मोमोज के जायके साथ छत्तीसा स्टॉल पर चॉकलेट, नारियल लड्डू, गुलाब पेड़ा, ड्राई फ्रूट चॉकलेट, सलोनी, खाजा, पपची और ठेठरी भी उपलब्ध है। फूड स्टॉल पर समोसा और पकौड़े खाने को मिलेगा। बाजार में सबसे आकर्षित मुशएक्स स्टॉल पर मशरूम से बनी पुलाव, रोल, सूप भी पीने के लिए उपलब्ध है।
इसी तरह समुदाय की अन्य महिलाएं भी उन्नति परियोजना से जुड़कर राखी, गुलाल तथा लक्ष्मी एवं गणेश की मूर्ति बनाने के कौशल से खुद को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। बालको ने 12 उत्पाद के साथ 7 सूक्ष्म उद्यम इकाइयाँ स्थापित की हैं। कंपनी अपने संयंत्र के साथ सामुदायिक विकास कार्यों द्वारा महिलाओं को विभिन्न अवसर और कौशल निर्माण में समर्थन के साथ सशक्त बना रहा है जो यह सुनिश्चित करता है कि वे बाधाओं को पीछे छोड़ महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरें। परियोजना के जरिए महिलाओं को अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है जो उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में सहायक बना।
सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के सहयोग से संचालित होती है। इस परियोजना से कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 531 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5768 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रम की मदद से 123 गांवों में सालाना 1.5 लाख से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचा रहा है।
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बालको ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर किया मल्टी-स्पेशलिटी स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन (आईडीओपी) दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश श्री सत्येंद्र कुमार साहू, विशेष न्यायाधीश श्री जयदीप गर्ग, सिविल जज सुश्री डिंपल ने उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों से बातचीत की।
हेल्पएज इंडिया के सहयोग से कंपनी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई स्वास्थ्य जागरूकता सत्र का आयोजन किया। मानसिक स्वास्थ्य सत्र में मनोचिकित्सक ने वृद्धावस्था में डिमेंशिया तथा मेंटल हेल्थ से निपटने का तरीका बताया। वृद्धजनों को महत्वपूर्ण तकनीक जानकारी देने के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यशाला तथा संतुलित एवं पोषण आहार की जानकारी दी गई। अतिथियों ने समाज में उनके समर्पण और सेवा की सराहना करते हुए महत्वपूर्ण योगदान के लिए दस वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों या युवाओं के बीच पारस्परिक समझ विकसित करना तथा वरिष्ठ समुदाय की शक्ति और अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला गया।
शिविर में बुजुर्ग सदस्यों के लिए गतिशीलता और दैनिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए सहायक उपकरण प्रदान किए गए। इलेक्ट्रोथेरेपी तकनीक का उपयोग करके 33 बुजुर्गों को फिजियोथेरेपी सेवाएँ प्रदान की गईं। इन उपायों से उनकी बीमारियों में कमी एवं स्वास्थ्य लाभ हुआ। कंपनी की द्वि-मासिक मोबाइल फिजियोथेरेपी सेवा समुदाय के बुजुर्ग आबादी को राहत पहुँचा रही है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने स्वास्थ्य अभियान के प्रभाव पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कंपनी अपने संयंत्र के आसपास के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाना है और इसके साथ दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समुदाय के कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
आरोग्य परियोजना के मल्टी-स्पेशलिटी मेगा हेल्थ कैंप के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लाभान्वित हुए। अपने मोबाइल हेल्थ वैन के तहत कंपनी ने जामबहार और शांति नगर में दो हेल्थ कैंप आयोजित किये। कैंप की मदद से 5 गांव के 360 से अधिक सदस्यों ने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। कंपनी के सामुदायिक स्वास्थ्य शिविरों में मधुमेह, रक्तचाप जैसी सेवाओं के साथ दंत, आर्थोपेडिक्स, स्त्री रोग, साइकेट्री, मनोवैज्ञानिक और स्किन केयर विभिन्न विशेषज्ञ मौजूद थे।
आरोग्य परियोजना बालको का व्यापक स्वास्थ्य पहल है जो ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तथा कुपोषण को कम करने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024 में 45 से अधिक समुदायों के 49,963 लोग लाभान्वित हुए हैं। ‘उपचार आपके दरवाजे’ थीम पर संचालित चलित स्वास्थ्य इकाई की मदद से जरूरतमंदों को निःशुल्क परामर्श और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। वित्तवर्ष 2024 में एमएचवी से लगभग 15600 तथा 8 मल्टी-स्पेशलिटी मेगा हेल्थ कैंप से 1700 लोग लाभान्वित हुए।
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दिल्ली हॉफ मैराथन चैलेंज में बालको ने फिर लहराया परचम
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) वीडीएचएम 'रन फॉर जीरो हंगर' चैलेंज का विजेता बना। 20 अक्टूबर तक चले वीडीएचएम अभियान में बालको ने कुल 15,27,708 लाख किलोमीटर का सफर तय किया। वेदांता समूह के विभिन्न व्यावसायिक इकाई में बालको सबसे आगे रहा। दिल्ली में बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने ट्रॉफी लिया। लगभग 2 महीनों तक चले अभियान में बालको के कर्मचारी, उनके परिवारजन, व्यावसायिक साझेदार और समुदाय के सदस्यों के सामूहिक प्रयास से कंपनी ने लगातार तीसरी बार यह ट्रॉफी हासिल की।
दिल्ली हाफ मैराथन के तीसरे संस्करण में 36,000 से अधिक धावकों ने ‘रन फॉर जीरो हंगर’ मैराथन में हिस्सा लिया। आयोजक वेदांता समूह ने संकल्प लिया है कि कर्मचारियों के प्रत्येक किमी चलने पर जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस वर्ष 10 मिलियन भोजन जुटाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है। अभियान में लोगों ने अपने समाजिक दायित्व तथा खुद को फिट रखने के उद्देश्य से इसमें हिस्सा लिया। रन फॉर जीरों हंगर के अंतर्गत समूह ने कुल 10 मिलियन किलोमीटर का लक्ष्य हासिल किया।
ट्रॉफी पर खुशी जाहिर करते हुए बालको के सीईओ एवं निदेशक राजेश कुमार कहा कि वीडीएचएम चैलेंज में सबसे अधिक किलोमीटर तय करना, समुदाय की भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने 1.5 मिलियन से अधिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए बालको परिवार के सामूहिक प्रयास की सराहना की।
वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल के समाज को वापस देने के सिद्धांत के तहत समूह द्वारा भारत भर के 14 राज्यों में संचालित लगभग 6,500 नंद घरों के बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा बाल विकास में योगदान देने के उद्देश्य से नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई है। समुदाय के साथ-साथ कंपनी बच्चों के सर्वागीण विकास में विश्वास रखती है। यह कंपनी के कुपोषण मुक्त भारत बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। बच्चों के साथ-साथ समूह के एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट, द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन (टाको) के माध्यम से जानवरों को भी लाभ मिलेगा।
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दिल्ली हॉफ मैराथन चैलेंज में बालको ने फिर लहराया परचम
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) वीडीएचएम 'रन फॉर जीरो हंगर' चैलेंज का विजेता बना। 20 अक्टूबर तक चले वीडीएचएम अभियान में बालको ने कुल 15,27,708 लाख किलोमीटर का सफर तय किया। वेदांता समूह के विभिन्न व्यावसायिक इकाई में बालको सबसे आगे रहा। दिल्ली में बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने ट्रॉफी लिया। लगभग 2 महीनों तक चले अभियान में बालको के कर्मचारी, उनके परिवारजन, व्यावसायिक साझेदार और समुदाय के सदस्यों के सामूहिक प्रयास से कंपनी ने लगातार तीसरी बार यह ट्रॉफी हासिल की।
दिल्ली हाफ मैराथन के तीसरे संस्करण में 36,000 से अधिक धावकों ने ‘रन फॉर जीरो हंगर’ मैराथन में हिस्सा लिया। आयोजक वेदांता समूह ने संकल्प लिया है कि कर्मचारियों के प्रत्येक किमी चलने पर जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस वर्ष 10 मिलियन भोजन जुटाए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है। अभियान में लोगों ने अपने समाजिक दायित्व तथा खुद को फिट रखने के उद्देश्य से इसमें हिस्सा लिया। रन फॉर जीरों हंगर के अंतर्गत समूह ने कुल 10 मिलियन किलोमीटर का लक्ष्य हासिल किया।
ट्रॉफी पर खुशी जाहिर करते हुए बालको के सीईओ एवं निदेशक राजेश कुमार कहा कि वीडीएचएम चैलेंज में सबसे अधिक किलोमीटर तय करना, समुदाय की भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने 1.5 मिलियन से अधिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए बालको परिवार के सामूहिक प्रयास की सराहना की।
वेदांता समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल के समाज को वापस देने के सिद्धांत के तहत समूह द्वारा भारत भर के 14 राज्यों में संचालित लगभग 6,500 नंद घरों के बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा बाल विकास में योगदान देने के उद्देश्य से नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई है। समुदाय के साथ-साथ कंपनी बच्चों के सर्वागीण विकास में विश्वास रखती है। यह कंपनी के कुपोषण मुक्त भारत बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। बच्चों के साथ-साथ समूह के एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट, द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन (टाको) के माध्यम से जानवरों को भी लाभ मिलेगा।
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बालको एवं बिहान के संयुक्त प्रयास से महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर
बालकोनगर
कोरबा कलेक्ट्रेट में मुख्य अतिथि श्रीमती रीना अजय जायसवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, कोरबा और श्री चिराग ठक्कर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने टी एवं कॉफी आउटलेट ‘उनाटी’ का उद्घाटन किया। छत्तीसगढ़ में संचालित ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के सहयोग से बालको की उन्नति परियोजना के माइक्रो एंटरप्राइज ‘उनाटी’ के स्टॉल की शुरूआत की गई। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं कलेक्ट्रेट में विभिन्न फ्लेवर की चाय, कॉफी और नाश्ता बेचेंगी। बिहान और बालको द्वारा एसएचजी महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके बेहतर जीवनशैली को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।
कलेक्ट्रेट परिसर में उन्नति परियोजना के अंतर्गत आउटलेट ‘उनाटी’ को ग्राम नकटीखार की मातृ भूमि स्व सहायता समूह द्वारा संचालित किया जाएगा। यहां जसपूर एवं बस्तर से उत्पादित चाय तथा कॉफी के विभिन्न फ्लेवर के साथ छत्तीसगढ़ी पारंपरिक कलेवा का स्वाद भी ग्राहक ले सकेंगे। उन्नति परियोजन के छत्तीसा माइक्रो एंटरप्राइज द्वारा निर्मित सलोनी, खाजा और चॉकलेट भी यहां पर विक्रय हेतु उपलब्ध रहेंगे। महिलाओं के द्वारा संचालित इस उद्यम का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है, इसीलिए बालको एवं बिहान मंच के संयुक्त प्रयास से ऐसे अन्य उद्यम इकाइयों की स्थापना और प्रोत्साहन की योजना है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने उन्नति परियोजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से हम समुदाय में सकारात्मक बदलाव के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बने तथा समाज में अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करें। श्री कुमार ने कहा कि महिलाएं अपने परिवार, समाज और देश को बुलंदियों पर ले जाने में अपना योगदान दे रही हैं।
श्री चिराग ठक्कर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने एसएचजी महिलाओं को संबोधित किया और बिहान कार्यक्रम की ओर से सक्रिय सहभागिता के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि यह सूक्ष्म उद्यम महिलाओं के स्वावलम्बन और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास है। छत्तीसगढ़ में मिशन बिहान एक महत्वाकांक्षी योजना हैं जो एसएचजी महिलाओं को रोजगार के लिए एक निश्चित प्लेटफ़ार्म उपलब्ध कराता है। जहां वो अपने निर्मित सामग्रियों को आसानी से बिक्री कर सकें।
‘उनाटी’ प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली नकटीखार की रामबाई ‘मातृ भूमि’ स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। बालको के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बालको के सहयोग से आज मैं खुद के पैरों पर खड़ी हूं। आर्थिक आत्मनिर्भरता ने मुझे एक नया आत्मविश्वास दिया है। अब मैं घर के खर्च में भागीदारी निभाने में सक्षम हूं।
बालको की उन्नति परियोजना एसएचजी की महिलाओं के लिए लक्षित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करती है। 'छत्तीसा' के अंतर्गत एसएचजी महिलाओं को पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाना का प्रशिक्षण दिये गए हैं। उन्नति परियोजना सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जीपीआर स्ट्रेटजीज एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी से चल रही है। जीपीआरएसएस के सहयोग से महिलाओं को अनेक गतिविधियों से जोड़ा गया है जिससे उन्हें आजीविका प्राप्त करने और खुद के पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। कोरबा के 45 शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 531 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5768 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है।
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बालको की विभिन्न परियोजनाओं से लड़कियां बन रही हैं सशक्त
बालकोनगर
शक्ति की उपासना के ये नौ दिन, उर्जा आत्मसात करने के होते हैं। सही मायने में शक्ति को पहचानना ही नवरात्र उत्सव मनाना है। महिलाएं अपने आंतरिक शक्ति को पहचानते हुए समाज में खुद को सशक्त बना रही हैं। कंपनी ने स्थानीय समुदाय की लड़कियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उल्लेखनीय पहल कियें हैं। समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कंपनी के सामुदायिक विकास प्रयासों में प्रमुख स्तंभ है। लड़कियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलंबन, पोषण और मार्गदर्शन में कंपनी द्वारा संचालित नंदघर, वेदांता स्किल स्कूल, नयी किरण एवं कनेक्ट परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा नंद घर अत्याधुनिक आंगनवाड़ी मॉडल प्रदान करता है, जो ई-लर्निंग से सुसज्जित है। बच्चे की विकासात्मक यात्रा में स्कूली शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह आजीवन सीखने, मानसिक विकास और आवश्यक सामाजिक कौशल का निर्माण करता है। कंपनी, बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड) पेंटिंग और डिजिटल लर्निंग सहित इंटरैक्टिव लर्निंग मॉडल के माध्यम से सर्वोत्तम श्रेणी के पाठ्यक्रम प्रदान करने का काम कर रही है। बालको द्वारा संचालित 33 नंद घर में 50 प्रतिशत से अधिक 423 बच्चियां बेहतर शिक्षा एवं पोषण प्राप्त कर रही हैं।
वर्ष 2016 में ‘परियोजना कनेक्ट’ की शुरूआत की गई। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से स्थानीय लड़कियों को आगामी पढ़ाई के लिए बेहतर अवसर प्राप्त हुए। कनेक्ट परियोजना के माध्यम से सेमा (विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और लेखा) विषयों पर नियमित कक्षाओं से छात्राएं लाभान्वित हुई हैं। साथ ही व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस परियोजना में कला, शिल्प, नृत्य, संगीत, कैलीग्राफी, स्पोकेन इंग्लिश, मिट्टी के बर्तन, योग और एरोबिक्स आदि का ज्ञान दिया जाता है।
कंपनी ने समुदाय में नयी किरण परियोजना के अंतर्गत माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन पर जागरूकता अभियान चलाया। माहवारी संबंधी मिथकों और भ्रांतियों को दूर करते हुए स्वच्छता प्रथाओं को विकसित किया है। कंपनी ने छत्तीसगढ़ राज्य में जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से 48,000 से अधिक लोगों को जागरूक किया है। इसकी मदद से लड़कियां खुलकर माहवारी जैसे विषय पर बात कर रही हैं।
रोजगारपरक कौशल से स्वावंलबी बनाने के उद्देश्य से बालको ने 2010 में वेदांता स्किल स्कूल की स्थापना की थी। वित्तीय वर्ष 2024 में 1241 प्रशिक्षार्थियों को कार्यक्रम से लाभ हुआ जिनमें 72% छात्राएं थीं। वेदांता स्किल कुल सात ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। 45 से 60 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इससे स्थानीय लड़कियों को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हुए हैं तथा वो बाधाओं को पीछे छोड़ राष्ट्र विकास में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
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बालको ने राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य को दिया बढ़ावा
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वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के अवसर पर समुदाय में बच्चों, किशोरों और माताओं के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये। इस साल की थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ के अनुरूप संतुलित एवं पोषणयुक्त आहार के महत्व को सुनिश्चित करते हुए पौष्टिक विकल्प को बढ़ावा दिया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न सामुदायिक भागीदारों के सहयोग से पोषण जागरूकता अभियान को संचालित किया गया।
पोषण माह अभियान नंद घर, आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। विशेषज्ञों के नेतृत्व में पोषण जागरूकता सत्र और स्थानीय सामग्री का उपयोग करके स्वस्थ खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए सामुदायिक रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रेसिपी प्रशिक्षण में माताओं ने सरकार द्वारा प्रदान किए गए टेक होम राशन (टीएचआर) का उपयोग करके पौष्टिक भोजन तैयार करना सीखा। इसके साथ ही स्वास्थ्य शिविर में कुपोषण और एनीमिया को रोकने के लिए माताओं एवं बच्चों की जांच की गई। समय पर एनीमिया लक्षण की जानकारी से उचित उपचार संभव हुआ। सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए ‘पोषण की बातें, पुरुषों के साथ’ नामक पहल की शुरूआत की गई। इसमें घर के पुरुषों को बच्चों और परिवार के स्वास्थ्य तथा पोषण महत्व पर जानकारी प्रदान की गई।
समापन समारोह में सामूहिक प्रयास का जश्न मनाया गया। समुदाय में रोल मॉडल के रूप में काम कर रही माताओं को "चैंपियन माता" के रूप में सम्मानित किया गया। गर्भवती दम्पति के विशेष प्रशिक्षण सत्र में माता-पिता दोनों को अपने बच्चे के समग्र विकास में समान रूप से योगदान देने तथा गर्भावस्था और बचपन के दौरान आपसी सहयोग पर मार्गदर्शन दी गई। कंपनी ने अपने प्रयासों की प्रतिबद्धता को दिखाते हुए ‘पोषण टाक्स’ वीडियो की एक सीरीज शुरू की, जिसमें पोषण संबंधी प्रमुख विषयों को दिखाया जाएगा। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सहयोग से नंद घर में मिलेट शेक वितरण अभियान का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही एक मासिक ‘पोषण पत्रिका’ का शुभारंभ किया गया जिसमें चैंपियन माताओं की कहानियाँ और व्यावहारिक, पौष्टिक व्यंजन की जानकारी दी गई।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको का दृष्टिकोण एल्यूमिनियम उत्पादन से आगे सामुदायिक भलाई तक फैला हुआ है, कंपनी सभी के लिए उज्जवल एवं स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि हर बच्चा आगे बढ़े और हर मां को वह देखभाल मिले जिसकी वह हकदार है। पोषण माह के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य का जश्न मनाना, स्वस्थ समुदायों के पोषण के प्रति हमारे प्रयासों को दर्शाता है। बालको प्रचालन के आसपास रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर के उप निदेशक श्री दिलदार सिंह मरावी ने सामुदायिक स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में सरकार और उद्योग के बीच परस्पर सहयोग के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में हम महिलाओं और बच्चों के पोषण स्वास्थ्य और सशक्तिकरण में सुधार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि बालको अपने परियोजना के माध्यम से ऐसे पहल को आगे बढ़ा रही हैं, जो पोषण जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित है।
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बालको के विभिन्न पहल से सुरक्षित कार्यस्थल संस्कृति को मिल रहा बढ़ावा
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वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। यह प्रशिक्षण कर्मचारियों को सीपीआर, सामान्य घाव की देखभाल और आपात स्थितियों के प्रबंधन सहित आवश्यक जीवन रक्षक कौशल सीखाने पर केंद्रित था। चिकित्सा विशेषज्ञों ने सत्र का नेतृत्व किया जिसमें विभिन्न विभाग के कर्मचारी और व्यावसायिक साझेदारो ने भाग लिया जिसमें लगभग 160 कर्मचारी शामिल हुए।
प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के अलावा कंपनी ने कर्मचारियों के लिए सीपीआर और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रशिक्षण आयोजित किया। प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से जीवन रक्षक कौशल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। कार्यक्रम आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) करने पर ध्यान केंद्रित था। प्रशिक्षण का उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ाना, आपात स्थिति में प्रतिक्रिया समय को कम करना और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारी सुनिश्चित करना था जो सुरक्षित कार्यस्थल वातावरण में योगदान देता है।
इसके अलावा दो दिवसीय हाइड्रोलिक्स प्रशिक्षण सत्र कार्बन विभाग के कर्मियों को सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया। इस सत्र का नेतृत्व पार्कर हॅनिफ़िन कॉर्पोरेशन के श्री सुनील हाजिरनिस ने किया। हाइड्रोलिक्स को संभालने में उनका 35 से अधिक वर्षों का अनुभव हैं। विभाग के 20 कर्मचारियों ने प्रशिक्षण लिया। सुरक्षित कार्यस्थल की संकल्पना को सुनिश्चित करते हुए सभी ने हाइड्रोलिक्स संबंधित सुरक्षा की सभी बारीकियों को सीखा।
बालको ने समुदाय की 60 से अधिक महिलाओं के लिए सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित किया। कार्यशाला सड़क के संकेतों को समझने एवं सीट-बेल्ट और हेलमेट के महत्व पर केंद्रित था। सत्र को प्रश्नोत्तरी समापन के साथ व्यावहारिक कौशल से लैस करते हुए प्रशिक्षण की प्रभावशीलता सुनिश्चित की गई।
बालको की मासिक सुरक्षा अभियान ‘सुरक्षा संकल्प’ का आयोजन विभिन्न विभागों में किया गया। ‘वाहन सुरक्षा और ड्राइविंग’ पर आधारित कार्यक्रम का उद्देश्य कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों के बीच सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं और उचित वाहन रखरखाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। कंपनी के जीरो हार्म की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए दैनिक संचालन में सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व से अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी कर्मचारियों के बीच सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना है जो सुरक्षित कार्यस्थल बनाए रखने के लिए बालको की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
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रन फॉर जीरो हंगर' अभियान से जरूरतमंद बच्चों को मिलेगा पौष्टिक भोजन
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वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन (वीडीएचएम) के अंतर्गत टाउनशिप वाकथॉन का आयोजन किया। 20 अक्टूबर तक चलने वाले वीडीएचएम 'रन फॉर जीरो हंगर' अभियान में बालको ने अबतक 10 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। वेदांता कर्मचारियों के लिए एक फ़िटनेस ऐप भी लॉन्च किया है। इस ऐप से पता चलेगा कि कर्मचारी कितने किलोमीटर की दौड़ तय कर चुके हैं।
दिल्ली हाफ मैराथन के आयोजक वेदांता ने संकल्प लिया है कि कर्मचारियों के प्रत्येक किमी दौड़ने पर एक जरूरतमंद बच्चे को पौष्टिक भोजन मिलेगा। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग खुद को फिट करने के उद्देश्य से मैराथन से जुड़ेंगे और उनके दौड़ने से लाखों जरूरतमंद बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलेगा। कंपनी ने वीडीएचएम के अंतर्गत विभिन्न वॉकथॉन कार्यक्रम आयोजित किय हैं। स्वास्थ्य के साथ सामाजिक भलाई को बढ़ावा देते हुए बालको कर्मचारियों तथा उनके परिवारजन ने टाउनशिप के रन फॉर जीरो हंगर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पिछले हफ्ते बालको कर्मचारी, व्यावसायिक साझेदारों, विद्यार्थी और समुदाय के 1400 से अधिक लोग दौड़ में शामिल हुए।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा बाल विकास में योगदान देने के उद्देश्य से नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई है। समुदाय के साथ-साथ कंपनी बच्चों के सर्वागीण विकास में विश्वास रखती है। यह कंपनी के कुपोषण मुक्त भारत बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। वेदांता समूह नंद घर परियोजना से देश भर में सात करोड़ बच्चों और दो करोड़ महिलाओं के जीवन को प्रभावित करने की दिशा में काम कर रहा है।
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कोरबा में औद्योगिक प्रगति से हो रहा आर्थिक विकास
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औद्योगिक विकास का असली मकसद है वहां रहने वाले नागरिकों को समृद्ध बनाना। समृद्धि का पर्याय उत्पादन और उत्पादकता के कीर्तिमानों भर से नहीं है बल्कि कारखाने से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से जुड़े नागरिकों के जीवन स्तर में उठाव और उनके चेहरों पर आने वाली मुस्कान ही विकास का असली मानदंड है। छत्तीसगढ़ में बालको की प्रगति का अर्थ सरकारी राजस्व में वृद्धि प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिक्षा स्वावलंबन, बिजली, सड़क जैसी आधारभूत संरचना के विकास, पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन, प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसरों से भी है।
कोरबा एक औद्योगिक नगरी है जहां पर विभिन्न कंपनियां अपने विकास कार्यों से इसे नई उंचाईयों पर लेकर जा रहे हैं। इन्हीं में से एक बालको हमेशा अपने स्थानीय समुदाय के जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहा है। कर्मचारियों की भलाई के साथ-साथ कंपनी ने छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध रहा है।
आज छत्तीसगढ़ में बिजली, कुशल श्रमिक, भरपूर खनिज तथा रॉ मटेरियल बहुतायत में उपलब्ध है जो इसे आधारभूत संरचना, स्टील, एल्यूमिनियम उद्योग आदि में निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थान बनाता है। बालकों ने विनिवेश के बाद दो दशकों में ऐसे रचनात्मक माहौल के प्रोत्साहन की वकालत की है जो अधिक से अधिक रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के सृजन की बात करता है।
संयंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से छत्तीसगढ़ के स्थानीय नागरिक देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए गए हैं। इसी का परिणाम है कि आज बालकों में कार्यरत कुल मानव श्रम का अधिकांश हिस्सा छत्तीसगढ़ का है। इसी प्रकार 84 फीसदी नियमित कर्मचारी तथा 86 प्रतिशत आउटसोर्सड कर्मचारी छत्तीसगढ़ राज्य से हैं।
कंपनी ने ‘पंछी परियोजना’ के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की 86 बेटियों के चयन और उनकी रूचि अनुसार उन्हें उचित शिक्षा दिलाने तथा उच्च औद्योगिक उपक्रम में काम करने के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। इस कदम से उन बेटियों को कुछ नया कर दिखाने का हौसला मिलेगा जिनकी प्रगति की उड़ान पूरी तरह से थम चुकी थी। ‘पंछी परियोजना’ की मदद से ये महिलाएं विकास की मुख्यधारा से जुड़ कर दुनिया को यह दिखा सकेंगी कि अगर जज्बे को सही प्रेरणा मिल जाए तो आकाश की ऊंचाइयां इनके मजबूत इरादों के पंखों से जीती जा सकती हैं। दिव्यांग और थर्ड जेंडर समुदाय के युवा भी वेदांता समूह की प्रगतिशील परियोजनाओं का हिस्सा बनकर देश की आत्मनिर्भरता में योगदान करने में सक्षम हुए हैं।
बालको अपने कर्मचारियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नीतियां और योजनाएं लागू किया है। इनमें से कुछ नीतियां और योजनाएं हैं- बालको अपने कर्मचारियों के बच्चों के विकास में मदद करने के लिए पेरेंटहुड चाइल्डकेयर पॉलिसी प्रदान करता है। कर्मचारियों को नियमित समय पर वेतन तथा उत्कृष्ट कार्य के लिए निरंतर पुरस्कार एवं सम्मान देकर प्रोत्साहित किया जाता है। कर्मचारियों को उत्कृष्ट श्रेणी की सुविधाओं के साथ रहने एवं खाने के लिए क्वार्टर, हॉस्टल तथा कैंटीन उपलब्ध है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और सुरक्षा कार्यक्रमों की व्यवस्था है।
बालको कर्मचारी अपने कर्तव्यों को सुरक्षित और कुशलता से पूरा करने के लिए कटिबद्ध हैं। कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों की भलाई, सुरक्षा और विकास को प्राथमिकता देकर बालको ने खुद को सफलता के लिए तैयार किया है।
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बालको मेडिकल सेंटर ने विश्व स्तरीय कैंसर उपचार से क्षेत्र को बनाया सशक्त
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ईकैंसर, टाटा मेमोरियल सेंटर और नेशनल कैंसर ग्रिड के साथ साझेदारी कर बीएमसी ने कैंसर उपचार को किफायती तथा सभी तक इसकी पहुंच को बनाया आसान।
वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन के अतंर्गत संचालित बालको मेडिकल सेंटर द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का दूसरा संस्करण समापन की ओर। 20 से 22 सितम्बर तक आयोजित कॉन्क्लेव में कैंसर उपचार के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कैंसर क्षेत्र के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हुए जिसमें लंदन, कनाडा, न्यूजीलैंड, इजरायल, अमेरिका और स्पेन के ख्याति प्राप्त संकाय सदस्य के साथ भारत के शीर्ष कैंसर संस्थानों के प्रमुख विशेषज्ञ मौजूद थे। कॉन्क्लेव ने ज्ञान साझा करने, विचार-मंथन और नेटवर्किंग के लिए एक मंच प्रदान किया।
कॉन्क्लेव का थीम "कॉमन सेंस ऑन्कोलॉजी (सीएसओ) फॉर आउटकम्स दैट मैटर" विषय पर केंद्रित था। यह वैश्विक ऑन्कोलॉजी समुदाय में एक बढ़ता हुआ अभियान है जो कैंसर की देखभाल के लिए व्यावहारिक और रोगी-केंद्रित है। इसका उद्देश्य निम्न-मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में सस्ती और बेहतर कैंसर देखभाल तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना है। कॉन्क्लेव में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के साथ एक लाइव सर्जरी किया गया। इसके साथ कैंसर उपचार में महत्वपूर्ण कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने वाली 10 कार्यशालाएँ भी शामिल थीं।
कॉन्क्लेव पर वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने बालको मेडिकल सेंटर के लिए अपना विचार साझा किया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य कैंसर की देखभाल के लिए पूर्णरूप से रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाते हुए इसके उपचार मानक को बढ़ाना है। यह कॉन्क्लेव रोगियों के लिए बेहतर उपचार प्राप्त करने के लिए सामूहिकता की शक्ति में हमारे विश्वास को दर्शाता है।
ईकैंसर के मुख्य संपादक और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो कैंसर सेंटर में ग्लोबल ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. एनरिके सोटो ने रोगी के दृष्टिकोण से ऑन्कोलॉजी पर पुनर्विचार करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक हितों पर ध्यान केंद्रित करना है इसके साथ ही स्पष्ट संचार की कमी रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए उपचार संबंधी निर्णय लेने में बाधा बन रही है। हमारी प्राथमिकताओं को पुनः संतुलित करने के लिए शिक्षा, संचार, नीति, अनुसंधान डिजाइन और निवेश में बदलाव की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसे समाधान अपनाने की आवश्यकता जो लागत-प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण हों। इससे निम्न-मध्यम आय वाले देशों में कैंसर उपचार पर वास्तविक प्रभाव डाला जा सकता है तथा इस पहल से सुनिश्चित हो पाएगा कि वित्तीय क्षमता की परवाह किए बिना कैंसर का इलाज आसान हो।
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारी चर्चाएँ अकादमिक शोधपत्रों तक सीमित नहीं है बल्कि दुनिया भर में कैंसर उपचार में सकारात्मक बदलाव लाएँ। इस वर्ष के सम्मेलन में चिकित्सक और नर्स के साथ-साथ शोधकर्ताओं, रोगी, कैंसर पीड़ित और विशेषज्ञ ने भी भाग लिया जिससे यह कैंसर चर्चाओं के लिए एक बहुआयामी मंच बना।
टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के उप निदेशक और कैंसर सर्जरी प्रमुख डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने बीएमसी की बेहतरीन सर्जरी विशेषज्ञता पर बात करते हुए कहा कि बीएमसी की सुविधाएं देश के प्रमुख कैंसर केंद्रों के बराबर है। यह इस क्षेत्र का अनूठा संस्था जिसके आठ कैंसर विशेषज्ञों में से पांच क्वालिफाइड एमसीएचस हैं। केंद्र के ऑपरेटिंग थिएटर (ओटी) और ओवरऑल इन्फ्रास्ट्रक्चर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं जो बीएमसी को विश्व स्तरीय उपचार देने में सक्षम बनाता है।
विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिनिधियों कॉन्क्लेव को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और रणनीतियों के लिए अपने विचार व्यक्त किया। इससे कैंसर संबंधित संस्थानों में कैंसर उपचार में सुधार लाने के लिए एक अभियान की शुरुआत हुई। इस कॉन्क्लेव में पहली बार एक समर्पित नर्सिंग कॉन्क्लेव भी शामिल था जिसमें कैंसर देखभाल में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया।
बीएमसी छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का यह दूसरा संस्करण एक ऐतिहासिक आयोजन बन गया है। कॉन्क्लेव में 1000 से अधिक चिकित्सक, नर्स, शोधकर्ता, रोगी, कैंसर सर्वाइवर और विशेषज्ञ एक साथ आए हैं जिससे पूरे भारत में कैंसर उपचार तक सभी की पहुंच के लिए ऑन्कोलॉजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का एक मंच मिला।
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कैंसर उपचार को उत्कृष्ट बनाने के लिए बालको मेडिकल सेंटर में वैश्विक कैंसर कॉन्क्लेव
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भारत के अग्रणी कैंसर देखभाल सुविधाओं में से एकबालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) में वार्षिक छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश भर के कैंसर विशेषज्ञों के लिए एक लाइव सर्जिकल प्रदर्शन किया गया। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रमुख कैंसर विशेषज्ञों के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में जटिल कैंसर सर्जरी के लिए कैंसर की उन्नत तकनीक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के उपयोग पर प्रकाश डाला गया।कॉन्क्लेव में 120 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया जिससे अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में विचार साझा करने के लिए एक मंच तैयार हुआ।
सम्मेलन मेंविशेषज्ञों ने माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस 2 ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) हेडसेट का उपयोग करके पैनक्रिएटिक एंड गैस्ट्रिक कैंसर के उन्नत तकनीक का प्रयोग करते हुए लाइव सर्जरी किया। यह तकनीक पारंपरिक 2डीइमेजिंगजैसे कि सीटीऔर एमआरआईस्कैन को इंटरेक्टिव 3डीहोलोग्राम में परिवर्तित करती हैजो कैंसर सर्जरी में 3डीऑपरेटिव प्लानिंग प्रदान करती है। यह ट्यूमर और आसपास की शारीरिक रचना के बारे में सर्जन की समझ को भी बढ़ाता है जिससे उन्हें ट्यूमर की विशेषताओं और वैस्कुलर वेरिएशन का बेहतर मूल्यांकन करने में मदद मिलती है। विशेषज्ञों ने प्रीऑपरेटिव प्लानिंग और सर्जिकल सटीकता को बेहतर बनाने में इसके महत्व पर जोर दिया जो कैंसर की देखभाल में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं।
इस नवाचार से पैनक्रिएटिक कैंसर के जटिल सर्जरी करने के तरीके में तकनीकी बदलाव पर बोलते हुए टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के उप निदेशक और कैंसर सर्जरी प्रमुख डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने कहा कि पैन्क्रियाटोड्यूओडेनेक्टॉमी (व्हिपल प्रक्रिया) का ऑपरेशन सबसे जटिल माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जटिल शारीरिक संरचना को देखते हुए पैनक्रिएटिक की सर्जरी चुनौतीपूर्ण होती है। जटिलताओं को कम करने और रोगी के उपचार बेहतरी प्रदान करना होलोलेंस की तकनीक को महत्वपूर्ण बनाती है। 3डी होलोग्राफिक इमेजिंग के उपयोग से हम युवा पैनक्रिएटिक विशेषज्ञ को सिखा सकते हैं किउन्हें चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं। यह तकनीक रोगियों के उपचार महत्वपूर्ण है जिससे उन्हें लंबी दूरी की यात्रा करने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटलमुंबई के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एवं हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी सर्जन एवं प्रोफेसर मनीष भंडारेने गैस्ट्रिक कैंसर मरीज का ऑपरेशन किया और लाइव सर्जरीके महत्व पर प्रकाश डाला। ये सत्र देश भर के विशेषज्ञों के लिए कैंसर प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीकी उपयोग के लिए एक मंच तैयार करता हैं। वास्तविक समय की जानकारी साझा करने से रोगियों को उन्नत देखभाल प्रदान करने की हमारी सामूहिक क्षमता में सुधार होता है।
बालको मेडिकल सेंटर में कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. श्रवण नादकर्णी ने भारत में सर्जिकल परिणामों को बदलने में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) की क्षमता पर जोर दिया। यह मध्य भारत में ऑन्कोलॉजिकल सर्जरी में होलोलेंस 2 के इस्तेमाल के पहले उदाहरणों में से एक है। यह हमें असाधारण
सटीकता के साथ ट्यूमर मार्जिन और संवहनी संरचनाओं का मूल्यांकन करना आसान करता है जिससे सुरक्षित सर्जरी और बेहतर रोगी परिणाम मिलते हैं।
बालको मेडिकल सेंटर के सर्जिकल और क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मौ रॉय ने कहा कि इस तकनीक का पश्चिम में बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है और अब यह भारत में भी अपनी छाप छोड़ने लगी है। सर्जिकल तकनीकों के साथ ऑगमेंटेड रियलिटी को एकीकृत करके सर्जन जटिलताओं को कम कर सकते हैं और सर्जिकल सटीकता को बढ़ा सकते हैं जिससे छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्रों में रोगियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो सकेगी।
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने सम्मेलन के सफल शुभारंभ के अवसर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट के ऐसे समूह का बीएमसी में आना इस क्षेत्र में कैंसर देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम लोगों के लिए किफायतीउच्च गुणवत्ता वाले उपचार विकल्प प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह आयोजन उस यात्रा में एक मील का पत्थर है।
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बालको फोटोग्राफी प्रदर्शनी ‘मल्हार’ ने कर्मचारियों के रचनात्मकता को दी नई उंचाई
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व फोटोग्राफी के अवसर पर ‘मल्हार 2.0’ फोटो प्रदर्शनी व हिंदी दिवस का संयुक्त आयोजन किया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में वेदांता समूह के प्रतिभाशाली कर्मचारियों द्वारा खींची गई तस्वीरों का संग्रह प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में आये आगंतुकों ने मनमोहक फोटोग्राफी की सराहना की।
बालको टाउनशिप में आयोजित दो दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला को 'मल्हार' नाम दिया गया। 'वाह क्या व्यू है' थीम के इर्द-गिर्द घूमती प्रदर्शनी में प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाने वाली मनमोहक चित्र प्रदर्शित की गईं। सभी कलात्मक छायाचित्र बालको के साथ-साथ वेदांता समूह के विभिन्न यूनिट के कर्मचारियों द्वारा खींचे गए थे। कर्मचारी एवं उनके परिवारजन तथा स्कूल के छात्रों सहित आगंतुकों के लिए खुली यह प्रदर्शनी दर्शकों के लिए अविस्मरणीय आनंददायक अनुभव रहा।
दो दिवसीय मल्हार कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। कंपनी ने स्थानीय छात्रों के लिए हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी में स्वरचित काव्य लेखन एवं काव्य पाठ आयोजित किया। कार्यक्रम में 10वीं, 11वीं और 12वीं के लगभग 80 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कर अपनी साहित्यिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। छात्रों ने बहुत ही उत्साह एवं उमंग के साथ देशभक्ति, सामाजिक एवं मार्मिक कविता से श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी। सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को हिंदी भाषा में काव्य पाठ करने के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में 'सेल्फी कॉर्नर' के साथ-साथ बच्चों के लिए 'किड्स कॉर्नर' बनाया गया था जिसमें बच्चों के लिए स्केच बनाने तथा बनी हुई आकृति में रंग भरने की व्यवस्था थी। बालको कर्मचारियों को पीपीटी प्रेजेंटेशन का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि कैसे दर्शकों को ध्यान में रखते हुए फ़ॉन्ट चुनाव, उपयोगी बुलेट पॉइंट, रंगों का प्रयोग, प्रभावशाली चित्रों एवं चार्ट और ग्राफ़ का प्रयोग करना चाहिए।
मल्हार कार्यक्रम की सराहना करते हुए बालको के सीईओ एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारी तकनीकी प्रगति को समृद्धि प्रदान करने तथा नवाचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे कार्यक्रम हमारे संगठन के भीतर कर्मचारियों के लिए प्रेरणा स्रोत तथा उनमें रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। बच्चों की कविता की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सामंजस्यपूर्ण समाज की साहित्यिक नींव को आकार देने में आने वाली युवा पीढ़ी की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। हिंदी भाषा को बढ़ावा देना हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को संजोये रखने का प्रयास है जो एक बेहतर और समावेशी समाज की ओर सराहनीय कदम है।
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Balco/Raipur
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बालको अस्पताल उत्कृष्ट उपचार सुविधा के साथ क्षेत्र में अग्रणी
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व इंजीनियरिंग दिवस पर अपने प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग कर्मचारियों को सशक्त बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। यह प्रतिबद्धता नवाचार और प्रचालन उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में कंपनी की भूमिका को दर्शाता है जिससे वैश्विक विनिर्माण लीडर के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होती है।
मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसे मुख्यधारा के इंजीनियरिंग से लेकर मेटलर्जिकल, मैटेरियल्स, माइनिंग, सिरेमिक, पॉवर और एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में लगभग 1500 इंजीनियर कपंनी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये व्यक्ति सामूहिक रूप से बालको की प्रचानल क्षमता, नवाचार को बढ़ावा देने और लगातार विकसित हो रहे औद्योगिक परिदृश्य में कंपनी की निरंतर सफलता सुनिश्चित करने का आधार हैं।
इंजीनियर कंपनी के लिए रीढ़ की हड्डी की तरह महत्वपूर्ण हैं इस पर बात करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हमारे इंजीनियर वेदांता बालको के नवाचार और सफलता के केंद्र में हैं। हम अपने इंजीनियरिंग प्रतिभा के विकास और कौशल वृद्धि की प्रतिबद्धता को पूरा करके कंपनी और उनकी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं तथा भारत के औद्योगिक विकास में भी योगदान दे रहे हैं। ये इंजीनियर देश को वैश्विक विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए सशक्त बना रहे हैं तथा नवाचार, कौशल विकास और तकनीकी निपुणता की अपनी यात्रा को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
लगभग दो दशकों से बालको कार्यस्थल पर टीम लीडर के रूप में काम कर रहे इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर अनुज सूद ने कहा बताया कि 18 साल पॉटलाइन जहां इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के माध्यम से एल्युमिना पाउडर से एल्यूमिनियम बनाया जाता है। मैंने देखा है कि कैसे बालको ने प्रचालन दक्षता की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ाया है। हम जिन मैकनिकल सिस्टम के साथ काम करते है उनकी जटिलता- गलाने की तकनीक से लेकर पॉटलाइन उपकरणों की सटीक इंजीनियरिंग तकनीकी विशेषज्ञता के साथ निरंतर नवाचार की मांग करती है। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि हमारी प्रक्रियाएं वैश्विक एल्यूमिनियम क्षेत्र में आगे रहें
एक साल पहले ही बालको परिवार में शामिल हुए मेटलर्जिकल इंजीनियर ईशान चतुर्वेदी ने कहा कि वेदांता बालको में अपना करियर शुरू करना एक अविश्वसनीय अवसर रहा है। पॉटलाइन्स स्मेलटिंग प्रक्रिया के मूल में हैं और अनुभवी इंजीनियरों से सीखते हुए ऐसी उन्नत प्रणालियों के साथ काम करना रोमांचक रहा है। मेरे लिए सबसे खास बात है कि बालको ने सस्टेनबिलिटी की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ अत्याधुनिक तकनीक को एकीकृत करके भारत के प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक के रूप में अपनी विरासत को कायम रखा है। मैं इस क्षेत्र में अपने तकनीकी ज्ञान का विस्तार करते हुए कंपनी की भविष्य की सफलता में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं।
बालको पॉटलाइन के प्रोसेस कंट्रोल में प्रोडक्शन इंजीनियर निशा मांझी अपने दो साल के सफर के अनुभव साझा करते हुए कहा कि कि पॉटलाइन्स के प्रोसेस कंट्रोल में इच्छानुसार काम करना तथा पुरस्कृत होना मेरे लिए गौरव की बात है। एल्यूमिनियम प्रोडक्शन प्रोसेस की एफिशिएंसी सुनिश्चित करने के लिए सटीक निगरानी और अनुकूलन की आवश्यकता होती है। इंजीनियर के रूप में मैं लगातार डेटा का विश्लेषण कर हमारे सिस्टम के परफार्मेंस और सेफ्टी को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देती हूँ। इस भूमिका में आने वाली चुनौतियों के बावजूद मैं हमेशा अपनी टीम द्वारा उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित रही हूँ। बालको लोगों के इस धारणा को तोड़ने में सहायक बना कि महिलाएँ आपरेशन क्षेत्र में कामयाब नहीं हो सकती हैं। कंपनी तकनीकी कौशल और नवाचार को सबसे अधिक महत्व देती है जिससे मुझे प्रचालन में आगे बढ़ने और सार्थक योगदान देने अवसर मिला है।
विभिन्न विषयों के इंजीनियरों की विशेषज्ञता का उपयोग करके बालको प्रचालन उत्कृष्टता में नए मानक स्थापित कर रहा है। कंपनी देश में एल्यूमिनियम उत्पादन में सबसे आगे रहने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए विकसित भारत के विज़न में महत्वपूर्ण योगदान निभा रहा है।
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बालको अस्पताल उत्कृष्ट उपचार सुविधा के साथ क्षेत्र में अग्रणी
बालकोनगर
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने बालको अस्पताल में हाइड्रोसेफलस और फेकोइमल्सीफिकेशन के न्यूरोसर्जरी प्रक्रियाओं के लिए उन्नत चिकित्सा तकनीकों को शामिल किया है। ऐसे जटिल बीमारी के लिए अक्सर उन्नत देखभाल की आवश्यकता होती है जिसके लिए मरीज को उपचार के लिए शहर जाना पड़ता है। ये तकनीक अस्पताल की सेवा क्षमताओं को बढ़ाएँगी और समुदाय में उन्नत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के सहायक होंगी। हर साल बालको अस्पताल की कुशल चिकित्सा टीम छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर चांपा जिलों के 2,10,000 से अधिक रोगियों की सेवा करती है।
बालको अस्पताल के डॉक्टरों ने हाइड्रोसेफलस के लिए एक्सटर्नल वेंट्रिकुलर ड्रेन (ईवीडी) का उपयोग करके न्यूरोसर्जरी की। यह ऐसी स्थिति जिसमें मस्तिष्क की गुहाओं में तरल पदार्थ जमा होने से मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकता है। फेकोइमल्सीफिकेशन एक मोतियाबिंद सर्जरी है जो दृष्टि स्पष्टता में तेज़ी से सुधार प्रदान करती है। यह तकनीक सटीक लेंस प्लेसमेंट की करता है, जिससे दृश्यता बहुत बेहतर होता है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और रिकवरी समय को कम करता है, जिससे मरीज को बेहतर उपचार मिलता है।
फेकोएमल्सीफिकेशन एक आधुनिक, सिलाई-मुक्त मोतियाबिंद सर्जरी है जो दृष्टि स्पष्टता में तेजी से सुधार प्रदान करती है। यह तकनीक सटीक लेंस प्लेसमेंट की अनुमति देती है, जिससे दृश्य परिणाम काफी बेहतर होते हैं। इसके अलावा, यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल और रिकवरी के समय को कम करता है, जिससे रोगियों को तेज़ और अधिक कुशल उपचार मिलता है।
बालको अस्पताल ने आर्थ्रोप्लास्टी भी शुरू की है जो जोड़ों के प्रतिस्थापन पर केंद्रित एक उन्नत सर्जिकल प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य गठिया, फ्रैक्चर या जोड़ों के अध:पतन जैसे जोड़ों के विकारों से पीड़ित रोगियों के लिए गतिशीलता तथा पुराने दर्द को कम करना है। इस तकनीक से क्षतिग्रस्त या घिसे हुए जोड़ों को कृत्रिम प्रत्यारोपण की सुविधा तथा रिकवरी समय काफी कम है। पूरी तरह से स्वचालित पैथोलॉजी विश्लेषक के जुड़ाव से निदान सटीकता बढ़ी है। इन सभी से मरीजों के परिणाम बेहतर तथा उपचार उचित तरीके से हो पाती है।
अस्पताल में चिकित्सा उपचार में नई तकनीक के प्रगति पर बात करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको अस्पताल कोरबा में उन्नत उपचार विकल्प प्रदान कर रहा है जो स्थानीय समुदाय को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए बालको की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बालको अस्पताल की यह प्रगति निरंतर हमारे किये गए प्रयासों को दर्शाती है कि उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल सभी के लिए सुलभ हो। यह तकनीकी पहल सामुदायिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में हमारी भूमिका और मजबूत होगी।
बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिन्हा ने स्वास्थ्य सेवा में अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग पर कहा कि तकनीकी प्रगति ने बेहतर निदान प्रदान करने की हमारी क्षमता को काफी बढ़ाया है जो प्रभावी उपचार की आधारशिला है। इन नई क्षमताओं के साथ हमने अपनी स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार किया है, जिससे हम समुदाय की सेवा करने तथा मरीजों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाल सकते हैं।
डॉ. प्रदीप त्रिपाठी द्वारा सफलतापूर्वक न्यूरोसर्जरी का इलाज करवाने वाले मरीज श्री राम नाथ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं बालको अस्पताल के डॉक्टरों को उनकी असाधारण देखभाल और उपचार के लिए आभारी हूँ। सर्जरी के बाद की उनकी निरंतर जांच प्रतिक्रिया और देखभाल ने बहुत आराम दिया। मुझे किसी दूसरे शहर की यात्रा नहीं करनी पड़ी जो हमारे परिवार के लिए बेहद सुविधाजनक था। मैं अपनी रिकवरी के लिए उनकी विशेषज्ञता और अच्छे तरीके से ख्याल रखने का आभारी हूँ।
100 आधुनिक बेड से युक्त बालको अस्पताल कंपनी के कर्मचारियों एवं उनके परिवारजन और विभिन्न जिलों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। हमारी विशेषज्ञ की टीम है जिसमें सामान्य चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, दंत चिकित्सक, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आर्थोपेडिक सर्जन के साथ 09 विजिटिंग कंसल्टेंट शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल को 14 रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, 60 नर्स और 113 स्टाफ सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। नियमित जांच शिविर, जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ ही आयुष्मान भारत और सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है।
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*बालको ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित किया 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला*
बालकोनगर
*बालकोनगर, 10 सितंबर, 2024।* वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ईसीसीई कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया। प्रशिक्षण नंद घर परियोजना के व्यापक उद्देश्य, बच्चों के बेहतर देखभाल को सुनिश्चित करते हुए नंद घर में पोषण और बेहतर वातावरण बनाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आवश्यक कौशल तथा ज्ञान प्राप्त करने पर केंद्रित था। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी प्रथाओं को शामिल करने और व्यवहार परिवर्तन की शुरुआत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण से ईसीएस कार्यक्रमों को लागू करने में सहायक हैं। 2 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने का एक मंच के रूप में काम किया तथा नंद घर के बेहतर उपयोग को बढ़ाने के लिए विचारों के आदान-प्रदान को सुनिश्चित किया गया। 3 नंद घर के सदस्यों तथा 29 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा में इसकी भूमिका को समझना। नंद घर, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के मॉडल को अपनाते हुए सर्वांगीण बाल विकास को बढ़ावा दे रहा है। प्रारंभिक बाल्यावस्था में बच्चों का उद्दीपन (ईसीएस), 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के संज्ञानात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास को उद्दीपन करने की तकनीक और अभ्यास में इसके महत्व के बारे में जानना। ऐसी तरीकों की खोज जो बच्चों के सर्वांगीण विकास का समर्थन करती हैं जिसमें नैतिक और भावनात्मक विकास भी शामिल है। नंद घर में अनुकूल सीखने का माहौल बनाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश। निरंतर उद्दीपन और सीखने को सुनिश्चित करने के लिए एक मासिक कार्यक्रम कैलेंडर तैयार करना। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को आकार देने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका और बचपन के विकास को बढ़ावा देने में उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करना।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम कंपनी के दृष्टिकोण में शामिल है। हम छत्तीसगढ़ में विभिन्न नंद घर की मदद से बाल विकास का समर्थन कर समुदाय की भलाई को बढ़ावा दे रहे हैं। बच्चे इस देश की भविष्य है, कंपनी उनके विकास के लिए विभिन्न पहल संचालित करता है। वेदांता समूह दिल्ली हाफ मैराथन आयोजित कर रहा है जिसमें 'रन फॉर जीरो हंगर' के तहत वन किलोमीटर वन मील (भोजन) का प्रावधान है। कंपनी ने संकल्प लिया है कि प्रत्येक किलोमीटर पर नंद घर के बच्चों को वन मील (भोजन) मुहैया कराया जाएगा।
सुश्री रेणु प्रकाश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला और बाल विकास ने वेदांता बालको द्वारा संचालित नंद घर परियोजना की सराहना की। उन्होंने प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिए टीम के समर्पण की सराहना की जो एकीकृत बाल विकास सेवाओं को बेहतर तरीके से लागू करता है। 2 दिवसीय ईसीसीई प्रशिक्षण नंदघरों में बच्चों के अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बच्चों को वह समग्र सहायता मिले जिसकी उन्हें बढ़ने के लिए आवश्यकता है। कार्यशाला बाल विकास को बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं की उपस्थिति और सहभागिता को बढ़ावा दे रही है।
खटखटियापारा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मीना देवांगन ने कहा कि मैं नंद घर प्रोजेक्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय ईसीसीई प्रशिक्षण के लिए बहुत आभारी हूं। कार्यशाला से हमने विभिन्न उपयोगी तरीके सीखे, जैसे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दर्पण का उपयोग करना। प्रशिक्षण से नंद घर में बच्चों के साथ काम करने के नए आयाम का पता चला। मैं इसे उपयोग करने के लिए उत्साहित हूं। मुझे यकीन है कि इससे बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी और उनके विकास में भी सुधार होगा।
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IAF विंग कमांडर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना की शिकायत, जांच शुरू
Delhi
भारतीय वायु सेना (IAF) के विंग कमांडर पर एक जूनियर अधिकारी ने यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना की गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में विंग कमांडर पर ओरल सेक्स और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। इस शिकायत के आधार पर विंग कमांडर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
अंतिम अपडेट: इस मामले की जांच के दौरान विंग कमांडर से पूछताछ की जा रही है और मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है। भारतीय वायु सेना ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है।
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*बालको कर्मचारियों ने किसानों के साथ मिलकर किया एसआरआई विधि से धान की रोपाई
बालकोनगर
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बालकोनगर, 02 सितंबर, 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने ‘मोर जल मोर माटी’ परियोजना के तहत लेट्स डू रोपई कार्यक्रम आयोजित किया। रोपाई में भाग लेकर कर्मचारियों ने समुदाय के साथ हरेली उत्सव मनाया। किसानों को सिस्टम फॉर राइस इंटेंसिफिकेशन (एसआरआई) पर प्रशिक्षण देकर रोपाई विधि को आसान बनाया। 50 से अधिक कर्मचारी स्वयंसेवकों ने 4.5 एकड़ खेत में धान लगाने में योगदान दिया। इस अभियान से लाभान्वित किसान के श्रम लागत में लगभग 15 प्रतिशत की कमी आई।
छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार कृषि चक्र की शुरुआत का प्रतीक है। हरेली उत्सव किसानों के लिए महत्वपूर्ण त्यौहार है। छत्तीसगढ़ को ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है। इस वर्ष बालको ने अपने कर्मचारियों को किसानों के साथ मिलकर धान की रोपाई में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। किसानों के साथ मिलकर कार्य करने से एकजुटता की भावना को बढ़ावा मिला।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको किसानों का हरसंभव सहयोग करने के लिए कटिबद्ध है। ‘लेट्स डू रोपाई’ अभियान में हमारे कर्मचारियों का स्वैच्छिक सेवा, समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मोर जोल मोर माटी परियोजना के माध्यम से कंपनी समुदाय के किसानों को सिस्टमेटिक राइस इंटेंसीफिकेशन (एसआरआई) विधि के साथ विभिन्न तकनीक और आधुनिक कृषि पद्धतियों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। आवश्यक ज्ञान और संसाधनों के साथ हमारा लक्ष्य किसानों के जीवन में बदलाव लाना है जिसमें कृषि और स्थायी आजीविका के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे के विकास भी शामिल है।
कंपनी ने पूरे साल लगभग 2,300 छोटे और सीमांत किसानों को एसआरआई में प्रशिक्षित किया जिससे उनको आर्थिक लाभ मिला है। पारंपरिक तरीकों से खरपतवार, पोषक तत्वों, पानी और सूरज की रोशनी के लिए उपज में बाधा उत्पन्न तथा कीट और बीमारी की समस्याएं पैदा होती हैं जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। एसआरआई पद्धति को अपनाने से धान की जड़ों का मजबूत विकास होता है जिससे स्वस्थ फसलें प्राप्त होती हैं। इस तकनीक से किट-पतंगों की समस्या में भी कम हुई है जिससे धान के उत्पादन में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
बुंदेली गांव की किसान धनसाय पटेल ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि धान के उत्पादन के लिए एसआरआई तकनीक का प्रशिक्षण बहुत उपयोगी साबित हुआ। इस कृषि पद्धति को अपनाने से हमारे धान उत्पादन में वृद्धि हुई है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में इस तकनीक ने मुझे बेहतर फसल उपज प्राप्त करने में मदद की है।
रोपई में हिस्सा लेने वाले बालको कर्मचारी सार्थक पटेल ने बताया कि किसानों के साथ काम करना काफी अच्छा लगा। इस अभियान से फसल के बारे में सीखना और अपनी नौकरी के बाहर सकारात्मक प्रभाव डालना सुखद अनुभव था।
बालको की में मोर जल मोर माटी परियोजना 32 गांवों में 1400 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 4749 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। इस परियोजना के तहत 80% से अधिक किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया है जिसमें एसआरआई, ट्रेलिस, जैविक खेती, जलवायु अनुकूल फसल, सब्जी और गेहूं की खेती आदि जैसी आजीविका बढ़ाने वाली गतिविधियों में लगे हुए हैं। लगभग 15% किसान आजीविका के लिए कृषि से साथ पशुपालन, बागवानी और वनोपज जैसी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। किसानों के औसत वार्षिक आय में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि और लागत में 40 प्रतिशत की कमी।
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बालको ने मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए चलाया जागरूकता अभियान
बालकोनगर
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बालकोनगर, 30 अगस्त, 2024। बरसात के बाद कई संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। बारिश के बाद घर के आसपास पानी के इकट्ठा होने से मच्छर पैदा हो जाते हैं इससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बालको अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार बरसात के बाद संक्रामक मच्छर के काटने से डेंगू बीमारी की घटनाओं का खतरा सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। डॉक्टर ने बताया इसे लेकर लापरवाही करना जानलेवा हो सकता है।
बालको अपने समुदायिक विकास कार्यक्रमों की मदद से समुदाय के स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। कंपनी की मोबाइल हेल्थ वैन ने मलेरिया, डायरिया और कृमि से बचाव पर 12 जागरूकता सत्र आयोजित किये गए। इस जागरूकता अभियान में लगभग 5500 लोग शामिल हुए। सत्र का आयोजन 12 स्कूल और 18 समुदाय में आयोजित किए गए जिनमें क्रमशः 1485 स्कूली छात्र और 4000 समुदाय के सदस्य शामिल थे। इसके साथ ही 33 नंद घर में आंगनवाड़ी और समुदाय के लगभग 600 सदस्यों को मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के बारे में शिक्षित किया गया। कंपनी की मोबाइल हेल्थ वैन टीम ने मरीजों के घर जाकर व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा सहायता और आगे के चिकित्सा उपचार के लिए बालको अस्पताल की सुविधा से अवगत कराया।
बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिन्हा ने कहा कि डेंगू वेक्टर जनित रोग है जो मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है। डेंगू का शिकार होने पर व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मसल्स और जॉइंट्स में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी और स्किन पर रैशेज जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। सही समय पर इलाज ना मिलने से डेंगू घातक साबित हो सकता है। डेंगू होने पर लोगों का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाता है तथा कई गंभीर मामलों में ब्लीडिंग भी हो सकती है। इसमें से किसी भी लक्षण पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
डॉ. सिन्हा ने कहा कि 100 आधुनिक बेड से युक्त बालको अस्पताल कंपनी के कर्मचारियों एवं उनके परिवारजन और विभिन्न जिलों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। हमारी विशेषज्ञ की टीम है जिसमें सामान्य चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट, दंत चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आर्थोपेडिक सर्जन के साथ 09 विजिटिंग कंसल्टेंट शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल को 14 रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, 60 नर्स और 113 स्टाफ सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। नियमित जांच शिविर, जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ ही आयुष्मान भारत और सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है। बालको अस्पताल छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर चांपा जिलों से हर साल 2 लाख 10 हजार से अधिक रोगियों को सेवा प्रदान करता है।
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बालको ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर वितरित किये स्पोर्ट्स किट
बालकोनगर
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बालकोनगर, 28 अगस्त 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर समुदाय के युवाओं को स्पोर्ट्स किट वितरित किये। कंपनी ने इस पहल से खेल को जमीनी स्तर पर बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पहल का उद्देश्य युवाओं में खेल क्षमता का विस्तार और खेल भावना की संस्कृति को बढ़ावा देना है। कंपनी निरंतर समुदाय के युवाओं की प्रतिभाओं में बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।
स्पोर्ट्स किट में बैडमिंटन, हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे विभिन्न खेलों के समान शामिल थे। वित्तवर्ष 2025 में कंपनी ने 5 समुदाय स्पोर्ट्स किट वितरित किए गए हैं। किट वितरण के साथ ही निकट भविष्य में खेलों को बढ़ावा देने तथा अधिक क्षेत्रों में विस्तारित करने की योजना है। कंपनी के इस पहल से अभी तक 3,700 से अधिक लाभान्वित हुए हैं। पहल की मदद से उन्हें अपने खेल कौशल को विकसित करने के लिए आवश्यक उपकरण और अवसर प्राप्त हुए हैं। कंपनी का उद्देश्य है कि इस पहल का लाभ ऐसे क्षेत्रों के युवाओं को मिले जहाँ ऐसे संसाधनों तक पहुँच सीमित है। इससे उन्हें नियमित खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों। अगली पीढ़ी के एथलीटों में खेल भावना और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस प्रोत्साहन से मौजूदा खेल समितियों को पुनर्जीवित और मजबूत किया है। स्थानीय स्टेकहोल्डर के समर्थन से नई समितियों के गठन को भी बढ़ावा दिया है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि ओलंपिक में भारतीय एथलीटों के उल्लेखनीय प्रदर्शन ने एक बार फिर हमारे युवाओं की अपार क्षमता को उजागर किया है। हम विभिन्न अवसर, संसाधन और प्रशिक्षण क्षमताओं को बढ़ाकर जमीनी स्तर पर खेलों को प्रोत्साहित करने में विश्वास करते हैं। उचित खेल संसाधन तक पहुँच सुनिश्चित करने तथा नियमित खेल अवसरों से हम भविष्य के चैंपियन के लिए नींव रख रहे हैं। ऐसे पहल एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है। खेल में प्रतिभाशाली युवाओं के प्रोत्साहन और सशक्तिकरण से वैश्विक मंच पर हमारे देश को स्पोर्ट्स क्षेत्र में मजबूती मिलेगी।
पहल की सराहना करते हुए सोनपुरी की सरपंच मीना बाई कंवर ने कहा कि बालको हमेशा स्थानीय समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए समर्पित रहा है। कंपनी अपने विकास परियोजनाओं स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि समुदाय में खेल उपकरण वितरित करने का कार्य सराहनीय है क्योंकि यह शारीरिक गतिविधि और खेलों को प्रोत्साहित करेगा जिससे स्वस्थ समुदाय का निर्माण होगा।
बालको ने हमेशा समुदाय के युवाओं में खेल और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बालको बालकोनगर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्टेडियम का प्रबंधन करता है जो स्थानीय युवाओं और बच्चों को अपने खेल कौशल को विकसित करने और निखारने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करता है। स्टेडियम खेलने की सुविधा प्रदान करने के साथ युवाओं और बच्चों का प्रिय स्थान है। स्टेडियम में हर महीने लगभग 9,000 खेलप्रेमी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। खिलाड़ी क्रिकेट, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी और तायक्वोंडो आदि खेलों के लिए इसका उपयोग करते हैं। बालको महत्वाकांक्षी एथलीटों को अपने संबंधित खेलों में आगे बढ़ने के लिए मदद कर रहा है। उन्हें सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बना रहा है। शारीरिक गतिविधि एवं खेल प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ स्टेडियम युवाओं के एथलेटिक क्षमता को विकसित करने के लिए बेहतर मंच प्रदान करता है।
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"गुजरात में मूसलाधार बारिश का कहर: IMD ने जारी किया तीन दिनों का रेड अलर्ट"
गुजरात:
गुजरात में भारी बारिश का कहर जारी है, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों तक राज्य में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस बारिश के चलते कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा है।
नवसारी जिले में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां IMD ने "रेड अलर्ट" जारी किया है। कई जिलों में जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे प्रमुख सड़कों और पुलों पर यातायात अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा, मोरबी जिले में सात लोग लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के 206 जलाशयों में पानी का स्तर 65% तक पहुंच गया है, जिससे 72 जलाशयों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश के कारण विद्युत आपूर्ति और सड़कों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को तत्पर रहने के आदेश दिए हैं।
अगले कुछ दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है, इसलिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा हुआ है
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*बालको ने विश्व स्तनपान सप्ताह पर समुदाय में चलाया जागरूकता अभियान*
बालकोनगर
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बालकोनगर, 21 अगस्त 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने समुदाय की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान के साथ विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया। इस वर्ष की थीम ‘क्लोजिंग द गैप: ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल’ के अनुरूप महिला एवं बाल स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सत्र आयोजित की गई। इस अवसर पर ‘आरोग्य परियोजना’ के अंतर्गत शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को बच्चों के पोषण और स्तनपान के महत्व से परिचित कराया गया।
कार्यक्रम के दौरान बच्चे के लिए पहले 1,000 दिनों में मां के दूध का महत्व और कंगारू देखभाल जैसी उन्नत देखभाल तकनीकों पर जागरूकता प्रदान की गई। अभियान में मातृ एवं शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य और स्तनपान को अनुकूलित करने के लिए प्रसव से पहले महिलाओं के शरीर को तैयार करने पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में 500 से अधिक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के समापन में कंपनी ने स्तनपान कराने वाली माताओं को सम्मानित और समर्थन देने का काम किया। अभियान ने स्तनपान प्रथाओं को बढ़ावा देने तथा इसे बनाए रखने में परिवार, समुदाय और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका को बताया गया। साप्ताहिक पहल में माताओं और गर्भवती महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सभी की पहुँच एक समृद्ध समुदाय बनाने के हमारे दृष्टिकोण का केंद्र है। विभिन्न पहल के माध्यम से हम महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के साथ लोगों को एक स्वस्थ जीवन, आत्मनिर्भर भविष्य तथा सशक्त बनाने के लिए कटिबद्ध हैं। मातृ एवं बाल स्वास्थ्य का समर्थन करके हम अपने समुदाय की भलाई को बढ़ावा दे रहे हैं। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि समुदाय के प्रत्येक माता एवं शिशु एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन व्यतीत कर सके।
कोरबा की महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी सुश्री रेणु प्रकाश ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बच्चे का पोषण माँ की भलाई से जुड़ा हुआ है। महिला एवं बाल विकास लक्ष्यों के अनुरूप बालको की पहल माताओं को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए सशक्त बनाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उनके बच्चों को उनकी ज़रूरत के अनुसार पोषण मिले। मुझे विश्वास है कि प्रतिभागी इन सीखों को स्वयं तथा अपने बच्चों की देखभाल के लिए अधिक प्रभावी ढंग से लागू करेंगी।
पथरीपारा की लाभार्थी रेजिना लिंगा ने बताया कि इस सत्र से कंगारू केयर तकनीक ने मातृत्व के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया है। कंगारू केयर पद्धति में सिखाया गया की अपने बच्चे को शरीर से लगाकर रखने से मातृ एवं शिशु के रिश्ते मजबूत होते हैं साथ ही मेरे बच्चे की समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। सत्र के दौरान मिले मार्गदर्शन ने एक माँ के रूप में मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है जिससे मुझे अपने बच्चे की उचित देखभाल करने में मदद मिली है।
समुदाय के प्रति समर्पित बालको की आरोग्य और नंद घर पहल, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के प्रति सामाजिक-आर्थिक विकास और कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। आरोग्य व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ प्रदान करता है जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषण, एनीमिया और एचआईवी, टीबी और नशामुक्ति के बारे में जागरूकता पर केंद्रित है। नंद घर, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से प्री-स्कूल पोषण, उच्च-स्तरीय पाठ्यक्रम के साथ शिक्षा, डिजिटल शिक्षण उपकरण और बेहतर सुविधाओं को बढ़ाता है जिससे बच्चों के संज्ञानात्मक विकास और स्कूल उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला:
कोलकाता :
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह 22 अगस्त तक इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करे, जिसमें अब तक की जांच का ब्यौरा शामिल हो।
घटना के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में हुई हिंसा को लेकर भी कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की है। सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि अस्पताल और वहां काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसी के तहत एक राष्ट्रीय कार्यबल का गठन भी किया गया है, जो देश भर में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षित कार्य स्थितियों की निगरानी करेगा।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि इससे जुड़े व्यापक मुद्दों पर ध्यान देना भी जरूरी है, जैसे कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था और महिलाओं के प्रति हिंसा
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बालको से जुड़ी कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल
बालकोनगर
मोर जल मोर माटी परियोजना से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी
बालकोनगर, 17 अगस्त, 2024। बेला गांव की निवासी श्रीमती कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल होने के बाद अपनी खुशी को बयां करते हुए``` कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एसएचजी महिलाओं की बात करके हमारे हौंसलों को बढ़ाया है। जहां चाह वहां राह कहावत को चरितार्थ करते हुए श्रीमती कृपा 78 वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हुई शामिल। जीवन में खुद के पहचान एवं आर्थिक चुनौतियों को मात देते हुए कृपा राठिया ने अपनी खुद की पहचान बनाई हैं।
हम सभी के लिए गर्व की बात की मिनिस्ट्री ऑफ माइंस की तरफ से देश भर से चुनिंदा औद्योगिक कंपनियों को ही बुलाया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने वाली बालको छत्तीसगढ़ की एकमात्र कंपनी थी। देश भर के विभिन्न संस्थानों से 11 लोगों को इस समारोह में बुलाया गया जिसमें बालको, छत्तीसगढ़ की ओर से श्रीमती कृपा को शामिल होने का अवसर मिला।
मजबूती से घर की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए आगे बढ़ने के लिए बालको की परियोजना मोर जल मोर माटी से जुड़ी। 11 साल के बच्चे की मां श्रीमती कृपा ने सामुदायिक परियोजना से जुड़कर विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं। कई वर्षो में इन्होंने अपनी सफलता की कहानी को स्वयं आकार दिया है। सफल उद्यमी बनकर आज समुदाय की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। परियोजना की मदद से इन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया जिससे साल में 50 हजार की आमदनी होती है। इसके साथ ही अपने मेहनत और लगन से कृषि क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दे रही है। अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता की कहानी से इन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार किया है मिसाल पेश की है।
श्रीमती कृपा राठिया ने लाल किला समारोह की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ध्वजारोहण करते देखकर मन आनन्दित हो गया। कार्यक्रम को व्यक्तिगत रूप से अनुभव करना तथा प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रालय को आमने-सामने से देखना मेरे लिए सबसे खास था। उन्होंने कहा कि मैं इस अनुभव के लिए बालको को धन्यवाद कहना चाहूंगी की उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर दिया। बालको की सामुदायिक परियोजना ने मुझे सशक्त बनाने के साथ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि सरपंच ने पूरे गांव को बताया है कि वह दिल्ली गई हैं और उनके पूरे गांव से बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है।
लाल किला से प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाली हमारी बहनों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई। उन्हीं में से एक श्रीमती कृपा राठिया स्वयं सहायता समूह से जुड़ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं। बालको की उन्नति परियोजना जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी में चल रही है। इस परियोजना से कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 535 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5751 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। परियोजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन विकास की दिशा में कार्य जारी है। महिलाओं को क्षमता निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यमों के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मोर जल मोर माटी परियोजना 32 गांवों में 1800 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 4749 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। किसान आजीविका के लिए कृषि के साथ पशुपालन, बागवानी और वनोपज जैसी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यों की मदद से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल एवं स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, स्थायी आजीविका और पर्यावरण, संरक्षण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।
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बालको ने टीबी रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चलाया जागरूकता अभियान
बालकोनगर
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*बालकोनगर, 16 अगस्त 2024।* वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कर्मचारियों एव बिजनेस पार्टनर की उपस्थिति में 78वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने प्रशासनिक भवन परिसर में ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। राष्ट्रगान के उपरांत उन्होंने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ‘विकसित भारत’ के विजन के प्रति बालको की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। बालको प्रबंधन ने समारोह में राष्ट्र निर्माण में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया।
भारत की विकास गाथा में कंपनी के योगदान के पर बोलते हुए श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं। करीब छह दशकों से बालको देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारी यात्रा में ऐसे मील के पत्थर शामिल हैं जो प्रचालन उत्कृष्टता और सतत् विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। विस्तार परियोजना के माध्यम से बालको वैश्विक ‘वन मिलियन टन क्लब’ में शामिल होने और देश को दुनिया की एल्यूमिनियम राजधानी के तौर पर स्थापित करने के लिए तैयार है। 'विकसित भारत' के लिए कंपनी के हमारे कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध हैं। हम प्रचालन उत्कृष्टता, नवाचार का उपयोग, सामुदायिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाकर एल्यूमिनियम उद्योग को मजबूत कर रहे हैं। हम अपने इन्हीं प्रयासों से भावी पीढ़ी के लिए एक आत्मनिर्भर, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं।
कार्यक्रम में एक विशेष स्वतंत्रता दिवस वीडियो को प्रदर्शित किया जिसमें 'विकसित भारत' थीम के साथ बालको के प्रयासों को दिखाया गया। वीडियो में बालको की व्यावसायिक प्रथाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान के प्रयासों को दर्शाया गया है। सामुदायिक जुड़ाव की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए श्री राजेश एवं कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बालको अस्पताल के मरीजों को फल वितरित किया। सीईओ ने व्यक्तिगत रूप से सभी का हालचाल पूछा और उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं। श्री राजेश सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की दिशा में निस्वार्थ समर्पण के लिए बालको अस्पताल के चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों के प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त की।
भारत सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का जश्न मनाते हुए बालको परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने घरों पर तिरंगा लगाने के उत्सव में बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया। अभियान का हिस्सा बनकर सभी ने अपनी देशभक्ति की भावना और राष्ट्र के प्रति समर्पण को प्रदर्शित किया।
बालको का स्वतंत्रता दिवस समारोह लोकतंत्र और राष्ट्रीय विकास के सिद्धांतों के प्रति कंपनी के समर्पण का एक प्रदर्शन था जिसमें ‘विकसित भारत’ की यात्रा में योगदान देने की झलक दिखाई दी।
-------------------news4p बालको
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बालको ने टीबी रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चलाया जागरूकता अभियान
बालकोनगर
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बालकोनगर, 09 अगस्त 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने टीबी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला आरोग्य समिति (मास) और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के सदस्यों के बीच जागरूकता को बढ़ाने के लिए किया गया। डॉ. जी.एस. जात्रा नोडल अधिकारी टीबी/एचआईवी कार्यक्रम, कोरबा के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। कंपनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दो बैचों में 100 से अधिक सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य मास और वीएचएसएनसी सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्र में टीबी रोग नियंत्रण और रोकथाम को लेकर उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना। कार्यक्रम की मदद से मास और वीएचएसएनसी सदस्यों की क्षमता बढ़ाने के साथ सदस्यों द्वारा एक कार्य योजना विकसित करना जिससे टीबी रोग की चुनौतियों का सामना किया जा सके। कंपनी ने टीबी जागरूकता अभियान के तहत स्थानीय स्वास्थ्य निकाय (मास और वीएचएसएनसी) के 45 फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में तैयार किया। टीबी मुक्त भविष्य के लिए टीबी जागरूकता, पहचान, कारण, संपर्क ट्रेसिंग और परीक्षण में सुधार आदि के बारे में 600 से अधिक सामुदायिक सदस्यों को जागरूक किया गया।
टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार और स्वास्थ्य सुधार में उचित पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक संतुलित आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने और टीबी दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। पोषणयुक्त आहार सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निक्षय मित्र पहल को लागू किया। इसके अंतर्गत कंपनी ने 56 गांवों के 22 टीबी रोगियों के आहार के लिए 6 महीने तक कर्मचारियों की स्वयंसेवा के माध्यम से वित्तीय सहायता दी गई। सहायता प्राप्त 90 प्रतिशत लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ तथा उपचाराधीन बाकी रोगियों के ठीक होने की संभावना सकारात्मक है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि कंपनी अपने संयंत्र के आसपास के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम से समुदाय में टीबी रोग की पहचान कर उनका करने में आसानी होगी। समुदाय के स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाना है और इसके साथ दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समुदाय के कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
डॉ. जी.एस. जात्रा नोडल अधिकारी ने बालको मितान भवन में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मास और वीएचएसएनसी के सदस्य समुदाय में टीबी रोग नियंत्रण और रोकथाम पर चर्चा करके जागरूकता बढ़ाने का कार्य करें। प्रशिक्षण में मिली जानकारी से सदस्य समुदाय में टीबी रोग पर फैली भ्रांतियों को दूर करने का काम करें। इस तरह के कार्यक्रम कंपनी द्वारा समुदाय के स्वास्थ्य एवं भलाई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बीते वित्तवर्ष 600 से अधिक सामुदायिक सदस्यों को टीबी रोग की समस्या के बारे में जागरूक किया। बालको की आरोग्य परियोजना स्वास्थ्य देखभाल और समुदाय की सेवा करने पर केंद्रित है। आरोग्य परियोजना के उपचारात्मक सेवाओं के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 49000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। कंपनी समुदायों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। कंपनी हर 15 दिनों में दो मोबाइल स्वास्थ्य वैन भी संचालित करती है। ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट, एचआईवी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अभियानों के माध्यम से समुदायों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करती है।
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केदारनाथ में बादल फटने से भूस्खलन के बाद 200 तीर्थयात्री फंसे, हाई अलर्ट जारी
बालकोनगर
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बालकोनगर, 01 अगस्त, 2024। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) में बनने वाली 12एमएम वायर रॉड अब भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित है। इसने 6 अतिरिक्त उत्पाद श्रेणियों के लिए पुनःप्रमाणन भी प्राप्त किया है। भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने घोषणा की है कि बालको कोरबा, छत्तीसगढ़ में बनने वाली 12एमएम वायर रॉड को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा प्रमाणित किया गया है। इस नई प्रमाणित 12एमएम एल्यूमिनियम वायर रॉड के कई विविध उपयोग हैं। मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल व पावर ट्रांस्मिशन में इसका इस्तेमाल किया जाता है। हल्का एवं टिकाऊ होने के साथ रॉड की विद्युत चालकता बेहतर होती है।
वेदांता एल्यूमिनियम भारत एल्यूमिनियम उद्योग की पहली कंपनी है जिसने अपने अनेक एल्यूमिनियम उत्पादों के लिए बीआईएस प्रमाणन हासिल किए हैं। यह नया प्रमाणन बेमिसाल उत्पाद क्वालिटी एवं एल्यूमिनियम उद्योग में निरंतर नवाचार हेतु कंपनी की प्रतिबद्धता का परिचायक है। 12एमएम वायर रॉड के नए बीआईएस प्रमाणन के साथ ही ब्यूरो ने कंपनी की 6 अतिरिक्त उत्पाद श्रेणियों का पुनःप्रमाणन भी किया है। ईसी इनगॉट, अलॉय इनगॉट, प्राइमरी इनगॉट, रोल्ड शीट, रोल्ड कंडक्टर प्लेट व रोल्ड प्लेट सामान्य इंजीनियरिंग उद्देश्यों के लिए ये सभी कंपनी की बालको इकाई में बनाए जाते हैं। इन प्रमाणनों के साथ वेदांता की बालको यूनिट के पास अब 7 बीआईएस प्रमाणन हो गए हैं जो कुल 17 उत्पादों पर लागू है इससे कंपनी को एल्यूमिनियम बाजार में बहुत फायदा मिलेगा।
गुणवत्ता उत्कृष्टता पर वेदांता एल्यूमिनियम के फोकस के बारे में कंपनी के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा कि वेदांता एल्यूमिनियम में हम निरंतर ऐसे उत्कृष्टत एल्यूमिनियम उत्पाद प्रस्तुत करने पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हैं जो उच्चतम मापदंडों को पूरा कर सकें। ये बीआईएस प्रमाणन हमारे बेहतर क्वालिटी कंट्रोल और उन्नत उत्पादन तकनीकों को दर्शाते हैं। इन्हीं उत्पादों के बल पर हम विविध उद्योगों एवं वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं दे पाएंगे। हमारे पास ऐसे उत्पादों की विविधतापूर्ण रेंज है जिन्हें उद्योग के मानकों से भी आगे बढ़ जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हरित इमारतें, हाईटैक मैन्युफैक्चरिंग एवं सस्टेनेबल पैकेजिंग में अपरिमित अनुप्रयोगों के साथ एल्यूमिनियम लो-कार्बन धातु होने की वजह से भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय मानक ब्यूरो देश के उद्योगों के लिए गुणवत्ता मानकों को परिभाषित करने वाली शीर्ष संस्था है। यह ब्यूरो कड़े मूल्यांकन पद्धतियों पर अमल करने के बाद बीआईएस स्टैंडर्ड मार्क जारी करता है। मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों पर क्वालिटी की पहचान के तौर पर यह प्रतिष्ठित मोहर लगाई जाती है। ये प्रमाणन फिर दोहराते हैं कि वेदांता एल्यूमिनियम अपने उत्पादों को गुणवत्ता युक्त और विश्वसनीय बनाने के अपने वादे को निरंतर पूरा कर रही है।
वेदांता के एल्यूमिनियम उत्पाद लंदन मेटल ऐक्सचेंज में पंजीकृत हैं जो अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों की निर्विवाद होने की पुष्टि करता है। कंपनी सक्रियता से बीआईएस प्रमाणन हासिल करने को प्रयासरत है ताकि भारतीय ग्राहकों में भरोसा जागे कि जो एल्यूमिनियम वे खरीद रहे हैं वह देश के सर्वोच्च गुणवत्ता मानक प्राधिकरण से प्रमाणित है। इसे हासिल करने के लिए वेदांता एल्यूमिनियम मेटल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों को अमल में लाती है, परिष्कृत प्रक्रियाओं का उपयोग, गहन अनुसंधान एवं विकास तथा उभरती तकनीकी स्टार्टअप व दुनिया भर के विशेषज्ञों के साथ काम करती है। यही कारण है कि आज यह कंपनी लगभग 60 देशों अपने ग्राहकों की पसंदीदा आपूर्तिकर्ता है।
वेदांता एल्यूमिनियम एल्यूमिनियम उत्पादों की सबसे विस्तृत रेंज का विनिर्माण करने वाली कंपनियों में से एक है। वेदांता एल्यूमिनियम के उत्पाद जैसे रिस्टोरा-लो कार्बन एल्यूमिनियम, बिलेट, वायर रॉड, अलॉय इनगॉट व कास्ट बार, एआईएसआई टी-इनगॉट, स्लैब व रोल्ड प्रोडक्ट विभिन्न उद्योगों में काम आते हैं जिनमें एयरोस्पेस से लेकर ऑटोमोबाइल, बिल्डिंग एवं कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंजीनियरिंग, पैकेजिंग, कंज्यूमर गुड्स आदि शामिल हैं।
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केदारनाथ में बादल फटने से भूस्खलन के बाद 200 तीर्थयात्री फंसे, हाई अलर्ट जारी
केदारनाथ:
केदारनाथ में बादल फटने से भूस्खलन के बाद करीब 200 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तराखंड के केदारनाथ में बुधवार को बादल फटने की घटना हुई, जिससे पैदल मार्ग का करीब 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। अचानक हुई भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया।
इन घटनाओं के मद्देनजर, अधिकारियों ने केदारनाथ में फंसे 150 से 200 तीर्थयात्रियों के बारे में चिंता व्यक्त की, जबकि तीर्थस्थल की ओर जाने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
इससे पहले, एक और बादल फटने से केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ भीम बाली धारा में भूस्खलन हुआ, जिससे मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया, जिसे सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। हालांकि, बादल फटने के बाद अब तक किसी के मरने या घायल होने की सूचना नहीं मिली है।
उत्तराखंड के टिहरी जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने के कुछ दिन बाद यह घटना हुई है। इस भूस्खलन में कई घर और दुकानें बह गईं। इस घटना में 42 वर्षीय महिला और उसकी किशोर बेटी मलबे में दब गईं। एसडीआरएफ ने सोमवार को बताया कि 29 जुलाई को गंगोत्री से लौटते समय कांवड़ियों का एक समूह बारिश से प्रभावित टिहरी जिले के दुर्गम इलाके में फंस गया था। एसडीआरएफ के उपनिरीक्षक दीपक जोशी ने बताया कि रविवार देर रात गंगोत्री से लौटते समय 21 से अधिक कांवड़िए रास्ता भटक गए और बूढ़ाकेदार से करीब 3 किलोमीटर दूर झाला में फंस गए। जोशी ने बताया कि एसडीआरएफ कर्मियों ने सभी कांवड़ियों को सुरक्षित बचा लिया। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान मुश्किल था क्योंकि अंधेरा था और बारिश हो रही थी तथा सड़कें क्षतिग्रस्त थीं। जोशी ने बताया कि बचाए गए कांवड़ियों को बूढ़ाकेदार बस स्टैंड ले जाया गया है, जहां उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
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वायनाड भूस्खलन: केरल के चूरलमाला में बचाव अभियान जारी है
केरल
केरल के वायनाड जिले के चूरलमाला इलाके में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों, पुलिस, अग्निशमन और बचाव सेवा कर्मियों और स्थानीय लोगों के नेतृत्व में बचाव अभियान जारी है।
खराब मौसम के कारण बचाव अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि चूरलमाला इलाके में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है, लेकिन भारी बारिश और हेलीकॉप्टरों को उतारने की सुविधाओं की कमी के कारण केंद्रीय बलों ने अभी तक मुंदक्कई और अट्टामाला इलाकों में फंसे पीड़ितों को हवाई मार्ग से निकालना शुरू नहीं किया है।
इस घटना में अब तक 73 लोगों के मारे जाने की खबर है और 130 से अधिक लोगों को घायल अवस्था में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
लगातार बारिश के कारण मुंदक्कई और कुनहोम सहित कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। 30 जुलाई की सुबह भूस्खलन के बाद अचानक आई बाढ़ में चूरलमाला को बाकी इलाकों से जोड़ने वाला पुल तबाह हो जाने के बाद मुंडक्कई और अट्टामाला इलाके पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गए।
बताया जा रहा है कि मुंडक्कई इलाके में रहने वाले करीब 150 लोगों को वहां एक निजी रिसॉर्ट में ले जाया गया।
इस बीच, जलग्रहण क्षेत्रों से भारी मात्रा में पानी आने के बाद केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) के बाणासुर सागर जलाशय के चार में से तीन शटर खोल दिए गए।
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बालको ने बच्चों के लिए हृदय रोग संबंधित जांच शिविर का किया आयोजन
बालकोनगर
बालकोनगर 27 जुलाई, 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल, रायपुर के सहयोग से सोनपुरी के आंगनवाड़ी केंद्र में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर-जन्मजात हृदय रोग के लिए आयोजित किया गया। समुदाय में बच्चों के हृदय रोग संबंधित स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए शिविर में 0-14 वर्ष के बच्चों की निःशुल्क जांच और दवाईंया दी गई। शिविर में लगभग 216 बच्चों का प्राथमिक एवं हृदय संबंधित जांच किया गया।
डॉ. योगेश साठे (बाल हृदय रोग विशेषज्ञ), श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल, रायपुर और डॉ. जया कुमार (बाल रोग विशेषज्ञ), बालको अस्पताल के नेतृत्व में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों एवं सहायक स्वास्थ्य कर्मचारियों और नर्सों की एक समर्पित टीम ने आंगवाड़ी केंद्र पर बच्चों की प्राथमिक जांच की। प्राथमिक जांच (सर्दी खांसी वजन, सांस, धमनी गति) ईसीजी एवं हाई डेफिनिशन स्टेथोस्कोप की मदद से स्क्रिनिंग के दौरान लगभग 16 बच्चों में संभावित हृदय रोग के लक्षण की पहचान की जा सकी। सभी बच्चों को बालको अस्पताल में लाकर उनका 2डी इको जांच की गई। कंपनी के सहयोग से सत्य साईं बच्चों को संभावित बच्चों का समय-समय पर निरंतर जांच करेगा। जरूरत पड़ने पर बच्चों का निःशुल्क ईलाज भी किया जाएगा। पहल का उदेश्य प्रांरभिक दौर में ही जन्मजात हृदय रोग का पता लगाना जिससे पीड़ित शिशुओं को समय पर इलाज मिल पाए।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने स्वास्थ्य अभियान के प्रभाव पर कहा कि कंपनी अपने संयंत्र के आसपास के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल से जन्मजात बच्चों में दिल संबंधित रोगों को जल्द पहचान कर उनका निदान किया जा सकता है। बच्चे देश का भविष्य हैं उनके स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाना है और इसके साथ दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समुदाय के कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
डॉ. योगेश साठे ने कहा कि बालको के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित हो सका जो हमार संस्थान के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा उदेश्य सभी जरूरतमंद को निशुल्क इलाज प्रदान करना है। डॉ. योगेश ने बताया कि जन्मजात हृदय रोग का पता लगने से हम समय रहते बच्चे का ईलाज सुनिश्चित कर पाते हैं। जागरूकता और संसाधनों को बढ़ावा देने से शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र में विशेष हृदय देखभाल और जाँच कार्यक्रम के बेहतर स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढाँचे की को मजबूत किया जा सकता है। बालको की मदद से समुदाय में जन्मजात हृदय रोग संबंधित जागरूकता अभियान को बढ़ावा मिला है।
सोनपुरी की सरपंच श्रीमती मीना बाई कंवर ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि बालको और श्री सत्य साई अस्पताल के इस पहल ने हृदय रोग संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं को हमारे दरवाजे तक पहुंचा दिया। शिविर से हमारे गांव के बच्चों को लाभ मिला। माता-पिता ने बच्चों को लेकर इसमें पूरा सहयोग किया। शिविर से जन्मजात हृदय रोग संबंधित जांच की व्यवस्था बहुत ही सराहनीय है। बालको और श्री सत्य साई अस्पताल के प्रति आभार व्यक्त करते हैं उन्होंने कहा कि आशा करते हैं कि भविष्य में इस तरह की पहल जारी रहेगी।
बालको की आरोग्य परियोजना स्वास्थ्य देखभाल और समुदाय की सेवा करने पर केंद्रित है। कंपनी समुदायों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। कंपनी हर 15 दिनों में दो मोबाइल स्वास्थ्य वैन भी संचालित करती है। ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट, एचआईवी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अभियानों के माध्यम से समुदायों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करती है। आरोग्य परियोजना के उपचारात्मक सेवाओं के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 49000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ मिला है।
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कांवड़ यात्रा: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कारों की अनुमति नहीं, कालिंदी कुंज पर बैरियर |
नई दिल्ली,
कांवड़ यात्रा तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, दिल्ली-एनसीआर पुलिस ने कई उपाय लागू किए हैं। हर साल, हरिद्वार से आने वाले तीर्थयात्री मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली और फरीदाबाद से गुजरते हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन मार्गों पर ट्रैफ़िक बढ़ जाता है।
कांवड़ यात्रा: दिल्ली-एनसीआर पुलिस द्वारा लागू किए गए उपाय यहां दिए गए हैं
ओखला बैराज और ओखला पक्षी अभयारण्य के बीच की चार लेन में से दो को नोएडा पुलिस ने 28 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रतिबंधित कर दिया है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मयूर विहार से शनि मंदिर और ओखला पक्षी अभयारण्य से कालिंदी कुंज तक तीर्थयात्रा मार्ग का लगभग चार किलोमीटर हिस्सा नोएडा के अधिकार क्षेत्र में आता है।
कालिंदी कुंज में सेक्टर 126 पुलिस स्टेशन के पास बैरियर लगाए गए हैं, जिससे दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाले यातायात को दो दाईं लेन पर डायवर्ट किया जा रहा है। यातायात को नियंत्रित करने और भीड़भाड़ को रोकने के लिए ओखला बैराज के पास अतिरिक्त यातायात पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारी वाहनों के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को बंद करने की घोषणा की है। 5 अगस्त को रात 8 बजे तक वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा, जबकि 29 जुलाई से निजी कारों सहित दिल्ली और मेरठ के बीच सभी वाहनों पर प्रतिबंध लागू रहेगा। कांवड़ियों के आगमन से पहले मुजफ्फरनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन ने स्थानीय पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टीमों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के कमांडो को भी कांवड़ मार्ग पर तैनात किया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया, "मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर एटीएस कमांडो तैनात किए गए हैं, जहां से दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कांवड़िए हरिद्वार से लौटते समय परिक्रमा करते हुए गुजरेंगे। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शिव चौक के पास के संवेदनशील स्थानों को एटीएस कमांडो के हवाले कर दिया गया है।" उन्होंने बताया कि जिले में सुरक्षा के लिए आरएएफ की एक टीम, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) की छह टीमें और एटीएस कमांडो तैनात किए गए हैं।
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असम में बाढ़ से 6.71 लाख से ज़्यादा लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हुई, काजीरंगा में जानवरों को आश्रय की तलाश; 2-3 दिनों तक और बारिश का अनुमान
नई दिल्ली,
गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही, इस साल बाढ़ की दूसरी लहर में 20 जिलों में 6.71 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए, जबकि भारतीय वायु सेना (IAF) ने गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से 13 फंसे हुए मछुआरों को बचाया। एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र समेत कम से कम 13 प्रमुख नदियाँ अलग-अलग जगहों पर ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुरोध पर डिब्रूगढ़ के 'चार' (सैंडबार) क्षेत्र हटिया अली से फंसे हुए मछुआरों को बचाया गया।
अधिकारी ने कहा, "ASDMA ने IAF से इन 13 फंसे हुए मछुआरों को एयरलिफ्ट करने का अनुरोध किया। लोगों को एयरलिफ्ट करने का सारा खर्च ASDMA उठाएगा।। 2 जुलाई 24 को, सूर्योदय के समय उड़ान भरने के बाद, AFS मोहनबाड़ी से एक Mi-17 IV हेलीकॉप्टर ने चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में उड़ान भरी और दलदली भूमि से बचाव अभियान चलाया।" पायलट और फ्लाइट गनर के समन्वित प्रयासों ने 13 बचे लोगों की शीघ्र और सुरक्षित बोर्डिंग सुनिश्चित की I
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एनईईटी-पीजी स्थगित, एनटीए प्रमुख हटाए गए, एजेंसी में बदलाव के लिए पैनल गठित
नई दिल्ली,
एनईईटी-पीजी स्थगित, एनईईटी-यूजी आरोपों की जांच सीबीआई करेगी, एनटीए प्रमुख हटाए गए, एजेंसी में बदलाव के लिए पैनल गठित
“कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं की अखंडता” पर सवाल उठने के साथ, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 23 जून की सुबह होने वाली एनईईटी-पीजी प्रवेश परीक्षा से कुछ घंटे पहले ही “एहतियात के तौर पर” इसे स्थगित करने की घोषणा की। यह निर्णय सुबोध कुमार सिंह को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के महानिदेशक के पद से हटाने के निर्णय के तुरंत बाद लिया गया, जो एनईईटी-यूजी परीक्षा और इसके द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं के लिए आलोचनाओं के घेरे में है
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात और चंडीगढ़ के छह केंद्रों पर देरी के कारण समय की हानि के लिए क्षतिपूर्ति अंक दिए जाने वाले 1,563 छात्रों के स्कोरकार्ड रद्द किए जाने के बाद यह पुनः परीक्षा आयोजित की जा रही है।
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बालको ने विश्व पर्यावरण दिवस पर लिया हरित भविष्य का संकल्प
बालकोनगर, 6 जून, 2024।
बालकोनगर, 6 जून, 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने छत्तीसगढ़ वन विभाग के सहयोग से बालको टाउनशिप में 200 से अधिक पौधे लगाकर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कंपनी द्वारा सस्टेनेबिलिटी एवं पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। कंपनी ने वन विभाग के सहयोग से वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की है जो हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
बालको के भूमि पुनरुद्धार में वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका के महत्वपूर्ण कदम की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) के प्रतिनिधि विस्तारित वृक्षारोपण अभियान का हिस्सा बने। स्लोगन ‘हमारी भूमि हमारा भविष्य, हम पुर्नोद्धार की पीढी है’ पर चलाए गए अभियान से कर्मचारी और समुदाय को हरित भविष्य के लिए एकजुट किया गया।
युवा पीढ़ी को इस वैश्विक अभियान में शामिल करने के लिए कंपनी द्वारा सीड्स बॉल (खुद से) बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई जिसके बाद नंद घर में पौधारोपण किया गया। नंद घर आंगनवाड़ी केंद्र हैं जो समुदायिक विकास के लिए वेदांता लिमिटेड द्वारा संचालित की जाती हैं। कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को अधिक हरियाली वाले स्थानों के विकास के लिए वृक्षारोपण और बीजों के पुन: उपयोग के बारे में शिक्षित करना है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने और संरक्षित करने के लिए कटिबद्ध हैं। हम अपने प्रचालन में सस्टेनेबल प्रथाओं को अपनाकर 2050 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के व्यावसायिक नवाचार को अपना रहे हैं। विश्व पर्यावरण दिवस हमें अपने समुदाय के साथ जुड़ने, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और उसे बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ाने का अवसर देता है। विभिन्न पर्यावरण कार्यक्रमों के माध्यम से हमारा लक्ष्य सस्टेनेबल संस्कृति को बढ़ावा देना है जो हमारे प्रचालन के साथ-साथ समुदाय तक फैली हुई है। इस अभियान में हमने सभी हितधारकों को हरित भविष्य के लिए हमारे मिशन में शामिल किया है।
कोरबा वन विभाग के उप वनमंडलाधिकारी आशीष खेलवार ने पर्यावरणीय प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पौधारोपण एक सस्टेनेबल अभ्यास है जिसे हमें दैनिक कार्य संस्कृति में शामिल करना चाहिए। वन विभाग एवं विभिन्न संगठनों के एकजुट प्रयास, सस्टेनेबल भविष्य को प्राप्त करने और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। वित्त वर्ष 2025 में 1.5 लाख पेड़ लगाने के लक्ष्य के साथ बालको द्वारा सस्टेनेबल भविष्य की दिशा में किए जा रहे निरंतर प्रयास तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनका समर्पित प्रयास वास्तव में सराहनीय है।
कंपनी ने अपने संयंत्र में पर्यावरण के अनुकूल प्रचालन करने और उसे बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उप-इकाइयों के अपने कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों को "ग्रीन चैंपियन ऑफ द ईयर" पुरस्कार से सम्मानित किया। सप्ताहिक कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के प्रति व्यक्तियों को प्रेरित करने के लिए प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं। सस्टेनेबल प्रैक्टिस को बढ़ावा देने और पर्यावरण संबंधी समर्पित प्रयासों का जश्न मनाने लिए पुरस्कार समारोह के साथ हुआ।
कंपनी समुदाय के साथ साझेदारी में कर्मचारियों, निवासियों और बच्चों को सस्टेनेबल जीवन के बारे में शिक्षित करके पर्यावरण संरक्षण की संस्कृति विकसित कर रही है। प्रकृति के साथ जुड़ाव को मजबूत करने के लिए बालको ने बच्चों के ग्रीष्मकालीन शिविर में विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया। शिविर के माध्यम से बीज वितरण तथा वृक्ष को गले लगाने का अभ्यास कराया गया जिससे बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जा सके।
बालको ने वित्त वर्ष 2024 में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योगदान के साथ सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जो निम्नलिखित हैं। आसपास के प्राकृतिक जल संसाधनों को पुनर्जीवित करके भूजल बहाली सुनिश्चित किया गया। इस अभियान के अंतर्गत 42 कृषि और सामुदायिक तालाबों का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण के प्रयास को मजबूत किया गया। 1 लाख 20 हजार से अधिक पौधारोपण किया गया जो हरित भविष्य के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। मानव तथा पशुओं के बीच सामंजस्यपूर्ण बंधन को सुगम बनाने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन। स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के बारे में सभी को संवेदनशील बनाने के लिए वन सैर के साथ-साथ वन्यजीव और प्रकृति फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं का आयोजन। कंपनी ने क्षेत्र की जैव विविधता को प्रदर्शित करने के लिए मैगजीन का प्रकाशन किया गया। कंपनी ने रिक्लेमेशन प्रक्रिया के तहत 150 हेक्टयेर से अधिक फैले अनुपयोगी पांच ऐश डाइक क्षेत्र का सफलतापूर्वक वनीकरण किया जो पर्यावरण संरक्षण प्रति कंपनी की कटिबद्धता को दर्शाता है।
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महाराष्ट्र का प्याज इतिहास: एनडीए के लिए आंसू बहाने वाला
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के 12 संसदीय क्षेत्रों में, जहाँ प्याज उत्पादक और व्यापारी केंद्रित हैं, एनडीए ने 2024 में 4 सीटें जीतीं, जो 2019 की तुलना में 8 सीटों की गिरावट है। इंडिया ब्लॉक ने 8 सीटें जीतीं, जो 8 सीटों की वृद्धि है
रसोई का एक मुख्य हिस्सा, प्याज, महाराष्ट्र के प्याज उगाने वाले क्षेत्रों में एक राजनीतिक खेल-परिवर्तक बन गया है। महाराष्ट्र के 12 संसदीय क्षेत्रों में, जहाँ प्याज उत्पादक और व्यापारी केंद्रित हैं, एनडीए ने 2024 में 4 सीटें जीतीं, जो 2019 की तुलना में 8 सीटों की कमी है। भारत ब्लॉक ने 8 सीटें जीतीं, जो 2019 की तुलना में 8 सीटों की वृद्धि है।
इन सीटों पर, एनडीए ने 2024 में 39.3% वोट शेयर हासिल किया, जो 2019 की तुलना में 27.3 प्रतिशत अंकों की गिरावट है। भारत ब्लॉक ने 50% वोट शेयर हासिल किया, जो 26.9% की वृद्धि है।
प्याज उगाने वाले किसानों के अनुसार यह बदलाव प्याज पर केंद्र की निर्यात नीति में कई उतार-चढ़ाव के कारण हुआ है, जिसने अगस्त 2023 से महाराष्ट्र के प्याज किसानों और व्यापारियों को असंतुष्ट कर दिया है। प्याज किसान और व्यापारी - विशेष रूप से नासिक में, जो भारत से आने वाले लगभग 90% प्याज का निर्यात करता है - पिछले कई महीनों से नाराज हैं और उन्होंने प्याज की नीलामी को निलंबित करके और हड़ताल करके अपनी असहमति व्यक्त की है।
एनडीए की गलतियां 11 और 12 जनवरी को नासिक शहर में और 15 मई को नासिक शहर से 30 किलोमीटर दूर पिंपलगांव बसवंत में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो और जनसभा से पहले किसानों को हिरासत में लिया गया और उन्हें नोटिस थमाए गए, क्योंकि वे पिछले साल निर्यात कीमतों पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए खराब और अव्यवस्थित फैसलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे। महाराष्ट्र राज्य कांडा उत्पादक शेतकरी संगठन (महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ) के साथ 3.5 लाख प्याज उत्पादक किसान पंजीकृत हैं। संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा, “केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर प्याज की कीमतों को कम कर दिया है। इसके अलावा, दूध, सोयाबीन और कपास जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमत बढ़ गई है। प्रत्यक्ष वित्तीय नुकसान के कारण, केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों में गुस्से की लहर है। चूंकि मोदी सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध सहित कई किसान विरोधी फैसले लिए हैं, इसलिए हम सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में किसान मतदान के माध्यम से इसका जवाब देंगे। प्याज उत्पादकों को लगता है कि प्याज की कीमतों के मुद्दे को सत्तारूढ़ गठबंधन ने बहुत हल्के में लिया है। श्री दिघोले ने कहा, "किसानों के लिए, नफरत की राजनीति काम नहीं करती। हम लोगों को बांटने वाली आधारहीन धर्म-आधारित राजनीति के बजाय अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करते हैं।" 19 अगस्त, 2023 को केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाया। 28 अक्टूबर, 2023 को एक नया निर्णय लिया गया, जिसके अनुसार निर्यातक को सरकार को प्रति टन 800 डॉलर का भुगतान करना होगा। उसके बाद, 7 दिसंबर, 2023 को विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक आदेश पारित किया, जिसमें घोषणा की गई कि प्याज निर्यात नीति में संशोधन किया जाएगा, ताकि इसे 31 मार्च, 2024 तक प्रतिबंध से मुक्त किया जा सके।
“हालांकि, मार्च तक, चुनाव आचार संहिता की घोषणा की गई, और DGFT ने एक और बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि निर्यात प्रतिबंध अगली सूचना तक जारी रहेगा। 4 मई, 2024 को प्रतिबंध सशर्त हटा लिया गया। निर्यातक को अब सरकार को प्रति मीट्रिक टन 550 डॉलर का भुगतान करना होगा,” उन्होंने कहा।
महाराष्ट्र 50 से अधिक देशों को प्याज की आपूर्ति करता है। “10 महीने से अधिक हो गए हैं, और हमारे मुद्दे अनसुलझे हैं। हमारे वोट शायद केंद्र सरकार को संदेश स्पष्ट कर देंगे और शायद कुछ आँसू भी बहाएँगे,” श्री दिघोले ने कहा।
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एल्गार परिषद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर लगी रोक हटा दी
महाराष्ट्र
सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपित कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत के आदेश पर लगी रोक हटा दी।
न्यायमूर्ति एम.एम. की अध्यक्षता वाली पीठ सुंदरेश ने बताया कि श्री नवलखा ने चार साल से अधिक समय जेल में बिताया है, उनकी उम्र सत्तर के आसपास है और उनके मुकदमे को पूरा होने में, पूरी संभावना है, "वर्षों-वर्षों" का समय लग सकता है।
उच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने श्री नवलखा को जमानत की अनुमति दी थी, यह देखते हुए कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत या सामग्री नहीं थी कि कार्यकर्ता ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवादी कार्य किया है। .
हालाँकि, एनआईए द्वारा शीर्ष अदालत में जमानत आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए समय मांगने के बाद उच्च न्यायालय ने आदेश के कार्यान्वयन पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने जमानत आदेश पर रोक बढ़ा दी थी। नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने श्री नवलखा को चिकित्सा आधार पर तलोजा जेल से हाउस अरेस्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
तब से वह एनआईए को अपने घर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस गार्ड और घर की गिरफ्तारी परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों सहित खर्च का भुगतान कर रहा है। एनआईए ने हाल ही में उनसे 50 लाख रुपये की मांग की थी.
मंगलवार को, वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने कहा कि सत्तर वर्षीय व्यक्ति को लंबे समय तक कारावास का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने घर में नजरबंदी के खर्च के लिए पहले ही ₹2.4 लाख का भुगतान कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने श्री नवलखा को हाउस अरेस्ट के अब तक के खर्च के लिए ₹20 लाख का भुगतान करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि इस राशि का भुगतान जमानत के लिए पूर्व शर्त होगी।
अदालत ने कहा कि मुकदमा लंबा चलेगा क्योंकि लगभग 370 गवाह थे। इसके अलावा, पीठ ने कहा कि सह-अभियुक्तों में से छह को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
“प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि रोक के अंतरिम आदेश को बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। अपीलकर्ता (नवलखा) चार साल से अधिक समय से जेल में है और अभी तक आरोप तय नहीं किये गये हैं। हाई कोर्ट ने एक विस्तृत आदेश के जरिए जमानत देना उचित समझा है. अदालत ने कहा, ''मुकदमा पूरा होने में कई साल लगेंगे।''
श्री नवलखा, जो एक पत्रकार भी हैं, को 1 जनवरी, 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव गांव में हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए 14 अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
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राजभवन कर्मचारी ने बंगाल के राज्यपाल सीवी बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई
Kolkata
कोलकाता: एक चौंकाने वाली घटना में, राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के कार्यकारी प्रमुख के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। विशेष रूप से, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ आरोप पीएम मोदी की दो दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले आए हैं, जहां उनसे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए रैलियों को संबोधित करने की उम्मीद है।
“सच्चाई की जीत होगी। मैं इंजीनियरी आख्यानों से डरने से इनकार करता हूं। अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान उनका भला करे।' लेकिन वे पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते”, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा।
कर्मचारी गवर्नर हाउस शांति कक्ष (कैजुअल स्टाफ) में काम कर रहा था।
टीएमसी नेता शशि पांजा की प्रतिक्रिया
राज्य के राज्यपाल के खिलाफ कथित छेड़छाड़ मामले पर टीएमसी नेता शशि पांजा कहते हैं, ''हम पूरी तरह से हैरान हैं। जो राज्यपाल महिलाओं के अधिकारों की बात करते हुए संदेशखाली पहुंचे थे वही अब एक शर्मनाक घटना में शामिल हो गए हैं. उन्होंने अपने पद और अपनी कुर्सी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.' पीड़िता राजभवन में स्टाफ सदस्य है... इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता कि एक राज्यपाल ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल हो और वह भी राजभवन में... आज पीएम राज्य में आ रहे हैं और वह राजभवन में ही रुकेंगे. हम इस मामले पर उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहते हैं... वह शिकायत दर्ज करने में अनिच्छुक थी, वह डरी हुई थी और आत्मविश्वास से लबरेज थी। आख़िरकार राज्यपाल एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं…”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केरल में वोट डाला
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार सुबह लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल के तिरुवनंतपुरम में अपना वोट डाला। वोट डालने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने लोगों से वोट करने की अपील की और कहा कि किसी का वोट नहीं खोना चाहिए.
“मतदान आम आदमी की शक्ति का प्रतीक है, और प्रत्येक नागरिक को लोकतंत्र और राष्ट्र को मजबूत करना चाहिए। मैं कहूंगा कि किसी का वोट नहीं खोना चाहिए.' सभी को वोट डालना अपना कर्तव्य बनाना चाहिए। हम सभी को राष्ट्र के विकास में भागीदार बनना चाहिए, ”सीवी आनंद बोस ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा।
देश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि उन्हें यह एहसास होना चाहिए कि भविष्य को आकार देने की शक्ति उनके पास है।
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बालको के रेलवे रैक से सस्टेनेबिलिटी एवं उत्कृष्ट उत्पादन को मिला बढ़ावा
बालकोनगर, 17 अप्रैल, 2024
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने प्रचालन में पहला बोगी ओपन बॉटम रैपिड डिस्चार्ज न्यूमेटिक हाई स्पीड मॉडल-2 (बीओबीआरएनएचएसएम2) रेलवे रैक शामिल किया है। कच्चे माल की खरीद के लिए यह उत्कृष्ट आपूर्ति श्रृंखला एवं सस्टेनेबिलिटी को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेल के माध्यम से कोयले की आपूर्ति को सुचारू रूप से चलाने वाले इस स्ट्रेजिक निर्णय से प्रचालन की दक्षता में वृद्धि होगी। प्रत्येक रैक लगभग 120 ट्रकों की आवश्यकता को पूरा करेगा।
भारतीय रेलवे द्वारा प्रस्तावित सामान्य प्रयोजन वैगन निवेश योजना (जीपीडब्ल्यूआईएस) के अंतर्गत शुरू की गई। इस पहल का उद्देश्य कोयला संसाधनों के वितरण को सुव्यवस्थित करना है, जो लॉजिस्टिक लागत में कमी के साथ घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीओबीआरएन वैगन में बॉटम डिस्चार्ज दरवाजे हैं जो जल्दी एवं कम समय की लागत में अनलोडिंग प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करते हैं। यह कच्चे माल प्राप्त करने के लिए औसत रोटेशन चक्र को सुचारू बनाने में मदद करता है जो बालको जैसे प्रमुख इंडस्ट्री ऑपरेशन के प्रक्रिया को सस्टेनेबल बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सड़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन कई फायदे हैं। रेलवे की विशाल भार क्षमता ने सड़क नेटवर्क की निर्भरता और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के बोझ को कम किया है जिससे सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में वृद्धि हुई है। यह सामग्री की आवाजाही से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करके इंडस्ट्री ऑपरेशन को अधिक सस्टेनेबल बनाने में मदद करता है, जिससे सस्टेनेबिलिटी प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
इनोवेशन सॉल्यूशन को अपनाने पर बोलते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको बेहतर व्यावसायिक प्रदर्शन के लिए अग्रणी तकनीक और हरित समाधानों का उपयोग करने के लिए कटिबद्ध है। कंपनी में बीओबीआरएनएचएसएम2 रैक की शुरूआत सस्टेनेबल दृष्टिकोण को दर्शाता है। संयंत्र के भीतर और बाहर प्रचालन उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए हमारे सभी प्रयास सेफ्टी और सस्टेनेबिलिटी प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं। यह कदम सुरक्षित प्रचालन संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ हमें ऐसे भविष्य की ओर भी प्रेरित करता है जहां सस्टेनेबिलिटी हमारे व्यवसाय के हर पहलू में अंतर्निहित है।
इस स्ट्रेजिक इनोवेशन का बालको की प्रचालन उत्कृष्टता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका हैं। फिनिश्ड प्रोडक्ट (एफजी) वाहनों के लिए डिजिटल ट्रैकिंग मैकेनिज्म के कार्यान्वयन से बालको को अपने संयंत्र प्रचालन के भीतर 5.45 घंटे का सबसे कम औसत टर्न-अराउंड-टाइम (टीएटी) हासिल करने में मदद मिली है। पहले के औसत टीएटी 15 घंटे की अवधि की तुलना में एक उल्लेखनीय सुधार है। एल्यूमिनियम उद्योग में पहली बार मशीनीकृत इंगॉट लोडिंग की शुरूआत हुई है जो ग्राहक संतुष्टि को बढ़ावा देने के साथ प्रचालन में सुरक्षा वृद्धि तथा समय और संसाधन की बचत को सुनिश्चित किया है।
कंपनी ने डिजिटल नवाचार में विभिन्न पहल की शुरू किये हैं जैसे- फिनिश्ड गुड्स कंट्रोल टॉवर जिसमें 24X7 लाइव मॉनिटरिंग डैशबोर्ड शामिल है जो रियल टाइम जीपीएस ट्रैकिंग और स्पीड मॉनिटरिंग प्रदान कर पूरे 24 घंटे बिना रूकावट संचालन सुनिश्चित हुई है। रेलवे यार्डों में केंद्रीकृत सीसीटीवी निगरानी के कार्यान्वयन से सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि हुई है। इन्हीं प्रयासों से बालको को क्वालिटी सर्कल के चैप्टर कन्वेंशन में चार श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीतने में मदद मिली है जो लॉजिस्टिक्स में उत्कृष्टता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नवाचार की निरंतर खोज के साथ बालको ने वैश्विक एल्यूमिनियम उद्योग में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया जिससे इसके प्रचालनों के सभी पहलुओं में प्रगति और उत्कृष्टता प्राप्त हुई है।
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कोयंबटूर से भारतीय छात्र गिरफ्तार, कैंपस में इजरायल विरोधी प्रदर्शन के कारण अमेरिकी विश्वविद्यालय से प्रतिबंधित
Tamil Nadu
तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले भारतीय मूल के छात्र अचिंत्य शिवलिंगम को गिरफ्तार कर लिया गया है और अमेरिका में प्रिंसटन विश्वविद्यालय से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कैंपस के मैदान में छात्रों के नेतृत्व वाले फ़िलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी के बाद हुई है। एक अन्य छात्र हसन सईद के साथ गिरफ्तारी तब हुई जब छात्रों ने चेतावनियों की अवहेलना की और विश्वविद्यालय के मैककोश कोर्टयार्ड में तंबू लगा दिए। यह घटना गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष के खिलाफ प्रमुख अमेरिकी विश्वविद्यालयों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच हुई।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता जेनिफर मॉरिल ने कहा, दो स्नातक छात्रों को अतिक्रमण के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें "परिसर से तुरंत बाहर निकाल दिया गया"। उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवलिंगम प्रिंसटन में इंटरनेशनल डेवलपमेंट में मास्टर्स इन पब्लिक अफेयर्स के छात्र हैं, जबकि सईद वहां पीएचडी उम्मीदवार हैं।
विरोध प्रदर्शन में शुरू में लगभग 110 व्यक्ति शामिल थे, लेकिन दिन चढ़ने के साथ यह संख्या लगभग 300 तक पहुंच गई। गिरफ़्तारियों के बावजूद प्रदर्शनकारियों को अपने तंबू तोड़ने के लिए प्रेरित करने के बावजूद, उन्होंने धरने के माध्यम से अपना प्रदर्शन जारी रखा।
यह घटनाक्रम विश्वविद्यालय परिसरों में इज़राइल-फिलिस्तीन मुद्दे को लेकर चल रहे तनाव और सक्रियता को रेखांकित करता है, जो संघर्ष के प्रभाव और इससे प्रेरित एकजुटता आंदोलनों के लिए व्यापक वैश्विक चिंता को दर्शाता है।
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बालको ने समुदाय के साथ धूमधाम से मनाया उन्नति उत्सव
नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को उद्यमशीलता कौशल को निखारने का अवसर दिया
प्रेरणादायक लोगों को उनके सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया
समुदायिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए एक नई मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) लॉन्च
बालकोनगर, वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) में सामुदायिक विकास कार्यक्रम की ‘उन्नति परियोजना’ के अंतर्गत ‘उन्नति उत्सव’ का तीसरा वार्षिकोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय की महिलाओं में उद्यमशीलता कौशल को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में प्रदर्शनी के माध्यम से उद्यमशीलता कौशल से संपन्न और स्वयं सहायता समूहों में संगठित महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें सजावट की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों तथा स्वास्थ्य और स्वच्छता उत्पादों की एक श्रृंखला शामिल थी। इस आयोजन में समुदाय की 650 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया जिन्हें वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहित किया गया।
उन्नति उत्सव के तीसरे वार्षिकोत्सव में समुदाय की महिलाओं के लिए विभिन्न खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम को शामिल किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए स्थानीय नृत्य कर्मा और राउत का प्रदर्शन किया। सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्होंने महिला सशक्तिकरण, माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन, उद्यमिता और लड़कियों की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित करने वाले नाटकों और प्रदर्शनों का मंचन किया।
प्रभावशाली नाटकों, सांस्कृतिक प्रदर्शनों, पुरस्कार समारोह और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के स्टालों के साथ मनोरम प्रदर्शनी की विशेषता वाले उन्नति उत्सव में 1000 से अधिक व्यक्तियों ने भागीदारी की। आयोजन ने एसएचजी की महिलाओं के लिए प्रचार और कमाई के अवसर प्रदान करने का मंच भी दिया जिन्होंने आम आगंतुकों के लिए खुली प्रदर्शनी में अपने हस्तनिर्मित भोजन और सजावट की वस्तुओं के साथ स्टॉल लगाए थे।
‘उन्नति’ बालको की प्रमुख सामुदायिक विकास परियोजना है जो महिला स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाने और संगठित करने तथा उद्यमिता एवं स्थायी आजीविका के निर्माण के लिए उनकी क्षमताओं और कौशल का सम्मान करते हुए उन्हें निखारने पर केंद्रित है। बालको ने प्रोजेक्ट उन्नति के तहत गोंकरा लोक कला (छत्तीसगढ़ की स्थानीय कला), छत्तीसा (स्थानीय व्यंजन), मिट्टी की मूर्तियाँ, भित्ति कला, मशरूम की खेती, पेपर बैग सहित 12 उत्पादों की पेशकश करने वाली 7 सूक्ष्म उद्यम इकाइयाँ स्थापित की हैं। सामुदायिक और सामाजिक सेवाओं के लिए समर्पित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी में चल रही इस परियोजना ने बालको के आसपास के समुदाय में 5700 से अधिक महिलाओं को प्रभावित किया है।
उन्नति परियोजना और आयोजना की सराहना करते हुए, बालको मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको समुदाय की महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, वित्तीय साक्षरता, बाजार से जुड़ाव प्रदान करके उनकी आत्मनिर्भरता एवं सशक्तिकरण की यात्रा में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से हमारा लक्ष्य महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, जिससे वे समाज के भीतर अपनी व्यक्तिगत पहचान स्थापित कर सकें और अपने परिवार, समाज और राष्ट्र की उत्तरोत्तर प्रगति में योगदान कर सकें।
बालको ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और स्थायी आजीविका पर बालको की विभिन्न सामुदायिक विकास परियोजनाओं के तहत सामाजिक कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिए समुदाय के 16 लोगों को सम्मानित भी किया। समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने जैसे माहवारी संबंधित मिथकों को दूर करने से लेकर व्यक्तियों को स्थायी आजीविका,
आवश्यक कौशल और मुफ्त में प्राथमिक शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के उनके प्रेरक प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया।
कंपनी ने समुदाय के स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए कार्यक्रम के दौरान मोबाइल हेल्थ वैन (एमएचवी) पहल के तहत दूसरा वैन भी लॉन्च की। ‘उपचार आपके द्वार’ थीम पर हर 15 दिनों में स्वास्थ्य शिविर और परामर्श सेवाओं के माध्यम से वैन 47 से अधिक समुदाय को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है।
कोरबा जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएचएमओ) श्री एस.एन. केसरी ने एमएचवी के लॉन्च की सराहना करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार है। नागरिकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। बालको द्वारा लॉन्च की गई दूसरी मोबाइल हेल्थ वैन से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं में मदद मिलेगी।
बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के 4 जिलों कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर सहित 123 गांवों में सालाना 1.5 लाख से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचा रहा है। बालको सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्देश्य शिक्षा, स्थायी आजीविका, स्वास्थ्य, जल एवं स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, खेल और सांस्कृति संरक्षण के साथ सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। सामुदायिक संपत्ति सृजन जैसे वन तालाब कुआं आदि सामुदायिक विकास परियोजनाओं में शामिल है।
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एसपीएमवीवी को सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग से ₹47.9 लाख अनुदान प्राप्त होता है
Tirupati
श्री पद्मावती महिला विश्व विद्यालय (एसपीएमवीवी) की महिला बायोटेक इनक्यूबेशन सुविधा (डब्ल्यूबीआईएफ) को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) से ₹47.9 लाख अनुदान की तीसरी किश्त मिली।
कुलपति देपुरू भारती और रजिस्ट्रार एन. रजनी ने बुधवार को डब्ल्यूबीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. कला रानी और परियोजना अन्वेषक एम. विद्यावती को रिलीज लेटर सौंपा।
इस धनराशि का उपयोग उन्नत उपकरणों के रखरखाव के साथ-साथ छात्रों, संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं, उद्यमियों और ग्रामीण महिलाओं को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नवीन उत्पाद या तकनीक बनाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
सुश्री भारती ने सुविधा की प्रगति में सहायता के लिए WBIF सचिव एस. ज्योति और अन्य स्टाफ सदस्यों के प्रयासों की भी सराहना की।
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वेदांता बालको ने हासिल किया एएसआई का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेट
New Delhi
भारत की आइकॉनिक एल्युमिनियम उत्पादक बालको यह सर्टिफिकेट पाने वाली देश की पहली कंपनी है
नई दिल्ली, 27 मार्च 2024। वेदांता एल्युमिनियम की इकाई भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित अपने संयंत्र में प्राथमिक एल्युमिनियम उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग एंड सप्लाई के लिए एल्युमिनियम स्टूवर्डशिप इनिशिएटिव (एएसआई) का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेशन हासिल किया है। बालको संयंत्र में मॉल्टन एल्युमिनियम (गर्म धातु) उत्पादन हेतु स्मेल्टर के दो पॉटलाइंस तथा एल्युमिनियम को आकार देने के लिए तीन कास्टहाउस और रोल्ड प्रोडक्ट एवं पावर जेनरेशन प्लांट शामिल हैं। ये सब मिलकर बालको की सालाना 5,75,000 टन एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता को मुमकिन बनाते हैं।
बालको में एल्युमिनियम वायर रॉड, इंगॉट, प्राइमरी फाउंड्री अलॉय और रोल्ड प्रोडक्ट के साथ ही भारत की पहली ’लो कार्बन’ एल्युमिनियम रेंज रिस्टोरा का उत्पादन होता है। इन उत्पादों का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंसुलेशन, विद्युत परियोजनाओं तथा बिजली का सामान और पैकेजिंग जैसे विभिन्न उद्योगों में होता है। एएसआई का परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली बालको पहली भारतीय कंपनी बन गई है। इससे पहले वेदांता एल्युमिनियम झारसुगुडा, ओडिशा स्थित विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर स्थित अपने स्मेल्टर व कैप्टिव पावर प्लांट के लिए एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी2 सर्टिफिकेट हासिल कर चुकी है।
एएसआई सर्टिफिकेशन कार्यक्रम को विभिन्न पहलुओं की गहन परामर्श प्रक्रिया के जरिए विकसित किया गया है तथा वैश्विक एल्युमिनियम मूल्य श्रृंखला के लिए यह एकमात्र व्यापक स्वैच्छिक सस्टेनेबिलिटी मानक पहल है। एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 (2022) को एक से ज्यादा वर्षों की संशोधन प्रक्रिया के पश्चात् मई 2022 में लांच किया गया। पर्यावरण, सामाजिक एवं गवर्नेंस (ईएसजी) इन तीन स्तंभों के तहत यह 11 सिद्धांतों एवं 62 कसौटियों को परिभाषित करता है। इसका लक्ष्य है एल्युमिनियम मूल्य श्रृंखला में सस्टेनेबिलिटी संबंधी लक्ष्यों को हासिल करना जैसे जैव विविधता, मूलनिवासियों के अधिकार, सर्कुलेरिटी व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन। भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) का स्वतंत्र थर्ड पार्टी ऑडिट सेटिज़ियोन वेरिफिका द्वारा किया गया।
वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा कि एएसआई परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 सर्टिफिकेशन प्राप्त कर एएसआई के सदस्यता होने पर हम बालको का स्वागत करते हैं। इस सर्टिफिकेशन में हमारे ’लो कार्बन ग्रीन’ एल्युमिनियम रिस्टोरा और रिस्टोरा अल्ट्रा ब्रांड का उत्पादन शामिल है। भारत की आइकॉनिक एल्युमिनियम उत्पादक के तौर पर बालको एल्युमिनियम वैल्यू चैन के प्रत्येक कदम में सस्टेनेबल प्रक्रियाओं के अमल में अग्रणी रही है और वैश्विक उद्योग में स्वयं को एक बेंचमार्क के रूप में स्थापित किया है। यह सर्टिफिकेशन दायित्वपूर्ण उत्पादन विधियों के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इससे हमारी टीम को एक सस्टेनेबल दुनिया के निर्माण हेतु एल्युमिनियम की असीम संभावनाओं का उपयोग करने के और नए तरीके तलाशने की प्रेरणा मिलेगी।
एल्युमिनियम स्टूवर्डशिप इनिशिएटिव की सीईओ डॉ फियोना सोलोमन ने कहा कि हम भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) को उसकी छत्तीसगढ़ स्थित इंटिग्रेटिड एल्युमिनियम उत्पादन सुविधाओं के लिए परफॉरमेंस स्टैंडर्ड वी3 (2022) सर्टिफिकेशन हासिल करने पर बधाई देते हैं। भारत की एल्यूमिनिमय उत्पादक एवं वेदांता लिमिटेड - एल्युमिनियम बिज़नेस का हिस्सा होने के नाते बालको वैश्विक एल्युमिनियम उद्योग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह सर्टिफिकेशन बालको के सस्टेनेबिलिटी सफर में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। कंपनी उन विधियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है पर्यावरण, सामाजिक एवं गवर्नेंस (ईएसजी) की कसौटियों पर खरी उतर सकें।
बालको वेदांता एल्युमिनियम की ईकाई है। वेदांता ने 2050 तक नैट ज़ीरो हासिल करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाया है। इसके लिए कंपनी ने उत्सर्जन घटाने की स्पष्ट समय सीमा तय की है, कार्बन कटौती की अत्याधुनिक तकनीक तैनात की हैं, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग बढ़ाया है तथा स्थानीय समुदायों के बीच जाकर जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए जमीनी स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। पारिस्थितिक जरूरतों और कारोबारी आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करते हुए कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2012 से वित्तीय वर्ष 2023 तक ग्रीन हाउस गैसों की प्रचंडता में 28 प्रतिशत की प्रभावशाली कटौती करने में कामयाबी पाई है; साथ ही इस दौरान उत्पादन में तीन गुना इजाफा भी दर्ज किया गया है।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमिनियम को एल्युमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्युमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।
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किसानों के रेल रोको विरोध प्रदर्शन से पंजाब में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं
Punjab
किसानों के रेल रोको विरोध प्रदर्शन से पंजाब में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं
कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन के तहत किसान रविवार को पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठ गए। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की. पंजाब में किसानों ने घोषणा की थी कि वे अमृतसर, लुधियाना, तरनतारन, होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, संगरूर, मनसा, मोगा और बठिंडा सहित 22 जिलों में 52 स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने लोगों से बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा। भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), बीकेयू (दकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान निकाय जो संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, भी 'रेल रोको' आंदोलन में भाग ले रहे हैं। एसकेएम, जिसने किसानों के 2020-21 आंदोलन का नेतृत्व किया था, 'दिल्ली चलो' विरोध का हिस्सा नहीं है, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मुक्ति मोर्चा सरकार पर अपनी मांगें मानने के लिए दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए। पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक दिया था। किसान नेताओं ने पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि यह किसानों के पक्ष में नहीं है।
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मिलिए म्यांमार की उन महिलाओं से जो सैन्य शासन से लड़ रही हैं
नई दिल्ली, Mar 2024
मिलिए म्यांमार की उन महिलाओं से जो सैन्य शासन से लड़ रही हैं
उत्तरी म्यांमार में एक सुनसान सड़क पर, मो मो पास की सैन्य स्थिति की ओर बम ले जाने वाला एक ड्रोन लॉन्च करने की तैयारी करता है। मो मो केवल 18 साल की हैं
वह म्यांमार भर में लोकतंत्र समर्थक समूहों में पुरुषों के साथ प्रशिक्षण लेने वाली और लड़ने वाली सैकड़ों महिलाओं में से एक हैं
मो मो ऐसे ही एक विद्रोही समूह, पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (पीडीएफ) का हिस्सा है, जिसका गठन 2021 में सैन्य जुंटा के शासन को समाप्त करने के लिए किया गया था।
मांडले पीडीएफ में महिलाएं कई अन्य कर्तव्य भी निभा रही हैं, जिनमें गश्त में शामिल होना और चिकित्सक के रूप में काम करना शामिल है।
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एनजीओ के सहयोग से वेदांता एल्यूमिनियम ने 5 लाख लाभार्थियों के जीवन पर डाला सकारात्मक प्रभाव
नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024
कंपनी अपने प्रचालन स्थलों पर 20 से ज्यादा एनजीओ के साथ काम करते हुए ग्रामीण भारत में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है
नई दिल्ली, 27 फरवरी 2024: विश्व एनजीओ दिवस के मौके पर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने बताया कि गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर की जा रही उनकी कोशिशों ने अकेले वित्तीय वर्ष 2023 में ही 5 लाख लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव को मुमकिन किया है। अगर कुल मिलाकर देखें तो बीते वित्तीय वर्ष में कंपनी के सामाजिक हस्तक्षेपों ने 6.30 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। कंपनी 20 से अधिक एनजीओ के साथ मिलकर सामुदायिक जरूरतों, सरकार के विकासात्मक कार्यक्रमों एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के मुताबिक सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए सक्रियता से काम किया है।
वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों में शामिल हैं: दुनिया के सबसे बड़े एल्यूमिनियम स्मेल्टरों में से एक जो झारसुगुडा में स्थित है, ओडिशा के लांजिगढ़ में विश्व स्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी तथा कोरबा, छत्तीसगढ़ में स्थित भारत की आईकॉनिक एल्यूमिनियम उत्पादक बालको तथा वृद्धि करता हुआ खनन क्षेत्र। ये सभी प्रचालन मिलकर ग्रामीण भारत के कई इलाकों में बहुआयामी ग्रामीण निर्धनता को कम करके तथा उद्यम एवं रोजगार के अवसर पैदा कर के इन समुदाय को सामाजिक-आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं। कंपनी के सामाजिक कल्याण हस्तक्षेप पांच विषयगत क्षेत्रों पर आधारित हैं जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और जमीनी स्तर पर खेलों, कला व संस्कृति के साथ महिला व बाल विकास पर केन्द्रित हैं।
एनजीओ की मदद से कंपनी ग्रामीण समुदाय में गहरी पैठ बना पाती है जिससे संगठन को समुदायों के सामाजिक तानेबाने एवं रीति-रिवाजों की जानकारी प्राप्त होती हैं। ये संगठन वैज्ञानिक आधार पर आवश्यकताओं की समीक्षा करते हैं ताकि समुदायों की जरूरतों का पता लगाया जाए और वे वेदांता एल्यूमिनियम के सामाजिक सहयोग से लाभ प्राप्त कर सकें। कल्याकारी पहलों के लिए कार्यक्रम संबंधी दृष्टिकोण विकसित किया जाता है तथा उनके असर को मापने के लिए नियमित रूप से मूल्यांकन भी होता है। इन निर्णायक निष्कर्षों के आधार पर एनजीओ जारी कार्यक्रमों में संशोधन या इजाफा करते हैं।
वेदांता एल्यूमिनियम के साथ काम करने वाले प्रत्येक एनजीओ सहभागी का चयन कड़ी प्रक्रिया के बाद किया जाता है। एनजीओ को अपने साथ जोड़ लेने के बाद परियोजनाओं के क्रियान्वयन एवं असर पर करीबी से निगाह रखी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक सहयोगियों की नियमित ऑडिटिंग की जाती है। समुदायों को स्वावलम्बी बनाने के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ पहलें की जाती हैं। प्रोजेक्ट माइलस्टोन इस प्रकार डिजाइन किए जाते हैं कि अंततः समुदाय के लोग उसका पूरा दायित्व स्वयं ले लें।
वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021 और 2023 के मध्य हमारे सामुदायिक निवेश में 45 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई है जो दर्शाती है कि जिन समुदायों के बीच हमारा प्रचालन है उनके सम्पूर्ण विकास हेतु हम कितने प्रतिबद्ध हैं। एनजीओ के साथ रणनीतिक साझेदारी स्थापित कर के हम अपनी साझी शक्तियों के बल पर अपने समुदाय के लोगों के हित में प्रभावशाली सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की रचना व उनका अमल कर रहे हैं। वेदांता एल्यूमिनियम में हमारा मानना है कि समाज के सभी तबकों को सशक्त बना कर ही समावेशी विकास किया जा सकता है। एनजीओ के संग हमारी भागीदारी - परिवर्तनकारी एवं सतत विकास के जरिए - इस मोर्चे पर उल्लेखनीय काम कर रही है।’’
कंपनी निरंतर सहभागिताएं कर रही है जिनके तहत बड़े पैमाने पर विषय के विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है; उदाहरण के लिए पुनरुत्थान वॉलेंट्री ऑर्गेनाइज़ेशन ओडिशा में जरूरत स्वास्थ्य सुविधाओं के जरिए 2 लाख से अधिक लाभार्थियों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। इसी तरह, सार्थक जन विकास संस्थान के सहयोग से कंपनी ने प्रोजेक्ट नई किरण शुरु किया है, यह परिवर्तनकारी प्रोजेक्ट ग्रामीण लड़कियों के बीच बेहतर माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने पर केन्द्रित है।
वेदांता एल्यूमिनियम ने वेदांता फाउंडेशन के साथ मिलकर कौशल विकास कार्यक्रम संचालित किए हैं जिनके जरिए ग्रामीण युवाओं को इलेक्ट्रिकल्स व टेलरिंग जैसे व्यवसायों का प्रशिक्षण देकर उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाई जाती है। एक्शन फॉर फूड प्रोडक्शन (एएफपीआरओ) के सहयोग से कंपनी आधुनिक कृषि पद्धतियों एवं खाद्य सुरक्षा को प्रोत्साहित कर रही है। झारसुगुडा में ’जीविका समृद्धि’ और कोरबा में ’मोर जल मोर माटी’ जैसी पहल की गई हैं। इसके अलावा कंपनी स्पोर्ट्ज़ विलेज फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रामीण युवाओं को तीरंदाज़ी व कराटे का प्रशिक्षण प्रदान कर रही है और इन युवाओं ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार जीते हैं।
इन पहल के प्रभाव के बारे में एक्शन फॉर फूड प्रोडक्शन (एएफपीआरओ) के कार्यकारी निदेशक डॉ जैकब जॉन ने कहा कि वेदांता एल्यूमिनियम के सहभागिता द्वारा हजारों किसानों पर परिवर्तनकारी प्रभाव सुनिश्चित कर रहे हैं तथा युवा पीढ़ी हेतु कृषि को एक सस्टेनेबल आजीविका के तौर पर पुनः स्थापित कर रहे हैं। महाशक्ति फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक श्री जुगल पटनायक ने कहा कि हमने उद्यमिता कार्यक्रमों के लिए वेदांता एल्यूमिनियम से साझेदारी की है जिनके तहत ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की मदद की जा रही है ताकि वे अपने परिवार के कल्याण हेतु समझ भरा निर्णय ले पाएं तथा अपने समुदाय के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
इस वर्ष के विश्व एनजीओ दिवस की थीम-’’एक सतत भविष्य का निर्माणः सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका’’ के माध्यम से कंपनी अपने प्रचालन क्षेत्रों में समुदायिक जीवन को सक्रियता से समृद्ध कर रही है तथा सम्मिलित सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं वृद्धि में अभिन्न योगदाताओं के तौर पर उन्हें पहचान दे रही है।
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टी.एन. को जानकर हाईकोर्ट । विरासत आयोग अधिनियम, 2012, आज तक लागू नहीं किया गया
New delhi, Feb, 2024
मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तमिलनाडु विरासत आयोग अधिनियम, 2012 पर आश्चर्य और आश्चर्य व्यक्त किया, जिसे राज्य विधानमंडल द्वारा अधिनियमित होने और सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने के 12 साल बाद भी लागू नहीं किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश संजय वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की प्रथम खंडपीठ ने लिखा: “अधिनियम को लागू न करने के लिए बारह साल की अवधि छोटी नहीं है। यदि इसे लागू नहीं किया गया तो अधिनियम को प्रख्यापित करने का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।''
न्यायाधीशों को इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) द्वारा दायर 2019 जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कानून के गैर-कार्यान्वयन के बारे में पता चला। राज्य में विरासत संरचनाओं को संरक्षित करने के लिए एक विरासत आयोग के गठन के लिए मामला दायर किया गया था।
INTACH का प्रतिनिधित्व करते हुए, वरिष्ठ वकील एन.एल. राजा ने अदालत से शिकायत की कि हालांकि 2012 के अधिनियम के तहत तमिलनाडु विरासत आयोग के गठन की आवश्यकता है, जिसकी अध्यक्षता विरासत संरक्षण के लिए चिंतित एक प्रतिष्ठित व्यक्ति और शीर्ष सरकारी अधिकारियों को शामिल करना होगा, लेकिन ऐसे किसी निकाय का गठन नहीं किया गया है।
हालाँकि, जनहित याचिका के जवाब में एक स्थिति रिपोर्ट दायर करते हुए, राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि हालाँकि पूरा अधिनियम 1 जून 2012 को सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया था, लेकिन इसके लागू होने की सही तारीख अभी तक नहीं बताई गई है। अधिसूचित
स्थिति रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार 2012 अधिनियम के तहत वैधानिक नियम बनाने के लिए कदम उठा रही है, और जब नियम तैयार हो जाएंगे तो कानून लागू हो जाएगा। हालाँकि, न्यायाधीशों ने कहा, "नियमों का न बनाया जाना अधिनियम को लागू न करने के लिए अभिशाप नहीं है।"
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अधिनियम को 31 मई, 2012 को ही राज्यपाल की सहमति मिल गई थी, बेंच ने कहा: “2012 के अधिनियम को 12 वर्षों तक लागू न करने के लिए सरकार द्वारा लिया गया रुख, किसी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सरकार... अब समय आ गया है कि सरकार इस अधिनियम को लागू करे।''
इसके अलावा, यह इंगित करते हुए कि राज्य विधायिका ने अधिनियम को आज तक लागू नहीं होने के बावजूद 2017 में संशोधित किया था, न्यायाधीशों ने कहा कि कानून लागू होने के बाद भी इसके तहत वैधानिक नियम बनाए जा सकते हैं और इसके कार्यान्वयन की आवश्यकता है इस बहाने आगे स्थगित न किया जाए।
“हमें आशा और विश्वास है कि उत्तरदाता 2012 के अधिनियम को उसके वास्तविक अक्षर और भावना में लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे और नियत दिन को शीघ्रता से प्रकाशित किया जाएगा, अधिमानतः 26 अप्रैल, 2024 तक। नियम बनाने के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं। , “न्यायाधीशों ने आदेश दिया और जनहित याचिका याचिका को 26 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया।
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वेदांता एल्यूमिनियम ने प्राथमिक एल्यूमिनियम उत्पादों के लिए लांच किया दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन सुपरस्टोर - मेटल बाज़ार
New delhi, Feb, 2024
वेदांता मेटल बाजार 750 से ज्यादा एल्यूमिनियम उत्पादन ऑनलाइन बेचता है, इससे भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग की सूरत बदलेगी
यहां लाइव शिपमेंट ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से सशक्त स्पॉट ऑर्डर, वित्तीय समाधान जैसी विश्व स्तरीय विशेषताएं हैं मौजूद
बी2सी कॉमर्स से बी2बी मेटल बाईंग प्लेटफॉर्म पर खरीददारी का सरल, पारदर्शी और निर्बाध अनुभव
नई दिल्ली, 13 फरवरी 2024: भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने प्राथमिक एल्यूमिनियम के लिए एक नया ई-सुपरस्टोर वेदांता मेटल बाजार लांच करने की घोषणा की है जिससे देश में एल्यूमिनियम खरीदने व बेचने के तरीके में बड़ा बदलाव होगा। लांच के साथ ही यह सुपरस्टोर 750 से अधिक एल्यूमिनियम उत्पाद पेश कर रहा है जिनमें वेदांता एल्यूमिनियम की विस्तृत रेंज शामिल है। इस प्लेटफॉर्म पर ए.आई. आधारित प्राइस डिस्कवरी उपलब्ध है जिसकी मदद से ग्राहक कीमतों के उतार-चढ़ाव के बीच भी बेमिसाल सौदा प्राप्त कर सकते हैं।
इस लिंक https://browse.vedantametalbazaar.moglix.com/catalog/aluminium से वेदांता मेटल बाजार पर पहुंचा जा सकता है। यह मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है जिसे Google Play Store और Apple App Store से डाउनलोड किया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध उत्पादों में इंगॉट्स, बिलेट्स, प्राइमरी फाउंड्री अलॉय (पीएफए), वायर रॉड्स, रोल्ड प्रोडक्ट, फ्लिप कॉइल्स, हॉट मेटल और रिस्टोरा (भारत का पहला लो-कार्बन एल्यूमिनियम) शामिल हैं। इसके अलावा यह सुपरस्टोर कस्टमाइज़ सॉल्यूशन भी पेश करता है जिन्हें कंपनी के ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक तैयार किया जाता है।
एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन, ऊर्जा वितरण, रक्षा आदि अहम उद्योगों के लिए एल्यूमिनियम महत्वपूर्ण कच्चा माल है। विश्व में ऊर्जा में बदलाव हेतु इसे महत्वपूर्ण धातु माना गया है। यह नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए बेहद अहम है। इसी वजह से एल्यूमिनियम को भविष्य की धातु का खिताब दिया गया है। हालांकि अब तक एल्यूमिनियम खरीदना एक पेचीदा और बहुत संसाधन खपाने वाली प्रक्रिया थी। खरीददारों को कीमतों के उतार-चढ़ाव पर निगाह रखनी होती है, अनेक पैरामीटरों पर मोलभाव करना होता है जो कि अक्सर बहुत जटिल और समय खपाने वाला काम होता है। लॉजिस्टिक की योजना बनानी होती है और वित्तीय समाधान हेतु फॉलोअप करना पड़ता है जिसमें अक्सर ऑर्डर डिलिवरी के बारे में कोई स्पष्टता नहीं दिखती। खरीददार को अनदेखे अवरोधों के कारण गंभीर उत्पादन एवं वित्त संबंधी नुकसान की आशंका होती है और उसके अहम संसाधन फंस जाते हैं।
ग्राहकों को व्यापार करने में आसानी हो इसके लिए वेदांता एल्यूमिनियम ने वेदांता मेटल बाजार लांच किया है, यह एक अभिनव ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो एल्यूमिनियम खरीदने के अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लाने को तैयार है। यह प्लेटफॉर्म समग्र खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने का वादा करता है और खरीददारों को सक्षम बनाता है कि वे सौदे के फॉलोअप तथा एल्यूमिनियम की कीमतों में उतार-चढ़ाव एवं ऑर्डर डिलिवरी की निगरानी के बजाय अपने कारोबार की वृद्धि पर ध्यान केन्द्रित कर सकें। एल्यूमिनियम आज दुनिया में सबसे ज्यादा खपत वाली धातुओं में दूसरे नंबर पर है। इससे ज्यादा सिर्फ स्टील की ही खपत होती है। वेदांता मेटल बाजार खरीददारों के लिए वक्त पर डिलिवरी, रियल टाईम ए.आई. आधारित प्राइस डिस्कवरी तथा उनकी खरीद पर शुरु से अंत तक यानी ऑर्डर देने से लेकर डिलिवरी लेने तक दृश्यता मुमकिन करता है। इससे खरीददार मजबूत उत्पादन योजना बना सकते हैं और अपनी पूँजी को ज्यादा रणनीतिक निवेशों के लिए मुक्त रख सकते हैं। इससे ग्राहक ऑर्डर हिस्ट्री, गतिशील बाजार परिदृश्य और प्रतिस्पर्धी दरों के साथ कुछ ही क्लिक में खरीद का जानकारीपूर्ण फैसला लेने में सक्षम बनते हैं।
वेदांता मेटल बाजार एक अग्रगामी नया प्लेटफॉर्म है जिसे ग्राहकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है ताकि उनके लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव सुनिश्चित किया जा सके। इस प्लेटफॉर्म पर उत्पाद की उपलब्धता, ऑनलाइन प्राइस डिस्कवरी, दीर्घ अवधि के कॉन्ट्रैक्ट, ऑन द स्पॉट ऑर्डर, लाइव शिपमेंट ट्रैकिंग, वित्तीय समाधान, सभी अहम दस्तावेजीकरण (जैसे टेस्ट सर्टिफिकेट, बैंक गारंटी, लेटर ऑफ क्रेडिट) तथा चैनल फाइनेंस व लॉजिस्टिक प्रदाताओं के विकल्प जैसी अनेक विशेषताएं हैं जिन्हें दुनिया में पहली बार पेश किया गया है। इनकी मदद से ग्राहक अपनी खरीददारी को मुकम्मल कर सकते हैं। इस समग्र अनुभव को वेदांता एल्यूमिनियम के इन-हाउस विशेषज्ञों के पैनल का सहयोग उपलब्ध है जो पहली बार इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वालों का मार्गदर्शन करते हैं और उनकी कस्टमाइज़ेशन की जरूरतों पर बात करते हैं। चुनिंदा ग्राहकों के साथ एक वर्ष तक इस प्लेटफॉर्म का बीटा-टेस्ट सफलतापूर्वक किया जा चुका है और अब इसे सभी घरेलू खरीददारों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा, ’’दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते एल्यूमिनियम भारत की निरंतर प्रगति में बेहद अहम है। वेदांता एल्यूमिनियम में सदैव ग्राहकों को केन्द्र में रख कर निरंतर नए समाधान विकसित किए जाते हैं जो न केवल ग्राहकों की व्यापारिक सफलता सुनिश्चित करते हैं बल्कि देश के समग्र विकास में भी योगदान देते हैं। वेदांता मेटल बाजार इंजीनियरिंग क्षमता एवं डिजिटल नवाचार के एक प्रबल मिश्रण के तौर पर सही मायनों में आज के भारत का प्रतिबिम्ब है।
यह तेजी से तरक्की करते हुए राष्ट्र को विश्व स्तरीय अनुभव मुहैया कराता है तथा सभी तबकों को उपलब्धता देते हुए शीर्ष गुणवत्ता के एल्यूमिनियम तक जनतांत्रिक पहुंच प्रदान करता है।’’
वेदांता मेटल बाजार की प्रमुख विशेषताएं हैं:
यूजर फ्रैंडली इंटरफेस के साथ मोबाइल उपकरणों के जरिए अतिरिक्त पहुंच - नॉन फेरस उद्योग में पहली बार।
पेचीदा मोलभाव को व्यवस्थित करने के लिए अभिनव ’ऐग्रीमेंट टूल’।
ए.आई. सशक्त स्पॉट ऑर्डर एवं लाइव शिपमेंट ट्रैकिंग, धातु उद्योग में पहली बार।
सामग्री की खरीद पर मात्रा की कोई सीमा नहीं।
विशिष्ट क्यूआर कोड आधारित उत्पाद प्रामाणिकता जांच तथा निर्बाध फीडबैक सिस्टम।
निर्बाध खरीद हेतु भरोसेमंद चैनल फाइनेंस और लॉजिस्टिक्स प्रदाता।
बड़े, सूक्ष्म, लघु, मध्यम सभी ग्राहकों के लिए सीधी पहुंच एवं सरलीकृत, आसान कार्यप्रवाह।
भारत के सर्वप्रथम लो-कार्बन ग्रीन एल्यूमिनियम ’रिस्टोरा’ तक तुरंत पहुंच।
वेदांता की गुणवत्ता, तकनीकी सपोर्ट, प्रोडक्ट ऐप्लीकेशन, इंजीनियरिंग व इनोवेशन टीमों से बातचीत करने के लिए एक समर्पित मॉड्यूल के जरिए सिंगल विंडो।
कंपनी के सेंटर ऑफ ऐक्सीलेंस तक पहुंच के साथ तकनीकी अपस्किलिंग, जिसमें अनुसंधान संस्थानों, औद्योगिक संगठनों और वैश्विक विशेषज्ञों के व्यापक समुदाय शामिल हैं।
अपना अनुभव साझा करते हुए केईआई इंडस्ट्रीज़ के वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री मनोज कुमार जैन ने कहा, ’’वेदांता मेटल बाजार के यूजर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म से मैं बहुत प्रभावित हूं। यहां पर टेस्ट सर्टिफिकेट, रियल-टाईम क्रेडिट बैलेंस, ऑर्डर हिस्ट्री और साथ ही डिस्पैच की लाईव लोकेशन जैसी सभी जरूरी और मददगार सूचनाएं प्रदान की गई हैं। ऑनलाइन मोलभाव और एमओयू सिस्टम भरोसा जगाता है। लाइव हैजिंग और वॉट्सऐप इंटिग्रेशन जैसे आगामी फीचर्स के लिए मैं उत्साहित हूं जो इनोवेशन के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को प्रकट करते हैं।’’
अलवर के संत एल्यूमिनियम के मालिक श्री अभिषेक अग्रवाल कहते हैं, ’’एक कारोबारी होने के नाते मैं झंझट-मुक्त तरीके से एल्यूमिनियम खरीदना चाहता हूं और वेदांता मेटल बाजार मेरी अपेक्षाओं से बढ़कर है। यह प्लेटफॉर्म इस्तेमाल में आसान है और खरीद की मात्रा पर कोई सीमा नहीं है। इसका फीडबैक सिस्टम बेहतर योजना में योगदान देता है तथा मोबाइल ऐप ऑर्डर ट्रैकिंग को बेहद आसान बना देता है। धातु खरीदने के सरल व भरोसेमंद अनुभव के लिए मैं सदैव वेदांता मेटल बाजार पर जाने की सलाह दूंगा।’’
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रजिस्ट्री को अपील में अंतिम आवेदन में अंतिम अदालत के रिकॉर्ड की नरम प्रति मांगी जानी चाहिए: सर्वोच्च न्यायालय
New delhi, Feb, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सिफारिश की थी कि इसकी रजिस्ट्री में सभी आपराधिक अपीलों को ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी में शामिल किया जाना चाहिए, जिसमें स्वीकार किया गया है, अर्थात अपील जिसमें लीव दी गई है
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2021 में सरकारी राजस्व मुकदमेबाजी में सभी चरणों के निर्बाध एकीकरण को कारगर बनाने, निगरानी करने और प्रदान करने के लिए आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) पहल को अपनाने के लिए विभिन्न हितधारकों वाली एक समिति के गठन के लिए एक आदेश पारित किया गया था। तदनुसार, उद्देश्य की सुविधा के लिए एक समिति का गठन किया गया। केंद्र सरकार ने अब हाईकोर्ट और न्यायाधिकरणों के समक्ष विभाग द्वारा अपील की ई-फाइलिंग सुनिश्चित करने के अनुसरण में उठाए गए कदमों के संबंध में एक नोट प्रस्तुत किया है।
पीठ ने कहा कि बड़ी संख्या में अपीलों की सुनवाई में देरी हो रही है, क्योंकि जब तक शीर्ष अदालत का इस काम का कोई आदेश नहीं होता तब तक रिकॉर्ड की मांग नहीं की जाती है।
बेंच ने आगे कहा, “यह उचित होगा, यदि रजिस्ट्रार (न्यायिक) भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश से उचित प्रशासनिक निर्देश मांगे, ताकि रजिस्ट्री छुट्टी दिए जाने के तुरंत बाद उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगवाए.“
पिछले हफ्ते, शीर्ष अदालत दोषसिद्धि के आदेश को चुनौती देने वाली एक आपराधिक अपील पर सुनवाई कर रही थी, लेकिन मामले को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सभी बयान रिकॉर्ड पर नहीं थे.
रजिस्ट्री को तत्काल रिकॉर्ड मंगाने का आदेश देते हुए उसने आपराधिक अपील पर सुनवाई 3 अप्रैल को होनी तय कर दी।
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पंजाब के किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले हरियाणा ने कड़ी सुरक्षा, सीमाएं सील की जाएंगी
Punjab, Feb, 2024
पंजाब के किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया है।
जिंद: जैसे ही पंजाब के किसान 13 फरवरी को अपने 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए तैयार हो रहे हैं, हरियाणा पुलिस हरकत में आ गई है और अंबाला, जिंद और फतेहाबाद जिलों में पंजाब-हरियाणा सीमाओं को सील करने के लिए व्यापक उपाय शुरू कर रही है। किसानों ने 13 फरवरी को होने वाले 'दिल्ली चलो' आह्वान के पीछे रैली की है, जिसका उद्देश्य अपनी विविध शिकायतों को दूर करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना है।
हरियाणा से पंजाब तक प्रमुख मार्गों पर संभावित व्यवधानों की आशंका को देखते हुए, हरियाणा पुलिस ने एक यातायात सलाह जारी की है, जिसमें यात्रियों से 13 फरवरी को राज्य की मुख्य सड़कों पर यात्रा को अत्यावश्यक स्थितियों तक सीमित करने का आग्रह किया गया है।
सीमा चौकियों पर कड़े उपाय लागू किए गए
पंजाब के किसानों की आमद को रोकने के लिए, अधिकारियों ने दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर पटियाला दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ नाकाबंदी लागू कर दी है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिला कर्मियों सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
विरोध प्रदर्शन से पहले इंटरनेट सेवाएं निलंबित
तनाव बढ़ने के साथ, हरियाणा सरकार ने किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च की आशंका के चलते अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस को निलंबित करने का आदेश दिया है।
पुलिस ने सख्ती की, यात्रियों ने चिंता व्यक्त की
बैरिकेड्स लगाने और पुलिस की सघन उपस्थिति के कारण यात्रियों को व्यवधानों और देरी से जूझना पड़ रहा है। SHO जोगिंदर सिंह ने आगे बढ़ने से रोकने के लिए व्यापक बैरिकेडिंग की आवश्यकता पर जोर दिया, यात्रियों ने बढ़ती यात्रा कठिनाइयों पर निराशा व्यक्त की।
पुलिस द्वारा सीमाओं को मजबूत करने पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं
हालांकि पुलिस अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रहे, लेकिन जींद पुलिस के एसपी सुमित कुमार ने कहा कि पंजाब के किसानों के हरियाणा में प्रवेश को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में मीडिया की पहुंच प्रतिबंधित कर दी गई है, फिर भी रिपोर्टों से पता चलता है कि पुलिस सुदृढीकरण सीमा सुरक्षा को मजबूत कर रहा है।
किसान यूनियनें टकराव के लिए तैयार
बढ़े हुए सुरक्षा उपायों के जवाब में, हरियाणा में किसान यूनियनों ने अपने विरोध प्रयासों को बढ़ाने की रणनीति बनाते हुए, जींद में एक गुप्त बैठक बुलाई। आपात स्थिति में यूनियनों के साथ समन्वय करने के लिए एक समर्पित टीम का गठन किया गया है, जो विपरीत परिस्थितियों में किसानों के संकल्प को रेखांकित करती है।
किलेबंद सीमाएँ और कड़े सुरक्षा उपाय दिल्ली की सीमाओं पर 2020-21 के लंबे विरोध प्रदर्शन के दौरान देखे गए दृश्यों को प्रतिबिंबित करते हैं, जो किसानों और अधिकारियों के बीच मौजूदा गतिरोध की गंभीरता को रेखांकित करते हैं।
किसान यूनियनों ने तनाव बढ़ाने की चेतावनी दी
किसान यूनियनों ने कड़ी चेतावनी जारी की है और कसम खाई है कि यदि अधिकारी उनके समकक्षों के खिलाफ बल या किसी भी प्रकार का उत्पीड़न करते हैं तो वे हरियाणा में अपने विरोध प्रदर्शन को बढ़ा देंगे।
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नेशनल लोक अदालत दिनांक 09 मार्च 2024 के सफल आयोजन हेतु जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष द्वारा ली गई बैठक बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक एवं अधिवक्तागणों की बैठक
छत्तीसगढ़ ,5 फरवरी 2024
भारतीय नालसा नई दिल्ली एवं छ0ग0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा दिनांक 09 मार्च 2024 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु श्री सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा दिनांक 07 फरवरी 2024 को बीमा कंपनी, शाखा प्रबंधकों अधिवक्ताओं की बैठक ली गई। उक्त बैठक में दि न्यू इंडिया इंश्योरेन्स कंपनी, लिमिटेड कोरबा, के विधि अधिकारी, श्री प्रताप केरकेट्टा, नेशनल इंश्योरेन्स के शाखा प्रबंधक, दि ओरियण्टल इंश्योरेन्स कंपनी कोरबा के उपशाखा प्रबंधक श्रीमती शारदा नामदेव, श्री संजय जायसवाल, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संतोष कुमार मोदी, श्री आर.एन. राठौर, श्री मानसिंह यादव, श्रीमती अनिता चाको, श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल, श्री अरूण बजाज, श्री हरीश साहू, सुश्री सुमन तिवारी, श्री दिलहरण कुमार साहू, श्री प्रशांत, एवं प्राइवेट बीमा कंपनी बजाज एलियांस इंश्योरेन्स कंपनी/जनरल इंश्योरेन्स, एच.डी.एफ.सी. इंश्योरेन्स कंपनी, एस.बी.आई. जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड इंश्योरेन्स कंपनी, एच.डी.एफ.सी. एरगो इंश्योरेन्स कंपनी, कोटक महिन्द्रा इंश्योरेन्स कंपनी, रिलायन्स इंश्योरेन्स कंपनी, ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, चोला मण्डलम् इंश्योरेन्स कंपनी, टाटा ए.आई.जी. जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, रायल सुन्दरम् जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, मेगमा एच.डी.आई. जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, इफ्को-टोकियों जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, भारतीय एक्सा जनरल इंश्योरेन्स कंपनी, फ्यूचल जनरल इंश्योरेन्स कंपनी के अधिवक्तागण उपस्थित हुये।
मान. जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय द्वारा बीमा कंपनी के द्वारा राजीनामा योग्य प्रकरणों में अधिवक्तागणों से प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने तथा अधिक से अधिक प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में लगाये जाने हेतु कहा गया।
श्रीमती शीतल निकुंज, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा दिनंाक 09 मार्च 2024 नेशनल लोक अदालत के संबंध में जानकारी देते हुये कहा गया कि जो भी पक्षकार राजीनामा के माध्यम से अपने लंबित प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराना चाहते है वे पक्षकार अपने प्रकरण को संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर नेशनल लोक अदालत में रखे जाने हेतु निवेदन कर सकते है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया है कि न्यायालय में प्रस्तुत होने वाले मामले जिनमें कोर्ट फीस चस्पा है उन प्रकरणों में लोक अदालत के माध्यम से निराकरण होता है उक्त प्रकरणों में कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान है, साथ ही लोक अदालत में निराकरण होने वाले प्रकरणों में किसी भी न्यायालय में अपील स्वीकार्य नहीं होती। अधिक जानकारी के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा दूरभाष 07759-228939, तालुका विधिक सेवा समिति कटघोरा दूरभाष नंबर 07815-250833, तालुका विधिक सेवा समिति पाली दूरभाष नंबर 07816-232037,तालुका विधिक सेवा समिति करतला दूरभाष नंबर 07759-279833 कर सकते है।
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भारतीय बौध्द महासभा के पदाधिकारी मिले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी से
छत्तीसगढ़ ,5 फरवरी 2024
भारतीय बौध्द महासभा के पदाधिकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी से पहुना में मुलाकात कर आवेदन पत्र दिये की 03/03/2024 को संविधान निर्माता डाँ.बाबा साहेब आम्बेडकर जी की अस्थि पुना से रायपुर छत्तीसगढ़ 15 फरवरी को आयेगी और राज्य की कई जिलों मे दर्शन हेतु रखी जायेगी।
3 मार्च को रायपुर मे पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडोटिरियम मे सार्वजनिक दर्शन हेतु रखी जायेगी और मा.मुख्यमंत्री जी को आंमत्रण भी दिया गया है।
मा.मुख्यमंत्री जी ने डाँ.बाबा साहेब आम्बेडकर जी की अस्थि दर्शन के लिए किए जा रहे कार्यक्रम के प्रयास को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर उपस्थित बी.एस.जागृत प्रदेश अध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा छत्तीसगढ़, प्रदेश कोषाध्यक्ष निलकंठ सिंगाड़े, जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके, डाँ.आर.के.सुखदेवे, एडोव्होकेट बावनगड़े, बेनीराम गायकवाड़ आदि।
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विश्व कैंसर दिवसः कैंसर रोकथाम हेतु जागरुकता बढ़ाने के लिए वेदांता एल्यूमिनियम की पहल
छत्तीसगढ़ बालकोनगर,5 फरवरी 2024
वेदांता ग्रुप के बालको मेडिकल सेंटर ने छत्तीसगढ़ में कैंसर जागरुकता सत्र एवं जांच शिविर आयोजित किए
5 फरवरी 2024: भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने विश्व कैंसर दिवस पर कैंसर रोगियों को (खासकर ग्रामीण इलाकों के) सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस अवसर पर वेदांता ग्रुप की रायपुर स्थित अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल तथा भारत के सर्वश्रेष्ठ कैंसर केयर अस्पतालों में से एक बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने छत्तीसगढ़ में कैंसर जागरुकता गतिविधियों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जो कैंसर की रोकथाम, पता लगाने और इलाज पर केन्द्रित रही। बीएमसी की कोशिशों की थीम रही ’क्लोज़िंग द केयर गैप’ यानी कैंसर के इलाज में जो कमियां हैं उन्हें दूर करना और इसके लिए कैंसर केयर को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया गया। इसके तहत एक मैमोग्राफी वैन को लोगों के बीच भेजा गया जिसमें स्तन कैंसर, बच्चे दानी तथा सिर व गर्दन के कैंसर का पता लगाने की जांच की गई। ये तीनों कैंसर भारत में सबसे ज्यादा आम हैं। इसके अलावा रायपुर में एक कीमोथेरपी डे केयर सेंटर भी खोला गया है ताकि कैंसर रोगियों को कीमोथेरपी के लिए दूरस्थ जगहों की यात्रा न करनी पड़े। बालको ने कोरबा में हैल्पेज इंडिया एनजीओ के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रम और जागरुकता शिविर आयोजित किया।
4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, यह एक वैश्विक पहल है जो कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने को समर्पित है तथा इस दिवस पर कैंसर रोगियों व सर्वाइवरों की दृढ़ता व इच्छाशक्ति का सम्मान किया जाता है। कंपनी की गतिविधियों के अंतर्गत बीएमसी ने स्कूलों एवं सोसाइटियों में जागरुकता सत्र तथा रायपुर शहर में एक कैंसर जागरुकता वॉक भी आयोजित किया गया। इसके साथ ही बीएमसी ने प्रिवेंटिव कैंसर स्क्रीनिंग पैकेजों व फार्मेसी पर विशेष ऑफर तथा कैंसर रोगियों के लिए मुफ्त सेकंड ओपिनियन की भी घोषणा की है।
2018 में अपनी स्थापना से लेकर अब तक बीएमसी 35,000 से ज्यादा रोगियों को सेवाएं दे चुका है तथा देश में कैंसर जागरुकता व उपचार में मौजूद कमियों को दूर कर रहा है। यह केन्द्र भारत का सबसे बेहतर कैंसर अस्पताल है जहां मरीज एडवांस्ड रेडिएशन थेरपी, ब्रैकीथेरपी, न्यूक्लियर मेडिसिन, सर्जरी, कीमोथेरपी, इम्यूनोथेरपी, रक्त-संबंधी विकारों, प्लास्टिक व रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी तथा पीड़ा एवं प्रशामक देखभाल जैसे उपचारों के लिए आते हैं। इस अत्याधुनिक अस्पताल में 170 बिस्तर और अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक व थेरप्यूटिक क्षमताएं मौजूद हैं। बालको मेडिकल सेंटर देश में कैंसर के इलाज, जागरुकता, इंफ्रास्ट्रक्चर और विशेषज्ञता की कमियों को दूर करने के लिए प्रयासरत है। इसके अलावा इस सेंटर ने प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गठजोड़ भी कायम किए हैं जिनमें टाटा मैमोरियल सेंटर, मुंबई तथा जिनोमिक्स बायोटेक में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान कंपनी अनुवा शामिल हैं।
इस अवसर पर बालको मेडिकल सेंटर की अध्यक्ष सुश्री ज्योति अग्रवाल ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस हमें याद दिलाता है कि कैंसर के खिलाफ लड़ाई केवल क्लीनिकों और प्रयोगशालाओं में ही नहीं लड़ी जा रही है बल्कि उन लोगों के दिल-दिमागों में भी लड़ी जा रही है जो इससे प्रभावित हैं। बालको मेडिकल सेंटर में हम ग्रामीण इलाकों के लोगों को उत्तम क्वालिटी की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने तथा स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर को पाटने, जागरुकता बढ़ाने एवं कैंसर के साथ जुड़ी नकारात्मक धारणाओं को दूर करने और रोग का शीघ्र पता लगाने व इलाज शुरु करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने पर बालको मेडिकल सेंटर की भूमिका के बारे में बीएमसी की मेडिकल डायरेक्टर डॉ भावना सिरोही ने कहा कि कैंसर डायग्नोसिस में देरी का मतलब है कि मरीज ठीक नहीं हुए हैं, वे वित्तीय एवं टाईम टॉक्सिसिटी से पीड़ित हैं। कैंसर के भारी-भरकम खर्चे उन्हें और ज्यादा गरीबी में धकेल देंगे - यह हमारे देश की सेहत के लिए प्रतिकूल स्थिति है। इस विश्व कैंसर दिवस पर बालको मेडिकल सेंटर ने कैंसर जागरुकता शिविरों की श्रृंखला आयोजित की ताकि वक्त पर डायग्नोसिस को बढ़ावा मिले। डायग्नोसिस से मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ेगी, जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा, उपचार की लागत एवं अवधि घटेगी जो एक सेहतमंद राष्ट्र के लिए जरूरी है। दिवस पर किए गए कार्यक्रमों में कैंसर को लेकर फैली नकारात्मक धारणाओें को मिटाने पर खास तवज्जो दी गई।
वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा स्थापित तथा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा समर्थित बालको मेडिकल सेंटर उत्तम चिकित्सा सेवाओं को पहुंचनीय बनाते हुए लाखों लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है। बीएमसी के प्रतिष्ठित कैंसर विशेषज्ञ नियमित रूप से लोगों को जागरुक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते रहते हैं जिससे लोगों को मालूम चले कि वक्त पर निवारक जांच एवं बीमारी घटाने के उपाय कैंसर के विभिन्न प्रकारों के खिलाफ कितने महत्वपूर्ण होते हैं। बीएमसी के समर्पित चिकित्सा विशेषज्ञ विद्यार्थियों, कामकाजी पेशेवरों व समुदाय के अन्य सदस्यों तक विभिन्न मंचो के जरिए पहुंचते हैं जैसे जागरुकता वार्ता, स्वास्थ्य शिविर एवं वेबिनार। बालको मेडिकल सेंटर में कैंसर उपचार के अलावा सभी रोगियों को मनोवैज्ञानिक, पोषण संबंधी एवं शारीरिक थेरेपी भी प्रदान की जाती है, साथ ही इलाज के दौरान भावनात्मक सम्बल हेतु रोगी सहायता समूहों में सदस्यता भी दी जाती है।-
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शशि थरूर का कहना है कि राष्ट्र निर्माण हर किसी की जिम्मेदारी है
Chennai, Tamil Nadu
राष्ट्र-निर्माण हर किसी की ज़िम्मेदारी है - चाहे वह उद्यमी हो, गृहिणी हो या व्यवसायी। सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी राजनीति से अलग या उदासीन नहीं रह सकता क्योंकि व्यापार और उद्यमशीलता का माहौल राजनेताओं द्वारा तय किया जाता है। 'प्रगतिशील भारत के निर्माण में उद्यमियों की भूमिका' विषय पर ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस पब्लिक इंटेलेक्चुअल के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र, 'रिपब्लिक डे लंच इंटरेक्शन' में भाग लेते हुए, श्री थरूर ने कहा कि व्यवसायियों का दृष्टिकोण होना चाहिए एक बेहतर भारत बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।
इसके अलावा, श्री थरूर ने कहा कि कांग्रेस ने 1991-92 में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया और पार्टी उद्यमियों की स्वतंत्रता में विश्वास करती है, जो देश की अर्थव्यवस्था के विकास को सुविधाजनक बनाते हैं। उन्होंने कहा, "पार्टी अन्य पार्टियों से केवल मुनाफ़े के मामले में अलग है और एक समृद्ध अर्थव्यवस्था में जो राजस्व छूट गया है, उसे गरीबों को उपलब्ध कराने के मामले में है।"
गुइंडी में आईटीसी ग्रैंड चोल में आयोजित इंटरैक्टिव सत्र में, श्री चक्रवर्ती ने बताया कि पार्टी किसी क्षेत्र के भाईचारेवाद या एकाधिकार के खिलाफ थी।
श्री थरूर ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के लिए धन आवंटित करने में सरकार द्वारा निभाई गई भूमिका और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से बनाई गई फर्जी खबरों और डीपफेक को विनियमित करने के लिए एक कानून लाने के महत्व के बारे में भी बात की।
श्री थरूर ने इंटरैक्टिव सत्र में अपना परिचयात्मक भाषण देते हुए देश में उद्यमियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिनमें पूंजी और वित्तपोषण की कमी, व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली लालफीताशाही, कौशल विकास की अनुपस्थिति, खराब दूरसंचार शामिल हैं। और बिजली, और सड़क बुनियादी ढांचा।
कार्यक्रम का समापन युवा उद्यमियों के साथ सवाल-जवाब सत्र के साथ हुआ।
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2020 तक 12 लाख से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति देकर तेलंगाना वनों की कटाई में देश में शीर्ष पर है
Telangana, Andhra Pradesh
विकाराबाद में आगामी नौसेना स्टेशन के लिए एक लाख और पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलेगी
अलग राज्य के गठन के बाद से तेलंगाना राज्य ने विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी परियोजनाओं के लिए मंजूरी के माध्यम से रिकॉर्ड वनों की कटाई की अनुमति दी है।
तेलंगाना कू हरित हरम कार्यक्रम के तहत अपने वनीकरण दावों के बावजूद, राज्य वन विभाग ने राज्य गठन के केवल पांच वर्षों में 12 लाख से अधिक पेड़ों की कटाई की अनुमति देने का संदिग्ध गौरव अर्जित किया है - जो देश में सबसे अधिक था।
इसे किसी और ने नहीं बल्कि तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) आर शोभा ने 2020 में एक जनहित याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत एक हलफनामे में स्वीकार किया था।
काउंटर में, वन अधिकारी, जिन्हें बाद में वानिकी सलाहकार के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था, ने स्वीकार किया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल 12,12,753 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी, और यह पूरे देश में सबसे अधिक थी।
हालाँकि, उन्होंने मंजूरी को सही ठहराने की मांग करते हुए कहा कि विभिन्न गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए 11,717 हेक्टेयर वन भूमि पर पेड़ बिखरे हुए थे। औसतन, प्रति हेक्टेयर भूमि पर काटे गए पेड़ों की संख्या 104 थी, जो 0.4 (या 40%) छत्र घनत्व से कम थी। सभी पेड़ 30 सेंटीमीटर से अधिक के तने की परिधि के साथ बड़े हो गए थे।
अनुमतियों के माध्यम से, विभाग ने ₹2058 करोड़ कमाए थे, जो तेलंगाना राज्य के तदर्थ प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण के खाते में जमा किए गए थे। काउंटर ने कहा कि इस राशि का उपयोग वनीकरण और वन्यजीव आवास सुधार के लिए किया जा रहा है।
भारतीय नौसेना के पूर्वी नौसेना कमान द्वारा वेरी लो फ्रीक्वेंसी (वीएलएफ) संचार स्टेशन की स्थापना के लिए विकाराबाद जिले के पुदुर के पास दमगुंडम में 1174 हेक्टेयर (2,900 एकड़) वन भूमि को हटाने के सरकार के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। उच्च न्यायालय द्वारा रोक हटाने के बाद हाल ही में इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया है।
एक पंजीकृत सोसायटी 'दामागुंडा फॉरेस्ट प्रोटेक्शन जेएसी-सेव दामागुंडम' का प्रतिनिधित्व करने वाले याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि समुद्री/पनडुब्बी संचार के लिए स्थापित की जा रही रडार ट्रांसमिशन प्रणाली के परिणामस्वरूप राज्य में अधिक वनों की कटाई हो सकती है, जो पहले ही अपने वन क्षेत्र का काफी हिस्सा खो चुका है।
डायवर्जन का बचाव करते हुए शोभा ने कहा कि 1,500 एकड़ जंगल को हरित पट्टी के रूप में बनाए रखा जाएगा और यहां पेड़ नहीं काटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कैनोपी घनत्व 0.4 से कम है। उन्होंने बताया कि राज्य वन विभाग द्वारा की गई सूची के अनुसार, 0.4 घनत्व प्रति हेक्टेयर औसतन 176 पेड़ है। इस अनुमान के अनुसार भी, गैर-हरित-पट्टी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की मात्रा एक लाख पूर्ण विकसित पेड़ों की होगी। ये आधे मीटर से अधिक ऊंचाई वाले 5.5 लाख से अधिक पौधों के अलावा हैं।
“आधुनिक प्रौद्योगिकी के इन दिनों में, नौसेना अन्य विकल्प तलाश सकती है। क्या जलवायु परिवर्तन के इन दिनों में इतनी हरियाली खोना उचित है? थाने में अधिकारी और कर्मचारी होंगे, उन्हें आवासीय परिसर, बच्चों के लिए स्कूल और अन्य सुविधाएं चाहिए। आख़िरकार, पूरा वन क्षेत्र ख़त्म हो जाएगा, ”प्रस्ताव के ख़िलाफ़ एक ऑनलाइन याचिका दायर करने वाले वकील चल्ला राम कल्याण ने कहा।
संचार केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव 2010 में रखा गया था, और 2017 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अनुमति दी गई थी। प्रस्ताव को ऑफ़लाइन संसाधित किया गया था क्योंकि यह रणनीतिक महत्व का है, हलफनामे में उल्लेख किया गया है।
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लद्दाख के मुस्लिम, बौद्ध स्वास्थ्य केंद्रों का नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखने को लेकर आमने-सामने हैं
Ladakh
स्थानीय संगठनों ने भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर जोर दिया और कहा कि सरकारी विभागों में धार्मिक नामों और प्रतीकों का उपयोग असंवैधानिक और अस्वीकार्य है।
लद्दाख के दो मुख्य धार्मिक निकायों, लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन (एलबीए) और इस्लामिया स्कूल-कारगिल ने 25 जनवरी को केंद्र शासित प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर करने के कदम पर आपत्ति जताई।
एलबीए के कार्यकारी अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने कहा, "स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखने का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का हालिया आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है और यह लद्दाख के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के समान है।" कहा।
श्री दोरजे ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) के लेह और कारगिल चैप्टर के मुख्य कार्यकारी पार्षदों को संबोधित एक पत्र में अपनी आपत्ति जताई, जो वहां स्थानीय शासन के मुद्दों को चलाने वाले जुड़वां निर्वाचित निकाय हैं।
“भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सरकारी विभागों में धार्मिक नामों और प्रतीकों का उपयोग करना असंवैधानिक और अस्वीकार्य है,” श्री दोर्जी ने एलएएचडीसी-लेह और एलएएचडीसी-कारगिल से इस मामले को संबंधित उच्च अधिकारियों के साथ उठाने का अनुरोध करते हुए कहा।
स्थानीय राजनेता और इस्लामिया स्कूल-कारगिल के सदस्य सज्जाद कारगिली ने कहा कि लोगों के लिए सामान्य संसाधनों के रूप में सेवा करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को "स्थानीय स्तर पर स्वीकृत ब्रांड की आवश्यकता होती है जो सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करता है"।
श्री कारगिली ने कहा, "सार्वजनिक नीतियों और योजनाओं के नामों को जनता के विविध इरादों को प्रतिबिंबित करना चाहिए, किसी विशेष विश्वास प्रणाली या समुदाय का पक्ष लेने के बजाय समावेशिता को बढ़ावा देना चाहिए।"
उन्होंने लद्दाख के उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। श्री कारगिली ने कहा, "हम लद्दाखी समुदाय की मांग पर विचार करने का आग्रह करते हैं और सार्वजनिक संपत्तियों, नीतियों और संस्थानों पर एक विशिष्ट विश्वास प्रणाली से जुड़े नामों या प्रतीकों को शामिल करने वाले किसी भी ब्रांडिंग या बदलाव से परहेज करने का अनुरोध करते हैं।"
लेह के कम से कम 10 पार्षदों ने एक संयुक्त पत्र में चेतावनी दी कि यह निर्णय स्वास्थ्य केंद्रों के सार्वभौमिक रूप से सुलभ होने में बाधा बन सकता है। पत्र में लिखा है, "हम उपराज्यपाल से लद्दाख के निवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आदेश को रद्द करने पर विचार करने का अनुरोध करते हैं।"
23 जनवरी को जारी एक आदेश में, स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने लद्दाख में स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर नाम का उपयोग करने का निर्देश दिया था।
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जब टॉम हॉलैंड को गलती से "सेवन फिगर" बॉक्स ऑफिस बोनस मिला
Los Angeles
टॉम हॉलैंडर ने कहा, "यह आश्चर्यजनक धनराशि थी। यह उनका वेतन नहीं था।"
अभिनेता टॉम हॉलैंडर का कहना है कि एक बार उन्हें गलती से मार्वल स्टूडियोज की सुपरहीरो फिल्म एवेंजर्स के लिए टॉम हॉलैंड का सात-अंकीय बोनस वेतन मिल गया था। प्राइड एंड प्रेजुडिस और द व्हाइट लोटस में अभिनय भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले हॉलैंडर ने बुधवार को लेट नाइट विद सेठ मेयर्स में भुगतान त्रुटि का खुलासा किया, उन्होंने कहा कि लोग अक्सर दो अभिनेताओं को उनके समान ध्वनि नामों के कारण भ्रमित करते हैं।
एक दिन, हॉलैंडर ने कहा, उन्हें अपने मेलबॉक्स में एक संदेश मिला जिसमें स्पाइडर-मैन स्टार हॉलैंड के लिए एक वेतन पर्ची थी, जिसे एवेंजर्स फिल्मों में से एक के लिए बॉक्स ऑफिस बोनस की पहली किश्त के रूप में लेबल किया गया था।
"यह एक आश्चर्यजनक धनराशि थी। यह उनका वेतन नहीं था। यह उनका पहला बॉक्स ऑफिस बोनस था। संपूर्ण बॉक्स ऑफिस बोनस नहीं, पहला। और यह मेरे द्वारा कभी देखे गए पैसे से अधिक था। यह था सात अंकों की राशि,'' अभिनेता ने मेयर्स को बताया।
हॉलैंडर ने यह भी कहा कि बीबीसी के एक शो की मेजबानी करने के तुरंत बाद उन्हें ईमेल प्राप्त हुआ था, जिसके लिए उन्होंने 30,000 अमेरिकी डॉलर की राशि अर्जित की थी।
मेरी आत्मसंतुष्टि की भावना बहुत जल्दी गायब हो गई," उन्होंने आगे कहा।
अभिनेता ने यह भी कहा कि उन्हें कभी-कभी "उत्साहित, फिर भ्रमित, फिर निराश बच्चों" से मिलवाया जाता था, जो शायद सोचते थे कि वे स्पाइडर-मैन से मिल रहे हैं।
हॉलैंडर वर्तमान में एफएक्स की एंथोलॉजी फ्यूड: कैपोट वर्सेज द स्वांस में अभिनय करते हैं, जिसमें उन्होंने लेखक ट्रूमैन कैपोट की भूमिका निभाई है।
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बालको के मेगा हेल्थ कैंप से नागरिकों को मिला स्वास्थ्य लाभ
बालकोनगर, 04 जनवरी, 2023।
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) हेल्प एज इंडिया के सहयोग से अपने आरोग्य परियोजना के अंतर्गत गहनिया गांव में मेगा हेल्थ कैंप आयोजित किया। समुदाय तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए शिविर में चिकित्सा परामर्श भी दिया गया। शिविर से लगभग 157 नागरिक लाभान्वित हुए। यह मेगा हेल्थ कैंप विशेषकर जनजाति समुदाय को समर्पित था जो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
शिविर में विशेषज्ञ सेवाएं जैसे दंत, त्वचा, हड्डी, स्त्री रोग, ईएनटी, मेडिसिन, सामान्य चिकित्सक और मधुमेह, रक्तचाप के लिए नैदानिक परीक्षण आयोजित किए गए। वृद्धजनों को एडवांस इलेक्ट्रोथेरेपी तकनीक से फिजियोथेरेपी सेवा प्रदान की गई। 56 वृद्ध एवं महिला को ओपीडी तथा 13 गर्भावस्था महिलाओं को परामर्श दिया गया। 39 हिमोग्लोबिन, 27 मधुमेह, 19 त्वचा जांच के साथ 7 लोगों को फिजियोथेरेपी सेवाएँ दी गई। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा 34 महिलाओं को परामर्श दी गई। मल्टी-स्पेशियलिटी हेल्थ कैंप से बालको समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य बेहतर भविष्य की ओर लेकर जाने के कटिबद्ध है।
सामान्य स्वास्थ्य जांच और परामर्श प्रदान करने के साथ ही शिविर में आयुष्मान कार्ड पंजीकरण के बारे में जागरूकता फैलाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। स्वास्थ्य शिविर में गहनिया के साथ खेतार, फूटामुड़ा, केशलपुर और बेला पंचायत के 7 गाँवों के लोग शामिल हुए जिसमें उनकी आवश्यक चिकित्सा देखभाल और सेवाओं को सुनिश्चित किया गया। बालको ने इस साल लगभग 6 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि सामुदायिक भलाई और समृद्धि हमारी कंपनी की दृष्टिकोण के प्रतिबद्धता की आधारशिला है। हम व्यक्तियों को सशक्त बनाने और समुदायों को बढ़ावा देने में सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के महत्व को प्राथमिकता देते हैं। सभी के एकजुट प्रयासों से गहनिया मेगा हेल्थ कैंप से स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जरूरतमंदों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए बालको प्रबंधन कटिबद्ध है।
बेला ग्राम पंचायत की सरपंच जया राठिया ने शिविर की सराहना करते हुए कहा कि बालको के इस मेगा हेल्थ कैंप से सभी को लाभ हुआ है। शिविर से स्वास्थ्य सेवा के बारे में लोगों के बीच जानकारी और जागरूकता का संचार हुआ। हम गहनिया में शिविर आयोजित करने के लिए बालको के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। और आशा करते हैं कि भविष्य में इस तरह की पहल जारी रहेगी।
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बालको ने अपने अभियान से एचआईवी/एड्स जागरूकता में अग्रणी भूमिका निभाई
बालकोनगर, 28 दिसंबर, 2023।
भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने विश्व एड्स दिवस के तहत अपनी परियोजना 'आरोग्य' के अंतर्गत एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता अभियान आयोजित किया। जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बालको ने अपने सामुदायिक विकास के तहत जिले में 26,000 से अधिक व्यक्तियों तक सफलतापूर्वक पहुंच बनायी।
अभियान का उद्देश्य एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी से लड़ना और निवारक उपायों को बढ़ावा देना शामिल है। यह उच्च जोखिम वाले समूहों, युवाओं और विभिन्न समुदायों के भीतर सभी को जागरूक करना है। पूरे महीने में चले इस 'जागरूकता रथ' अभियान का शुभारंभ जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। अभियान में समुदायों के भीतर एचआईवी/एड्स के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए वीडियो, ऑडियो और पैम्फलेट का उपयोग किया गया।
अभियान में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में समूह जागरूकता सत्र, माता-पिता और युवाओं को एचआईवी/एड्स से संबंधित सुरक्षा और रोकथाम रणनीतियों पर संवेदनशील बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य निकायों और समुदायों को जोड़ने का काम किया गया। युवा चौपाल के माध्यम से सभी के सीखने की सुविधा प्रदान की गई, जहां किशोर लड़कियों और लड़कों को लीडर बनाकर समुदायों के भीतर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल में स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता सत्र संचालित किये गए जो 500 से अधिक युवाओं तक पहुंचे। इसका उद्देश्य उन्हें आवश्यक जानकारी तथा सहानुभूति को बढ़ावा देना और एचआईवी/एड्स के संबंध में संवेदनशील व्यवहार को प्रोत्साहित करना था।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां जागरूकता एचआईवी के खिलाफ एक शक्तिशाली ढाल के रूप में कार्य करेगा। जागरूकता सत्रों के साथ हमारा लक्ष्य एक अधिक सूचित और प्रगतिशील समाज को बढ़ावा देना है, जो ऐसी बीमारी के ट्रांसमिशन में कमी लाएगा और जीवन को सुरक्षित कर सकता है। समुदायों के भीतर हमारा लक्ष्य सभी के लिए एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य बनाने की दिशा में हमारी कटिबद्धता को दर्शाता है।
नागरिकों से बीमारी को बेहतर ढंग से समझने का अनुरोध करते हुए कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केसरी ने कहा कि मैं प्रत्येक नागरिक से आगे बढ़ने, जानकारी प्राप्त करने और अपनी एचआईवी/एड्स स्थिति के बारे में जागरूक रहने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खंड और जिले के भीतर, एकीकृत परीक्षण और परामर्श केंद्र (आईसीटीसी) तैयार हैं, जो व्यक्तियों को उनकी भलाई की यात्रा में सशक्त बनाने के लिए मुफ्त परीक्षण और परामर्श प्रदान करते हैं।
बालको की परियोजना आरोग्य, स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय की सेवा करने पर केंद्रित है। इस पहल से ट्रक चालकों और प्रवासी श्रमिकों जैसे उच्च जोखिम वाले व्यवहार वाले समूहों के बीच एचआईवी पर जागरूकता पैदा करने की दिशा में भी परिश्रमपूर्वक काम करती है। वित्तीय वर्ष 2024 में अभी तक मे 2,000 से अधिक व्यक्तियों को कैनोपी शिविरों, वन-टू-वन परामर्श सत्रों और समूह जागरूकता सत्रों के माध्यम से जागरूक किया गया। ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट परसाभाटा में परामर्श केंद्र एचआईवी जागरूकता परामर्श और एचआईवी परीक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में कार्य करता है। प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाने वाला विश्व एड्स दिवस, एचआईवी/एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित एक वैश्विक पहल है। यह वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को याद दिलाता है और उन लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने एड्स से संबंधित बीमारियों से अपनी जान गंवा दी है।
बालको सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन, रूरल एंड ट्राइबल (एसआरओयूटी) के साथ साझेदारी में आरोग्य परियोजना के तहत प्रभावशाली स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से समुदाय की सेवा करने में दृढ़। कंपनी ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट के माध्यम से समुदायों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करती है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अभियानों के माध्यम से जागरूकता पैदा करती है। कंपनी हर 15 दिनों में एक मोबाइल हेल्थ वैन की मदद से स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करती है। कंपनी मेगा स्वास्थ्य शिविरों और जागरूकता अभियानों का आयोजन करती है। टीकाकरण और स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देती है, जबकि घरेलू दौरों और विशेष परामर्शों के माध्यम से सुलभ स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करती है। अपनी उपचारात्मक और निवारक सेवाओं के माध्यम से, बालको वित्तीय वर्ष 2023 में 45,000 से अधिक व्यक्तियों तक पहुंच गया है।
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उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने किया बीएमसी कैंसर डेकेयर का उद्घाटन
रायपुर, 21 दिसंबर, 2023।
बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) के बीएमसी कैंसर डेकेयर सेंटर का उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने फीता काटकर किया उद्घाटन। डेकेयर सेंटर रायपुर में उन्नत कैंसर देखभाल लाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सेंटर पचपेड़ी नाका, कलर्स मॉल के पास स्थित है।
आठ कीमोथेरेपी इकाइयों और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह केंद्र व्यक्तिगत रोगी देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। डेकेयर सेंटर में दी जाने वाली सेवाओं में कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थैरेपी, टेस्ट एवं रिपोर्ट संग्रह, ओपीडी परामर्श और कैंसर संबंधित सहायता सेवाएँ शामिल हैं।
बीएमसी कैंसर डेकेयर की सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती हैं और रायपुर के साथ पूरे छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के मरीजों के लिए सेवाएं उपलब्ध हैं। अनुभवी और प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट सप्ताह में छह दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ओपीडी परामर्श प्रदान देंगे। सेंटर में कैफे भी है जिससे इलाज के दौरान मरीजों और उनके देखभाल करने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था आसान होगी।
नया रायपुर, छत्तीसगढ़ में मध्य भारत के सबसे बड़े और सबसे उन्नत कैंसर संस्थान के रूप में बालको मेडिकल सेंटर 24 घंटे कैंसर देखभाल सेवाएं प्रदान करते हुए मुख्य केंद्र बना हुआ है। ऑन्कोलॉजिस्ट एवं अत्याधुनिक मशीनों के साथ एडवांस सर्जरी, कीमो थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, पीईटी स्कैन, स्पेक्ट स्कैन, एचडीटी, एलडीटी थेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, आईसीयू, सर्जरी, दर्द एवं उपशामक केयर और 24/7 प्रयोगशाला सेवाएँ, ब्लड बैंक, फार्मेसी, कॉल सेंटर तथा आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध होगी।
छत्तीसगढ़ के माननीय उपमुख्यमंत्री और समारोह के मुख्य अतिथि श्री अरुण साव जी ने डेकेयर सेंटर के सफल उद्घाटन पर टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कैंसर के बढ़ते मामले काफी चिंताजनक हैं ऐसे में इससे निपटने के लिए यह पहल हमारी सामूहिक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएमसी के डेकेयर सेंटर में प्रदान की जाने वाली विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं निस्संदेह कैंसर से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए आशा की किरण साबित होंगी। मैं इस सराहनीय प्रयास के लिए बालको मेडिकल सेंटर की सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि यह केंद्र उपचार को आगे बढ़ाने और कई लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बालको मेडिकल सेंटर की अध्यक्ष श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र के समर्पण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिटी सेंटर में हमारे डेकेयर सेंटर की स्थापना हमारे मरीजों के लिए पहुंच बढ़ाने का महत्वपूर्ण प्रयास है। हमारा लक्ष्य कैंसर स्वास्थ्य देखभाल को घरों के करीब लाकर कैंसर उपचार प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिससे व्यक्ति बिना किसी चुनौती के अपनी भलाई को प्राथमिकता दे सकें। यह डेकेयर सेंटर विशेष रूप से कीमोथेरेपी जैसी प्रक्रियाओं के लिए नियमित जांच, फॉलो-अप और उपचार की सुविधा प्रदान करने के साथ मरीजों की लंबी यात्रा और उपचार से संबंधित स्वास्थ्य देखभाल के खर्चों को कम करेगा। हमारा प्रयास कैंसर पीड़ित मरीजों के दैनिक जीवन में सामान्य स्थिति और स्थिरता की भावना लाना।
बीएमसी डेकेयर सेंटर की सराहना करते हुए बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि वेदांता समूह के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में बालको मेडिकल सेंटर कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। हम नया रायपुर में इस अत्याधुनिक सुविधा के माध्यम से बेहतर उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो लोगों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। शहर के मध्य में डेकेयर सेंटर कैंसर से जूझ रहे व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार है।
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने बताया कि सेंटर को मरीजों के लिए बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए बेहरी तरीके से डिज़ाइन किया गया है, जिसमें कीमोथेरेपी रूम में प्रचुर प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था की गई है। बेहतर वातारण में मरीज अधिक खुशी महसूस करते हैं जिसके परिणामस्वरूप तेजी से स्वास्थ्य लाभ होता है। उन्होंने कहा कि मरीजों की हालत को नियंत्रित करने और कीमोथेरेपी दवाओं की शीघ्र डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र में ही ऑन्को-फार्मासिस्ट के साथ उपचार के अंतरराष्ट्रीय गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध है।
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बालको के सुरक्षा संकल्प के 2 वर्ष पूरे, सुरक्षा संस्कृति को मिला बढ़ावा
बालकोनगर, 13 दिसंबर 2023।
वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अपने सुरक्षा कार्यक्रम ‘सुरक्षा संकल्प’ के दो साल पूरे होने का जश्न मनाया। बालको शॉप फ्लोर टीम और संगठन के विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों एवं व्यावसायिक साझेदारों ने जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बीते दो सालों में सुरक्षा संकल्प पहल ने संयंत्र परिसर के भीतर कड़े सुरक्षा उपायों को प्रोत्साहित करने में शानदार सफलता हासिल की है।
दिसंबर 2021 से आरंभ सुरक्षा संकल्प कार्यक्रम का उद्देश्य कोचिंग, कॉउंसिलिंग, मॉनिटिरिंग और त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने में निहित सुरक्षा संस्कृति का पोषण करना है। हर महीने के पहले दिन आयोजित होने वाले व्यापक प्रशिक्षण सत्रों ने कर्मचारियों को कार्यस्थल पर रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करते हुए सुरक्षा-प्रथम मानसिकता विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लगातार 25 वें प्रशिक्षण में 1500 से अधिक कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों ने हिस्सा लिया। सभी का उत्साह सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के दो उल्लेखनीय वर्षों के सफल समापन का प्रतीक है।
सुरक्षा संकल्प कार्यक्रम अपने संचालन के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई विविध प्रकार की थीम को शामिल करता है। कंपनी व्यक्तियों को सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने सहित उनको प्रोत्साहित करती है। अपने संबंधित विभागों के भीतर सुरक्षा जागरूकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दिखाई है और दूसरों को कार्यस्थल में सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि बालको में कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता में से एक है जो हमारी कार्य संस्कृति का हिस्सा है। ‘सुरक्षा संकल्प’ एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायक रहा है जो हमारे कर्मचारियों और व्यावसायिक साझेदारों की भलाई को प्राथमिकता देता है। यह मील का पत्थर एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाने के हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे हम सुरक्षा के उच्चतम मानकों को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बालको ने वार्षिक कोयला खादान सुरक्षा पखवाड़ा-2023 के अंतर्गत चोटिया कोयला खदान में सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला का भी आयोजन किया। आयोजित कार्यशाला में खदान के भीतर महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रोटोकॉल एवं प्रथाओं पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुईं। कार्यक्रम में लगभग 200 से अधिक कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों ने भाग लिया जिन्होंने एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति बनाने का संकल्प लिया।
कंपनी अपने कर्मचारियों और समुदाय के सदस्यों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सुरक्षा-केंद्रित कार्यक्रम आयोजित करके हर साल राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन करती है। बालको सुरक्षित ड्राइविंग पाठ्यक्रम, अग्नि सुरक्षा सत्र और सड़क सुरक्षा जागरूकता सहित रेट्रो-रिफ्लेक्टिव सुरक्षा साइनबोर्ड की स्थापना किया है। बालको के प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन और विभिन्न सुरक्षा प्रशिक्षण सत्रों से कर्मचारियों सहित स्थानीय समुदायों में सुरक्षा जागरूक को बढ़ावा मिला है।
मजबूत सुरक्षा संस्कृति का निर्माण करने के लिए कंपनी कई अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया है। जैसे- ऑगमेंटेड एंड वर्चुअल रिएलिटी आधारित प्रशिक्षण केंद्र, वीडियो एनालिटिक्स, सस्टेनेबेलिटी मोबाइल ऐप और ई-लर्निंग पाठ्यक्रम जैसे डिजिटलीकरण के माध्यम से कर्मचारियों को सुरक्षा संस्कृति से जोड़ा गया है। सुरक्षा क्षेत्र में बालको अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर की मदद से यातायात एवं सड़क सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला सहित विभिन्न सुरक्षा कार्यों में बेहतर निर्णय लेने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस और डेटा अंतर्दृष्टि का लाभ उठा रहा है। रियल टाइम डेटा की निगरानी, कोयला यार्ड में हॉट स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम जैसी परियोजनाओं सहित एंड-टू-एंड डिजिटल डैशबोर्ड की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए थर्मल निरीक्षण का उपयोग करना शामिल है। शॉप फ्लोर में भारी वाहनों के सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए एलईडी लोगो प्रोजेक्टर का प्रयोग हो रहा है। सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आंतरिक वाहन संचालन में अत्याधुनिक एआई तकनीक एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) और ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम (डीएमएस) को लागू किया गया है।
कंपनी अपने प्रचालन क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी फर्स्टदृष्टिकोण के अनुरूप विभिन्न नवाचारों को अपनाने और कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोपरी रखने का कार्य किया है। द एनर्जी एंड एनवायरनमेंट फाउंडेशन की ओर से "गोल्ड कैटेगरी" में बालको को ग्लोबल रोड सेफ्टी अवार्ड 2023 पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कंपनी ने सुरक्षा डिजिटलीकरण पर अपनी 'सुरक्षा संकल्प कुटुंब' परियोजना के लिए 5वीं सीआईआई राष्ट्रीय सुरक्षा अभ्यास प्रतियोगिता में 'प्लैटिनम विजेता' का दर्जा हासिल किया।
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